Vinayak Chaturthi 2024 : हिंदू धर्म में भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र गणेश जी का विशेष स्थान माना जाता है। सभी शुभ और मांगलिक कार्यों का आरंभ गणेश जी की पूजा के साथ ही होता है। विनायक चतुर्थी का पर्व भगवान गणेश को समर्पित होता है यह व्रत बेहद पुण्यदायी माना जाता है। इस दिन बुद्धि, ज्ञान और समृद्धि के देवता भगवान गणेश को समर्पित है। इस तिथि को संकष्टी चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन गणेश की पूजा-अर्चना करने से पापों का नाश होता है। तो आइए जानते हैं इस माह यह व्रत कब रखा जाएगा-
हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 09 जून, 2024 दोपहर 03 बजकर 44 मिनट पर शुरू होगी तथा इसका समापन अगले दिन यानी 10 जून, 2024 दोपहर 04 बजकर 14 मिनट पर होगा। उदया तिथि के कारण विनायक चतुर्थी का व्रत 10 जून को रखा जाएगा।
इस दिन सुबह उठकर पवित्र स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। फिर एक वेदी को साफ करें और उसपर बप्पा की प्रतिमा स्थापित करें। भगवान गणेश जी को गंगाजल से स्नान करवाएं। इसके बाद सिंदूर, चंदन का तिलक लगाएं और पीले फूलों की माला अर्पित करें। गणेश भगवान को हमेशा मोदक का भोग लगाना चाहिए। फिर देशी घी का दीपक जलाएं और वैदिक मंत्रों से भगवान गणेश का ध्यान करें। इसके बाद संकष्टी चतुर्थी व्रत कथा का पाठ समाप्त कर आरती करें। अगले दिन व्रत खोलने के लिए भगवान गणेश को चढ़ाए गए प्रसाद से अपना व्रत खोलें। गणेश जी की पूजा में तुलसी पत्र का प्रयोग गलती से भी न करें। पूजा में हुई गलतियों के लिए भगवान से क्षमा याचना करें। इसके अलावा व्रती किसी के बारे में बुरा बोलने से बचें।
विनायक चतुर्थी की पूजा के दौरान मंत्रों का जाप और गणेश चालीसा का पाठ करना भी शुभ फलदायी माना जाता है इसलिए विनायक चतुर्थी पर गणेश मंत्र का जाप करना बहुत शुभफलदाई माना जाता है।
त्रयीमयायाखिलबुद्धिदात्रे बुद्धिप्रदीपाय सुराधिपाय।
नित्याय सत्याय च नित्यबुद्धि नित्यं निरीहाय नमोस्तु नित्यम्।