उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की अर्थव्यवस्था की सुस्ती दूर होने लगी है। मई, 2022 में अलग-अलग विभागों द्वारा की जाने वाली राजस्व वसूली (Revenue Collection) बढ़ी है। मई, 2022 में मई, 2021 के मुकाबले राजस्व 5865.86 करोड़ रुपये बढ़ा है। मई, 2021 में राज्य सरकार 8273.76 करोड़ रुपये का राजस्व मिला था। जो इस साल बढ़कर 14139.62 करोड़ रुपये हो गया। सबसे अधिक राजस्व जीएसटी और वैट से मिला है। यूपी के वित्तमंत्री सुरेश कुमार खन्ना (Suresh Kumar Khanna) ने मंगलवार को जानकारी देते हुए बताया कि मई में प्रदेश सरकार को सबसे अधिक राजस्व जीएसटी और वैट से मिला है। दोनों मदों में राज्य सरकार को 7659.60 करोड़ रुपये का राजस्व मिला है। जो पिछले साल के मुकाबले 2601.65 करोड़ रुपये अधिक है। इसमें जीएसटी में 4957.30 करोड़ रुपये और वैट से 2702.30 करोड़ रुपये का राजस्व मिला है।
वित्त मंत्री ने कहा कि आबकारी विभाग को मई में 3414 करोड़ रुपये का राजस्व मिला है। वहीं स्टांप एवं निबंधन के जरिए 2021.52 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्ति हुई है। परिवहन विभाग को 793.41 करोड़ रुपये का राजस्व मिला है। जो पिछली बार से 478.58 करोड़ रुपये अधिक है। हालांकि राज्य सरकार द्वारा की गई राजस्व वसूली तय किए गए लक्ष्य का 75.3 फीसदी है। मई में राज्य सरकार ने 18779.50 करोड़ रुपये राजस्व वसूली का लक्ष्य रखा था। वहीं भूतत्व एवं खनिकर्म में वसूले गए टैक्स से 251.09 करोड़ रुपये का राजस्व मिला है।
उन्होंने बताया कि दूसरे राज्यों के मुकाबले यूपी में पेट्रोल, डीजल पर वैट कम है। जिसकी वजह से दूसरे राज्यों के मुकाबले यूपी में सस्ता पेट्रोल और डीजल मिल रहा है। वित्तमंत्री ने कहा कि यूपी में दूसरे राज्यों से पेट्रोल करीब 10 रुपये से 12 रुपये तक और डीजल 6 रुपये तक सस्ता है।
(आईएएनएस/PS)