यात्रियों ने बताया कि फ्लाइट अचानक इतनी बुरी तरह हिलने लगी कि लोग ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाने और प्रार्थना करने लगे। 
दिल्ली

टर्बुलेंस में फंसा इंडिगो विमान, यात्रियों में मची अफ़रा-तफ़री

दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में बुधवार को आए तेज़ तूफ़ान, बारिश और आंधी के चलते एक बड़ा विमान हादसा टल गया। इंडिगो एयरलाइंस की फ्लाइट दिल्ली से श्रीनगर जा रही थी,जो की हवा में कड़े एयर टर्बुलेंस का शिकार हो गई। विमान में मौजूद 227 यात्रियों ने मौत जैसे डरावने लम्हे महसूस किए।

न्यूज़ग्राम डेस्क

बुधवार को दिल्ली से श्रीनगर जा रही इंडिगो एयरलाइंस की एक फ्लाइट खराब मौसम की चपेट में आ गई। जब विमान दिल्ली-एनसीआर के ऊपर उड़ रहा था, तब तेज़ बारिश, आंधी और तूफान की वजह से वह हवाई झटकों यानी एयर टर्बुलेंस में फँस गया। इस दौरान विमान का अगला हिस्सा थोड़ा क्षतिग्रस्त भी हो गया। विमान में कुल 227 यात्री सवार थे, जिनमें कुछ सांसद भी शामिल थे। यात्रियों ने बताया कि फ्लाइट अचानक इतनी बुरी तरह हिलने लगी कि लोग ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाने और प्रार्थना करने लगे। तृणमूल कांग्रेस की सांसद सागरिका घोष ने कहा कि उन्हें लगा कि अब उनकी ज़िंदगी खत्म होने वाली है, लेकिन पायलट की सूझबूझ से सभी सुरक्षित रहे।

ऐसा आमतौर पर तब होता है, जब विमान घने बादलों, तेज़ हवाओं या किसी वायुमंडलीय हलचल से टकराता है।

एयर टर्बुलेंस एक ऐसी स्थिति होती है, जब विमान हवा में तेज़ झटकों से गुजरता है। ऐसा आमतौर पर तब होता है, जब विमान घने बादलों, तेज़ हवाओं या किसी वायुमंडलीय हलचल से टकराता है। टर्बुलेंस के कारण प्लेन अचानक ऊपर-नीचे या दाएं-बाएं हिलने लगता है। इसमें यात्रियों को झटके लगते हैं, जिससे डर और घबराहट होती है। कई बार लोग यह सोच लेते हैं कि प्लेन क्रैश होने वाला है। लेकिन असल में, विमान ऐसे हालात का सामना करने के लिए पहले से ही डिज़ाइन किए जाते हैं। पायलट और क्रू को भी इस तरह की स्थिति से निपटने की पूरी ट्रेनिंग दी जाती है।

कुछ टर्बुलेंस बादलों से दिखते हैं, लेकिन एक प्रकार का टर्बुलेंस ऐसा भी होता है जिसे देखा नहीं जा सकता, इसे ‘क्लियर एयर टर्बुलेंस’ कहा जाता है। यह ज़्यादातर ऊंचाई पर तेज़ चलने वाली हवाओं, जिसे ‘जेट स्ट्रीम’ कहा जाता है, के पास होती है। इसकी सबसे खतरनाक बात यह है कि इसका पहले से अंदाज़ा लगाना बहुत मुश्किल होता है। यह अचानक आता है और अगर यात्री सावधान न हों, तो उन्हें चोट भी लग सकती है।

इंडिगो के पायलट और क्रू ने अपनी जिम्मेदारी बहुत अच्छी तरह निभाई, जिससे सभी यात्री सुरक्षित श्रीनगर पहुंच सके।

विमान कंपनियां और पायलट मौसम की जानकारी पहले से लेते हैं ताकि वे टर्बुलेंस वाले इलाकों से बच सकें। लेकिन फिर भी कुछ टर्बुलेंस जैसे क्लियर एयर टर्बुलेंस अचानक आते हैं। ऐसे में यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे पूरी फ्लाइट के दौरान सीट बेल्ट लगाए रखें और भारी सामान को संभाल कर रखें। इससे किसी भी आकस्मिक झटके से खुद को बचाया जा सकता है।

इस घटना ने यह भी दिखाया कि तकनीक और ट्रेंड पायलट्स की मदद से, कितनी भी खतरनाक परिस्थिति से विमान को सुरक्षित उतारा जा सकता है। इंडिगो के पायलट और क्रू ने अपनी जिम्मेदारी बहुत अच्छी तरह निभाई, जिससे सभी यात्री सुरक्षित श्रीनगर पहुंच सके। टर्बुलेंस एक आम स्थिति है, लेकिन यदि सावधानी बरती जाए तो इससे किसी को भी नुकसान नहीं होता।

निष्कर्ष

हालांकि टर्बुलेंस एक आम और सामान्य अनुभव है, लेकिन यह कभी-कभी भयावह भी हो सकता है। बुधवार को इंडिगो विमान के साथ जो हुआ, वह इस बात का उदाहरण है कि कैसे एक अभ्यस्त पायलट और अनुशासित क्रू पूरी फ्लाइट को सुरक्षित बचा सकता है।

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