न्यूजग्राम हिंदी: वैसे तो भगवान श्री राम (Shri Ram) कण कण में मौजूद हैं लेकिन भगवान श्रीराम का भारतीय संविधान (Indian constitution) के साथ एक विशेष तरह का संबंध है। आज के इस लेख में हम आपको भगवान श्री राम की उस तस्वीर के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं जो संविधान की मूल प्रति पर मौजूद है। संसद (Parliament) में सुरक्षित रखी गई संविधान की यह प्रति अपने आप में बहुत खास है।
भगवान श्री राम की यह तस्वीर संविधान के उस भाग में मौजूद है जो मौलिक अधिकारों के बारे में बताता है। इसमें मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के साथ उनकी पत्नी माता सीता और उनके छोटे भाई लक्ष्मण भी मौजूद है। ऐसा कहा जाता है कि यह तस्वीर उस समय की है जब भगवान श्री राम, रावण (Ravan) पर विजय प्राप्त कर अयोध्या लौटे थे। राजनीतिक मूल्यों, संस्कृति और नैतिकता के आदर्श रहे भगवान श्री राम का जीवन दर्शन और व्यक्तित्व हमारे संवैधानिक मूल्यों के समान ही है।
हमारे देश के संविधान में मात्र भगवान श्री राम की ही तस्वीर नहीं है बल्कि इतिहास के उन चुने हुए गुरु और महात्माओं की तस्वीर है जिन्होंने हमारे जीवन को एक नई दिशा दी है। इन सभी को संविधान के अलग-अलग पृष्ठों पर अलग-अलग जगह दी गई है। भारत के संविधान में कुल 22 चित्र हैं जो भारत की गौरवशाली विरासत को दर्शाते हैं। संविधान में गीता का उपदेश देते वक्त श्री कृष्ण के साथ अर्जुन की तस्वीरें, नटराज, भगवान बुद्ध, वीर शिवाजी, लक्ष्मीबाई, टीपू सुल्तान, मुगल सम्राट अकबर, गंगा मैया और भागीरथ की भी तस्वीर है।
जब संविधान लिख कर तैयार हो गया तो उसमें जगह खाली थी जिन पर सभी की सहमति से चित्र बनाने का निर्णय लिया गया और इसकी जिम्मेदारी उस वक्त के मशहूर चित्रकार नंदलाल बोस (Nandlal Bose) को दी गई थी । उन्होंने इन 22 चित्रों के अलावा संविधान के पृष्ठों के किनारों को भी एक अलग डिजाइन दिया।
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