59,500 प्रो-प्लैनेट पीपल बनने को तैयार (IANS)

 

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59,500 प्रो-प्लैनेट पीपल बनने को तैयार

दून यूनिवर्सिटी, देव भूमि इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, किंग्स्टन इंपीरियल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय (Gurukul Kangri Vishwavidyalaya) और पतंजलि यूनिवर्सिटी (Patanjali University) में मार्च पास्ट और इंटरएक्टिव सत्र आयोजित किए गए।

न्यूज़ग्राम डेस्क

न्यूजग्राम हिंदी: दिल्ली, उत्तराखंड और पंजाब में पर्यावरण सूचना, जागरूकता, क्षमता निर्माण और आजीविका को बढ़ावा देने वाला 'मिशन लाइफ (Mission life)' आयोजित किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) द्वारा शुरू किया गया मिशन लाइफ दरअसल पर्यावरण के प्रति जागरूक जीवन जीने पर केंद्रित है। ये चीजों के अपव्यय वाले उपभोग के बजाय सुलझे हुए और जागरूक उपयोग को बढ़ावा देता है। इस पहल का उद्देश्य ऐसे लोगों का एक वैश्विक नेटवर्क बनाना है जिन्हें प्रो-प्लैनेट पीपल (P3) कहा जाता है जो पर्यावरण के अनुकूल जीवन शैली को अपनाने और बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।

पर्यावरण मंत्रालय के मुतबिक तकरीबन 59,500 लोगों (यूट्यूब पर 2000 लाइव प्रतिभागियों सहित) ने ईआईएसीपी द्वारा आयोजित मिशन लाइफ और इसके विषयों पर आधारित जागरूकता कार्यक्रमों में भाग लिया। ये जागरूकता गतिविधियां हरिद्वार, ऋषिकेश और देहरादून में आयोजित की गईं जिनका लक्ष्य स्थानीय समुदाय और छात्र थे। इस कार्यक्रम ने लोगों को प्रेरित किया कि वे इको-फ्रेंडली (Eco–Friendly) जीवन शैली अपनाएं और पर्यावरण के प्रति जागरूक व्यक्तियों का एक ऐसा वैश्विक नेटवर्क बनाएं जो दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने के लिए प्रतिबद्ध हों।

हरिद्वार (Haridwar) में अभियान को 'हर की पौड़ी (Har ki Pauri)', अपर और लोअर मार्केट और कोतवाली चौक पर चलाया गया। दून यूनिवर्सिटी, देव भूमि इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, किंग्स्टन इंपीरियल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय (Gurukul Kangri Vishwavidyalaya) और पतंजलि यूनिवर्सिटी (Patanjali University) में मार्च पास्ट और इंटरएक्टिव सत्र आयोजित किए गए। इस कार्यक्रम में विभिन्न समुदायों, छात्रों और संकाय सदस्यों की सक्रिय भागीदारी देखी गई।

परमार्थ निकेतन (Parmarth Niketan) में प्रतिभागियों को शाम की गंगा आरती (Ganga Arti) के दौरान मिशन लाइफ के महत्व के बारे में बताया गया, जहां स्वामी चिदानंद सरस्वती और साध्वी भगवती सरस्वती ने पर्यावरण के अनुकूल जीवन के महत्व पर जोर दिया।

आईएएनएस/PT

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