चारधाम यात्रा 2023: 22 अप्रैल से खुल रहे हैं द्वार (IANS)

 

चारधाम यात्रा 2023

धर्म

चारधाम यात्रा 2023: 22 अप्रैल से खुल रहे हैं द्वार

चारधाम यात्रा 2023 का शंखनाद हो चुका है। चारोंधामों के कपाट खुलने की तिथियां घोषित हो रही हैं। गंगोत्री धाम के कपाट इस बार 22 अप्रैल को खुल रहे हैं।

न्यूज़ग्राम डेस्क

न्यूज़ग्राम हिंदी: चारधाम यात्रा 2023 का शंखनाद हो चुका है। चारोंधामों के कपाट खुलने की तिथियां घोषित हो रही हैं। गंगोत्री धाम के कपाट इस बार 22 अप्रैल को खुल रहे हैं। साथ ही यमुनोत्री धाम के कपाट भी 22 अप्रैल को ही खुलेंगे। बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति ने धामों के कपाट खुलने की तिथियों की आज घोषणा की। इस तरह इस बार 22 अप्रैल से चारोंधामों के दर्शन के लिए तीर्थयात्री उत्तराखंड पहुंच जाएंगे।

गंगोत्री और यमुनोत्री धाम उत्तरकाशी जिले में स्थित हैं। गंगोत्री धाम के कपाट 22 अप्रैल को खुल रहे हैं। गंगोत्री प्रमुख हिन्दू तीर्थस्थल है। गंगोत्री नगर से 19 किमी दूर गोमुख है, जो गंगोत्री हिमानी का अन्तिम छोर है और गंगा नदी का उद्गम स्थान है। गंगोत्री का गंगाजी मंदिर, समुद्र तल से 3042 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। भागीरथी के दाहिने ओर का परिवेश अत्यंत आकर्षक एवं मनोहारी है। यह स्थान उत्तरकाशी से 100 किमी की दूरी पर स्थित है।

गंगा मैया के मंदिर का निर्माण गोरखा कमांडर अमर सिंह थापा द्वारा 18 वी शताब्दी के शुरूआत में किया गया था। वर्तमान मंदिर का पुननिर्माण जयपुर के राजघराने द्वारा किया गया था। प्रत्येक वर्ष मई से अक्टूबर के महीनो के बीच पतित पावनी गंगा मैया के दर्शन करने के लिए लाखो श्रद्धालु तीर्थयात्री यहां आते हैं। इस साल 22 अप्रैल को गंगोत्री के कपाट खुल रहे हैं। यमुनोत्री की ही तरह गंगोत्री का पतित पावन मंदिर भी अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर खुलता है और दीपावली के दिन मंदिर के कपाट बंद होते हैं।

वही, बसंत पंचमी के मौके पर बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि घोषित कर दी गई थी। इस साल बदरीनाथ के कपाट 27 अप्रैल को सुबह 7 बजकर 10 मिनट पर खोले जाएंगे। कपाट खुलने की तिथि का ऐलान नरेंद्रनगर स्थित राजदरबार में राजपुरोहितों ने किया गया था।

--आईएएनएस/VS

मोहम्मद शमी को कोर्ट से बड़ा झटका : पत्नी-बेटी को हर महीने देने होंगे 4 लाख रुपये !

जिसे घरों में काम करना पड़ा, आज उसकी कला को दुनिया सलाम करती है – कहानी दुलारी देवी की

सफलता की दौड़ या साइलेंट स्ट्रगल? कोरिया में डिप्रेशन की असली वजह

जहां धरती के नीचे है खजाना, वहां ऊपर क्यों है गरीबी का राज? झारखंड की अनकही कहानी

'कैप्टन कूल' सिर्फ नाम नहीं, अब बनने जा रहा है ब्रांड!