Khelo India भारत से चैंपियन तैयार करने का अच्छा मंच(IANS)

 

Khelo India

खेल

Khelo India भारत से चैंपियन तैयार करने का अच्छा मंच

खेलो इंडिया यूथ गेम्स (Khelo India Youth Games), जमीनी स्तर के खेलों को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्रालय की एक पहल है, जो भविष्य के चैंपियनों को तैयार करने के लिए एक बेहतरीन मंच बन गया है।

न्यूज़ग्राम डेस्क

न्यूज़ग्राम हिंदी:  खेलो इंडिया यूथ गेम्स (Khelo India Youth Games), जमीनी स्तर के खेलों को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्रालय की एक पहल है, जो भविष्य के चैंपियनों को तैयार करने के लिए एक बेहतरीन मंच बन गया है। पिछले तीन संस्करणों में, देश भर के 17,000 से अधिक युवा एथलीटों ने ट्रैक और फील्ड सहित विभिन्न खेल विधाओं में प्रतिस्पर्धा की है। कई युवाओं ने भी सीनियर स्तर पर अपनी जगह बनाई है और अपने संबंधित विषयों में 2024 पेरिस ओलंपिक खेलों के क्वालीफाई मानकों को प्राप्त करने के लिए सही रास्ते पर हैं।

उदाहरण के लिए, हरियाणा की किशोर पहलवान अंतिम पंघाल, जिन्होंने पंचकुला में आयोजित 2021 केआईवाईजी संस्करण में स्वर्ण जीतने के बाद से तेजी से प्रगति की। अगले वर्ष, उन्होंने विश्व अंडर-20 महिला कुश्ती चैंपियनशिप में अपने भार वर्ग में स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय बनने के लिए इतिहास रचा।

 Khelo India भारत से चैंपियन तैयार करने का अच्छा मंच



मुख्य राष्ट्रीय महिला कुश्ती कोच जितेंद्र यादव ने कहा, "2019 में पंचकूला खेल अंतिम के खेल करियर में एक महत्वपूर्ण मोड़ था। उन्होंने अपने संबंधित भार वर्ग में स्वर्ण जीतकर राष्ट्रीय परि²श्य पर आने की घोषणा की। तब से उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।"



पंचकूला में केआईवाईजी ने अंतिम को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका दिया। अपने वजन समूह में स्वर्ण जीतने के कारण, वह 10,000 रुपये की मासिक छात्रवृत्ति की पात्र बन गई। वर्तमान में, हरियाणा के हिसार की अंतरराष्ट्रीय पहलवान को टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (टॉप्स) द्वारा वित्त पोषित किया जाता है।

कुश्ती कोच ने कहा, "पंचकुला में खेले गए खेलो इंडिया यूथ गेम्स ने अंतिम के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में काम किया। तब से वह कदम दर कदम आगे बढ़ी है। हमें उम्मीद है कि अंतिम 2023 विश्व कुश्ती चैंपियनशिप के दौरान पेरिस ओलंपिक खेलों में क्वालीफाई करेगी।"

--आईएएनएस/VS

एक Sparrow Man की कहानी, जिनकी मेहनत से बचा हजारों गोरैयों का परिवार!

भगवान जगन्नाथ का रथ खींचती हैं जो रस्सियाँ, उनके पीछे छिपा है एक आदिवासी समाज!

मोहम्मद शमी को कोर्ट से बड़ा झटका : पत्नी-बेटी को हर महीने देने होंगे 4 लाख रुपये !

जिसे घरों में काम करना पड़ा, आज उसकी कला को दुनिया सलाम करती है – कहानी दुलारी देवी की

सफलता की दौड़ या साइलेंट स्ट्रगल? कोरिया में डिप्रेशन की असली वजह