अब जैसा कि आप सबको पता होगा कि एशियन गेम्स की शुरुआत हो चुकी है और आए दिन भारतीय महिलाओं और भारतीय कैंडिडेट्स के किसी न किसी खेल में पदक जीतने की खबरें भी आती हैं और यह काफी गर्व की बात है कि भारत ने एशियाई खेलों में कई सारे पदक जीते हैं। लेकिन सबसे ज्यादा खुशी तब होती है जब एक महिला किसी भी क्षेत्र में चाहे वह एशियन गेम्स हो या फिर बिजनेस सेटअप करना हो, हर जगह नाम कमाती हैं तो इससे गर्व की बात और कुछ हो ही नहीं सकती। तो चलिए आज हम आपको एशियन गेम्स में पदक जीतने वाली महिलाओं के बारे में बताएंगे।
अभी हाल ही में भारतीय महिला कंपाउंड टीम ने पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए गुरुवार को रोमांचक फाइनल में चीनी ताइपे को एक अंक से हराकर एशियाई खेलों की तीरंदाजी प्रतियोगिता में दूसरा स्वर्ण पदक सुनिश्चित किया। ज्योति सुरेखा अदिति स्वामी और परनीत कौर की शीर्ष वरियागत विश्व चैंपियन टीम ने फाइनल में अंतिम चरण में 60 में से 60 अंक के परफेक्ट स्कोर के साथ चीनी टाइप की तीसरी वरीय जोड़ी को 230 – 229 से हराया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल नेटवर्किंग साइट एकस पर अपनी पोस्ट में ज्योति सुरेखा अदिति स्वामी और परनीत कौर को स्वर्ण पदक जीतने पर खूब बधाइयां दी। भारत का मौजूद खेलों का तीरंदाजी में यह दूसरा स्वर्ण और कुल पांचवा पदक है। बुधवार को ज्योति और ओजस देवताले ने कंपाउंड मिश्रित टीम स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था।
आपको बता दे कि भारत का एशियाई खेलों में तीरंदाजी प्रतियोगिता में यह अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा है देश ने पिछला सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2014 में किया था जब उसने एक स्वर्ण एक रजत और एक कश्यप पद जीता था।
देवताल और अभिषेक वर्मा पुरुष कंपाउंड वर्ग के फाइनल में जगह बनाकर भारत के लिए दो और पदक पक्के कर चुके हैं। ज्योति ने भी महिला कंपाउंड व्यक्तिगत फाइनल में जगह बनाकर पदक पक्का किया है इसके अलावा घुड़सवारी में भी स्वर्ण पदक मिला है। महिलाओं की इस अचीवमेंट को देखकर आज भारत को उन पर काफी गर्व हो रहा है क्योंकि यह वही महिलाएं हैं जिन्हें पहले खेलकूद में हिस्सा तो दूर की बात पढ़ने लिखने के भी मौके नहीं दिए जाते थे लेकिन आज इन महिलाओं को देखकर यह कहा जा सकता है कि भारत बदल रहा है और महिलाओं को भी समान अवसर प्रदान किया जा रहे हैं जिससे कि वह अपनी पहचान बना सके।