<div class="paragraphs"><p>नेताजी सुभाष चन्द्र बोस &nbsp;की जयंती के मौके पर PM नरेंद्र मोदी ने  द्वीपों का नामकरण परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर किया</p></div>

नेताजी सुभाष चन्द्र बोस  की जयंती के मौके पर PM नरेंद्र मोदी ने द्वीपों का नामकरण परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर किया

 

नेताजी सुभाष चन्द्र बोस (IANS)

अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह

PM मोदी ने द्वीपों का नामकरण परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर किया

न्यूज़ग्राम डेस्क

न्यूज़ग्राम हिंदी: नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जयंती के मौके पर PM नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अंडमान और निकोबार के 21 बड़े द्वीपों का नामकरण परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर किया। इस मौके पर मौजूद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि दुनिया में कोई भी देश ऐसा नहीं है, जिसने किसी द्वीप का नाम देश के लिए लड़ने वाले वीर जवानों के नाम पर रखा हो। भारत पहला ऐसा देश है जिसने ये काम किया है। उन्होंने कहा कि सेलुलर जेल जेल नहीं आजादी का एक बड़ा तीर्थस्थान है। अमित शाह ने कहा कि आज का दिन भारतीय सेना के तीनों अंगो के लिए महत्वपूर्ण दिन है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 द्वीपों का नामकरण परमवीर चक्र वीरों के नाम पर करने का काम किया। अंडमान निकोबार द्वीप समूह को प्रधानमंत्री के निर्णय ने स्वतंत्रता की स्मृतियों के साथ देश से जोड़ने का काम किया है। शाह ने कहा कि 1857 की क्रांति के बाद हजारों स्वतंत्रता सेनानियों को यहीं सेलुलर जेल में लाकर रखा गया। उन्हें यातनाएं दी गईं। इसी धरती ने उन्हें सांत्वना देने का काम किया। ऐसे में मैं मानता हूं कि ये सेलुलर जेल नहीं आजादी का एक बड़ा तीर्थस्थान है।

अमित शाह ने बताया कि जब नेताजी ने आजाद हिंद फौज बनाकर देश को स्वतंत्र करने का प्रयास शुरू किया तो सबसे पहले यही हिस्सा स्वतंत्र हुआ। पहली बार नेताजी के हाथ से यहीं तिरंगा फहराया गया और आज प्रधानमंत्री ने यहां 21 द्वीपों का नामकरण उन लोगों पर किया जिन्होंने देश के लिए अपना बलिदान दिया। जब भी भारत का इतिहास लिखा जाएगा इस घटना को स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने 21 दीप जलाने का काम आज किया है।



गृहमंत्री ने कहा कि आज नेताजी की जयंती पर उनके स्मारक की घोषणा भी की जा रही है। उन्होंने 15 हजार किलोमीटर का जो लंबा मार्च निकाला था, उस समय का रूट और तापमान को सोचकर ही कंपकंपी आ जाती है कि उन्होंने कितना सहा होगा। सुभाष चंद्र बोस को भुलाने का बहुत प्रयास हुआ मगर जो वीर होते हैं वो किसी के मोहताज नहीं होते। सेलुलर जेल में अमर ज्योति को रोक लिया गया था प्रधानमंत्री ने उसको फिर से प्रज्वलित करने का काम किया है।

--आईएएनएस/VS

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