ज्योतिष पंचांग के अनुसार कार्तिक (Kartik) मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी (Ekadashi) तिथि को देवउठनी ग्यारस (Gyaras) व्रत रखा जाता हैं। ऐसा कहा जाता है कि 4 महीने की लंबी नींद के बाद भगवान विष्णु (Vishnu) इस दिन जागते हैं और इस दिन से सभी मांगलिक कार्य पुनः शुरू किए जाते हैं।
इस वर्ष पवित्र कार्तिक मास अपने समापन की ओर हैं। यह 8 नवंबर को समाप्त हो जाएगा इस पवित्र महीने में कई व्रत रखे जाते हैं। लेकिन इस महीने में रखे जाने वाले देवउठनी ग्यारस व्रत का विशेष महत्व हैं। इस दिन भगवान विष्णु 4 महीने की लंबी नींद से जागने के बाद पुनः अपने भक्तों की प्रार्थना सुनना शुरू करेंगे। यह व्रत इस साल 4 नवंबर को रखा जाएगा। लोग भगवान विष्णु की पूजा करेंगे। शास्त्रों में देवउठनी एकादशी के नाम से जाना जाने वाला यह व्रत कई जगहों पर ग्यारस नाम से भी जाना जाता हैं।
ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा पाठ करने से वह प्रसन्न हो जाते हैं और सभी मनोकामनाएं पूर्ण कर देते हैं। लेकिन शास्त्रों में इस व्रत को करने के कुछ विशेष नियम बताए गए हैं जिनका पालन हर मनुष्य को करना ही चाहिए। यदि मनुष्य ऐसा नहीं करता है तो वह पाप के समान फल प्राप्त करेगा।
भूलकर भी न करें ये काम
• इस दिन व्यक्ति को भूलकर भी तुलसी के पौधे को नहीं तोड़ना चाहिए इसका कारण यह है कि इसी दिन भगवान शालिग्राम (Shaligram) का माता तुलसी (Tulsi) से विधि विधान से विवाह किया जाता हैं।
• इस दिन व्यक्ति को तामसिक भोजन में चावल खाने से बचना चाहिए। इस दिन मदिरा, मांस आदि का सेवन भी निषेध है।
• इस दिन व्यक्ति को किसी भी प्रकार के वाद विवाद से बचना चाहिए। गलत शब्द का प्रयोग नहीं करना चाहिए और इस दिन हर समय भगवान का स्मरण करना चाहिए।
इन कार्यों से होगे भगवान विष्णु प्रसन्न
• सनातन धर्म में दान का बहुत महत्व है इसीलिए व्यक्ति को इस दिन जरूरतमंद को अन्न और धन का दान करना चाहिए और जो लोग विवाह संबंधित बाधाओं का सामना कर रहे हैं उन्हें देव उठावनी एकादशी के दिन केला या हल्दी और केसर का दान जरूर करना चाहिए।
• शास्त्र के अनुसार इस दिन व्रत करने से व्यक्ति का मान-सम्मान ऐश्वर्या धन बढ़ जाता है। और ऐसा करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती हैं।
(PT)