भारतीय लिबरल पार्टी (बीएलपी) के अध्यक्ष डॉ. मुनीश कुमार रायज़ादा ने धर्मशाला में अमेरिकी प्रतिनिधि (जिसमें पूर्व अमेरिकी सदन की स्पीकर नैन्सी पेलोसी भी शामिल हैं) के दौरे का स्वागत किया है। अमेरिका की तरफ से दलाई लामा और तिब्बत की निर्वासित सरकार से मुलाकात करने की इस पहल को लेकर BLP अध्यक्ष डॉ रायज़ादा ने अपनी प्रसन्नता व्यक्त की है। यहाँ बताया दें कि, पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना ने 1959 में तिब्बत पर कब्जा कर लिया था और तब से दलाई लामा और तिब्बत के लोग भारतीय राज्य हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला क्षेत्र में निर्वासन में रह रहे हैं। यह दौरा अमेरिकी कांग्रेस द्वारा तिब्बत समाधान अधिनियम नामक विधेयक पारित करने के ठीक बाद हुआ है। इस विधेयक द्वारा चीन से अनसुलझे मुद्दों को सुलझाने के लिए तिब्बत के साथ बातचीत करने का आह्वान किया गया है।
डॉ. रायज़ादा ने सुझाव दिया कि भारत सरकार को तिब्बत मुद्दे पर अधिक मुखर होना चाहिए और स्वतंत्र तिब्बत के मुद्दे का खुलकर समर्थन करना चाहिए। तिब्बत और भारत के बीच लोगों के आपसी संबंधों के बारे में बात करते हुए डॉ. रायज़ादा ने बताया कि भारतीयों का तिब्बत के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक एवं भावनात्मक स्तर पर गहरा लगाव एवं सामीप्य है। इन भावनाओं का ख्याल रखते हुए भारत सरकार को तिब्बती लोगों की दुर्दशा के प्रति अधिक चिंता दिखानी चाहिए।
भारतीय लिबरल पार्टी (BLP) तिब्बत की आज़ादी के लिए पूरी तरह से समर्थन करती है और पार्टी अध्यक्ष डॉ. रायज़ादा व्यक्तिगत रूप से इसके प्रति भावुक हैं। हम भारत सरकार से मांग करते हैं कि वो दलाई लामा के साथ मिलकर काम करे।