लंका डिप्टी राक्षस राज दशानन जैसे कई नाम से प्रसिद्ध रावण बहुत ही विद्वान था हालांकि उन्हें घृणा बड़ी नजरों से देखा जाता है लेकिन यदि उनके रक्षा रूप को हटा दिया जाए तो वह काफी विद्वान था उसके पास कई विद्यार्थी लेकिन उसने अपनी सभी विधाओं का गलत इस्तेमाल कर इतिहास के पन्नों में अपनी छवि नकारात्मक बना दी। रावण को अपनी शक्ति, भगवान शंकर की भक्ति और सोने की लंका पर बहुत घमंड था। आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि को श्री राम ने रावण का वध कर अपनी पत्नी सीता को छुड़ाया था तब से दशहरा को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। दशहरा पर देश भर में रावण उसके भाई कुंभकरण और बेटे मेघनाथ के पुत्रों का दहन किया जाता है आज दशहरा है और इसे पूरे जोश के साथ मना रहे हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि रावण की मंदोदरी के अलावा कितनी पत्नियों और थी? रावण की मृत्यु के बाद मंदोदरी का आखिर हुआ क्या?
आपको बता दे की रावण के पूरे परिवार में सिर्फ दो ही लोग ऐसे थे जो सीता के अपहरण और राम से युद्ध के खिलाफ थे उनमें एक भाई विभीषण और दूसरी पत्नी मंदोदरी थी। दोनों रावण को लगातार समझते रहे की सीता को सम्मान पूर्वक राम को लौटा दो और युद्ध को टाल दो लेकिन लंका अधिपति नहीं माने। फिर युद्ध हुआ और राम ने रावण का वध कर दिया वाल्मीकि रावण में बताया गया है कि जब रावण की युद्ध में मृत्यु होती है तो मंदोदरी रहती है अनेक यज्ञों का विलुप्त करने वाले धर्म को तोड़ने वाले देव असुर व मनुष्यो की कन्याओं का हरण करने वाले आज तू अपने पाप कर्मों के कारण ही मृत्यु को प्राप्त हुआ है। रावण के वध के बाद राम ने लंका का राज पाठ रावण के छोटे भाई विभीषण को सौंप दिया।
लंका अधिपति रावण की पत्नी मंदोदरी को पतिव्रत धर्म का पालन करने के लिए देवी अहिल्या के बराबर माना जाता है। फिर भी मंदोदरी के अलावा रावण की दो पत्नियों और थी दूसरे शब्दों में उनकी तो कुल तीन पत्नियों थी। रावण की पहली पत्नी और पटरानी का नाम मंदोदरी था मंदोदरी राक्षस राज मयासुर की बेटी थी रावण की दूसरी पत्नी का नाम धन्य मालिनी था तीसरी पत्नी के बारे में कहा जाता है कि रावण ने उसकी हत्या कर दी थी इंद्रजीत मेघनाथ महोदर रहस्य विरुपाक्ष भी भीकम मंदोदरी के पुत्र थे।
धन्य मालिनी से अतिक्य और श्री शिरार दो बेटियों ने जन्म लिया। तीसरी पत्नी के प्रस्त नरेंद्र का और देवताका नाम के बेटे थे।