अफगानिस्तान : भूकंप  AI Generated
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अफगानिस्तान : भूकंप से मरने वाली की संख्या बढ़कर 1,124 पहुंची, भारत की मदद पर विदेश मंत्री ने जताया आभार

काबुल, 2 सितंबरNa। पूर्वी अफगानिस्तान में आए शक्तिशाली भूकंप में मरने वालों की संख्या बढ़कर 1,124 हो गई है। इस प्राकृतिक आपदा में 3,251 अन्य घायल हुए हैं। अफगान रेड क्रिसेंट सोसायटी के सूचना एवं प्रकाशन प्रमुख जुमा खान नईल के हवाले से समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने यह जानकारी दी।

IANS

भूकंप (Earthquake) के कारण कुनार प्रांत में 8,000 से ज्यादा घर पूरी तरह या आंशिक रूप से नष्ट हो गए हैं।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, राहत और बचाव दल मलबे में फंसे लोगों को निकालने के लिए काम कर रहे हैं। प्राकृतिक आपदा (Natural Calamity) में मरने वालों और घायलों के आंकड़े अभी तक अंतिम रूप से घोषित नहीं किए गए हैं।

भूकंप 31 अगस्त को स्थानीय समयानुसार रात 11.47 बजे अफगानिस्तान (Afghanistan) के पूर्वी हिस्से में आया, जिसका केंद्र नांगरहार प्रांत की राजधानी जलालाबाद से 27 किलोमीटर उत्तर-पूर्व और आठ किलोमीटर की गहराई पर स्थित था।

अफगानिस्तान में आपदा से हुए जानमाल के नुकसान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने गहरा दुख व्यक्त किया था। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर पोस्ट कर प्रधानमंत्री मोदी ने शोक संतप्त परिवारों का दुख साझा किया था।

वहीं विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S. Jaishankar) ने भी अफगानिस्तान (Afghanistan) में आए विनाशकारी भूकंप पर गहरी चिंता व्यक्त की थी। उन्होंने अफगानिस्तान के लोगों के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए भारत की ओर से मदद मुहैया कराने का आश्वासन दिया था।

एस. जयशंकर ने अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान (Amir Khan) मुत्ताकी से बात की और रविवार रात आए भूकंप में हुई जानमाल की हानि पर संवेदना व्यक्त की। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हुए उन्होंने दुख की इस घड़ी में भारत की ओर से पूरा समर्थन देने की बात दोहराई।

जयशंकर ने बताया था कि भारत ने काबुल (Kabul) में 1,000 परिवारों के लिए टेंट पहुंचाए हैं। भारतीय मिशन ने काबुल से कुनार तक 15 टन खाद्य सामग्री भेजने की बात कही है। अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय ने भी आमिर खान मुत्ताकी और एस जयशंकर के बीच फोन पर हुई बातचीत की पुष्टि की। बयान के अनुसार, मुत्ताकी ने अफगान नागरिकों को मदद मुहैया लड़ाने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर का धन्यवाद किया। (BA)

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