Masik Shivratri 2024: मासिक शिवरात्रि पर भगवान शिव एवं माता पार्वती की पूजा निशा काल में होती है।(Wikimedia Commons) 
धर्म

अविवाहित जातकों के शादी के बनेंगे योग, मासिक शिवरात्रि पर करें शिव संग पार्वती की पूजा

फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान शिव एवं माता पार्वती परिणय सूत्र में बंधे थे। अतः हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। इस दिन भगवान शिव संग माता पार्वती की पूजा की जाती है। इसके साथ ही उनके लिए व्रत रखा जाता है।

न्यूज़ग्राम डेस्क

Masik Shivratri 2024: हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। इस साल वैशाख के महीने में यह मासिक शिवरात्रि 6 मई को मनाई जाएगी। यह मासिक शिवरात्रि पर्व भगवान शिव को समर्पित होता है। शास्त्रों के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान शिव एवं माता पार्वती परिणय सूत्र में बंधे थे। अतः हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। इस दिन भगवान शिव संग माता पार्वती की पूजा की जाती है। इसके साथ ही उनके लिए व्रत रखा जाता है। इस व्रत के पुण्य प्रताप से विवाहित स्त्रियों को सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। वहीं, अविवाहित जातकों की शीघ्र शादी के योग बनने लगते हैं। अतः साधक मनोकामना पूर्ति हेतु मासिक शिवरात्रि पर विधि-विधान से भगवान शिव एवं माता पार्वती की पूजा करते हैं।

क्या है शुभ मुहूर्त

ज्योतिषीय गणना के अनुसार 06 मई को दोपहर 02 बजकर 40 मिनट पर वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी शुरु होगी और अगले दिन 07 मई को सुबह 11 बजकर 40 मिनट पर समाप्त होगी। मासिक शिवरात्रि पर भगवान शिव एवं माता पार्वती की पूजा निशा काल में होती है। अतः 06 मई को मासिक शिवरात्रि मनाई जाएगी।

यह व्रत उन भक्तों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है, जो मनचाहे विवाह की कामना करते हैं।(Wikimedia Commons)

भद्रावास योग का समय

ज्योतिषियों की मानें तो वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर भद्रावास योग का निर्माण हो रहा है। भद्रावास योग शाम 05 बजकर 43 मिनट से लेकर देर रात तक है। इस समय भद्रा स्वर्ग लोक में रहेंगी। शास्त्रों में निहित है कि भद्रा के स्वर्ग में रहने के दौरान पृथ्वी के समस्त प्राणियों का कल्याण होता है।

मासिक शिवरात्रि का महत्व

हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि का खास महत्व है। यह दिन पूरी तरह से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के लिए समर्पित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो लोग श्रद्धा और समर्पण के साथ यह व्रत रखते हैं, भगवान शिव और माता पार्वती उन्हें सभी सांसारिक सुख, धन, समृद्धि आदि प्रदान करती हैं।

यह व्रत उन भक्तों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है, जो मनचाहे विवाह की कामना करते हैं। इस शुभ दिन पर उन्हें देवी पार्वती को श्रृंगार का सामान और भगवान शिव को वस्त्र चढ़ाने की सलाह दी जाती है।

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