आतंकवाद आज पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा चर्चित और चुनौतीपूर्ण विषय बन चुका है। बड़े-बड़े ग्लोबल मीटिंग्स में आतंकवाद के बिना कोई चर्चा पूर्ण ही नहीं होती। चाहे वह यूनाइटेड नेशन (United Nations) की मीटिंग हो या फिर ग्लोबल समिट (Global Summit) हर जगह आतंकवाद (Terrorism) को खत्म करने के लिए सभी देश उपाय और उपचार ढूंढ रहे हैं। लेकिन क्या आतंकवाद को खत्म करना इतना आसान है? पिछले कुछ दशकों में कई आतंकी संगठनों (Terror Groups) ने हिंसा, डर और नफरत के जरिए समाज को गहरे घाव दिए हैं और इसका जीता–जागता उदाहरण है ग़ज़ा हमास हमलें। कई आतंकवादी संगठन सीमित क्षेत्र तक सक्रिय रहते हैं तो कुछ ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना नेटवर्क फैलाकर पूरी दुनिया के लिए खतरा पैदा किया। आज हम दुनिया के सबसे घातक आतंकी संगठनों (World's deadliest terrorist organizations) के बारे में जानेंगे, जिन्होंने पूरी दुनियां को परेशान कर रखा है।
आईएसआईएस (ISIS) जिसे इस्लामिक स्टेट (Islamic State) के नाम से जाना जाता है आधुनिक दुनिया का सबसे हिंसक और क्रूर आतंकी संगठन में से एक है। इस संगठन की शुरुआत सन 2000 में इराक युद्ध के बाद हुई जब क्षेत्र में राजनीतिक अस्थिरता और संघर्ष बढ़ने लगा। शुरुआत में यह अलकायदा से जुड़ा हुआ था लेकिन बाद में इसने खुद को एक अलग संगठन के रूप में स्थापित किया। इसकी विचारधारा अत्यंत खतरनाक और हिंसक रही है। यह अपने नियम जबरदस्ती लोगों पर लागू करता है और असहमति रखने वालों के खिलाफ अत्याचार करता है। अपहरण, सार्वजनिक हत्याएं, बम धमाके और धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हमले इसकी प्रमुख गतिविधियां रही हैं। इस संगठन ने मध्य पूर्व के साथ-साथ यूरोप, एशिया और अफ्रीका में भी आतंक फैलाया इसके हमले ने अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा को गंभीर चुनौती दी और दुनिया को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने पर मजबूर कर दिया।
अलकायदा दुनिया के सबसे पुराने और कुख्यात आतंकी संगठनों में से एक है। वहीं इसके स्थापना की बात करें तो 1988 के आसपास ओसामा बिन लादेन ने इसकी नींव रखी थी। शुरुआत में यह संगठन सोवियत संघ के खिलाफ अफगान युद्ध से जुड़े लड़ाको का नेटवर्क था। धीरे-धीरे यह एक अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन बन गया। कई देशों में फैले इस संगठन ने छोटे-छोटे आतंकी गुटों को जोड़कर एक वैश्विक ढांचा तैयार किया। प्रशिक्षण शिविर, फंडिंग नेटवर्क और गुप्त संपर्क इसकी ताकत माने जाते थे। दुनिया भर में अलकायदा का असर बेहद गहरा रहा इसके हमले ने अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा नीतियों को बदल दिया और आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई को तेज किया आज भी इसका नाम वैश्विक आतंकवाद का प्रतीक माना जाता है।
तालिबानी एक ऐसा संगठन है जिसने आतंक और सत्ता दोनों का अनुभव किया। इसका उदय 1990 के दशक में अफगानिस्तान में गृह युद्ध और अस्थिरता के बीच हुआ। तालिबान ने खुद को व्यवस्था लाने वाली ताकत के रूप में पेश किया और कुछ ही वर्षों में काबुल पर कब्जा कर सत्ता में आ गया। तालिबान की विचारधारा कट्टर धार्मिक व्याख्या पर आधारित है, जिसमें महिलाओं की शिक्षा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और आधुनिक जीवन शैली पर कड़े प्रतिबद्ध लगाए गए। विरोध करने वालों पर सख्त दंड और हिंसा का सहारा लिया गया।
बोको हराम अफ्रीका का एक बेहद हिंसक और खतरनाक आतंकी संगठनों में से एक माना जाता है इसकी शुरुआत 2000 के दशक में हुई थी शुरुआत में यह कट्टरपंथी धार्मिक आंदोलन था लेकिन धीरे-धीरे यह एक सशस्त्र आतंकी संगठन में बदल गया। इसके हिंसा गतिविधियों में बम धमाके, गांव पर हमले, अपहरण और सामूहिक हत्याएं शामिल है। मानव अधिकार संकट की दृष्टि से बोको हराम बेहद गंभीर खतरा है इसके कारण लाखों लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हुए और पूरे क्षेत्र में शिक्षा स्वास्थ्य और जीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ।
लश्कर ए तैयबा दक्षिण एशिया के सबसे कुख्यात आतंकी संगठनों में से एक माना जाता है। इसकी स्थापना 1990 के दशक में हुई थी और इसका उद्देश्य कट्टर विचारधारा के आधार पर आतंक फैलाना रहा। भारत और क्षेत्रीय सुरक्षा पर लश्कर ए तैयबा का असर बेहद गंभीर रहा। इस संगठन पर भारत में कई बड़े आतंकी हमले की साजिश रचने के आरोप लगे हैं, जिससे भारत पाकिस्तान संबंधों में तनाव पड़ा है इसके कारण दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता को बार-बार खतरा हुआ। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लश्कर ए तैयबा को लेकर गहरी चिंताएं हैं। कई देशों और वैश्विक संस्थाओं ने इसे आतंकी संगठन घोषित किया है उसके नेटवर्क और फंडिंग को रोकना आज भी अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुकी है।
अल शबाब पूर्वी अफ्रीका का एक बेहद खतरनाक आतंकी संगठन है जिसका मुख्य प्रभाव सोमालिया में देखा जाता है यह संगठन गृह युद्ध और कमजोर शासन व्यवस्था के बीच उभरा और धीरे-धीरे उसने बड़े इलाकों पर अपना नियंत्रण बना लिया। अल शबाब कट्टर विचारधारा के नाम पर आम नागरिकों सरकारी संस्थाओं और सुरक्षा बलों को निशाना बनाता है। इस संगठन ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई बड़े हमलो को अंजाम दिया है।
तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान एक खतरनाक आतंकी संगठन है जो मुख्य रूप से पाकिस्तान के भीतर सक्रिय है। इसका गठन विभिन्न कट्टरपंथी गुटों को एकजुट करके किया गया जिनका उद्देश्य अपने विचारधारा के अनुसार व्यवस्था लागू करना था। TTP ने पाकिस्तान की आतंकी सुरक्षा को गंभीर रूप से प्रभावित किया इसका असर केवल पाकिस्तान तक सीमित नहीं बल्कि सीमा पर तनाव शरणार्थी समस्या और आतंकवाद के नेटवर्क ने पूरे क्षेत्र में अस्थिरता फैलाइ।
जमाई नुसरत अल इस्लाम वाल मुस्लिमीन पश्चिम अफ्रीका का एक खतरनाक आतंकी संगठन है जो मुख्य रूप से माली और नाइजर जैसे क्षेत्र के देशों में सक्रिय है। इस संगठन का गठन कई कट्टरपंथी गुटों को मिलाकर किया गया था, जिससे इसकी ताकत और प्रभाव तेजी से बढ़ा। यह सरकारी सेना, सुरक्षा बलों और आम नागरिकों को निशाना बनाकर हमले करता है। गांव पर कब्जा, अपहरण, बम धमाके और डर फैलाना इसकी प्रमुख गतिविधियों में शामिल है।
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हमास प्रमुख फिलिस्तीन आतंकी संगठन है जिसकी स्थापना 1987 में हुई थी। इसका उद्देश्य इजरायल के खिलाफ लड़ाई और फिलिस्तीनी क्षेत्र में राजनीतिक और धार्मिक प्रभाव बढ़ाना है। हमारे का गठन धार्मिक और राजनीतिक विचारधारा के आधार पर किया गया था और यह संगठन लगातार गाजा पट्टी में सक्रिय रहा। हमास की गतिविधियों में रॉकेट हमले, आत्मघाती हमले, अपहरण और नागरिकों को निशाना बनाना शामिल है। इसके कारण गाजा और आसपास के क्षेत्र में लगातार हिंसा और अस्थिरता बनी रहती है। संगठन ने स्थानीय प्रशासन और राजनीतिक ढांचे में भी गहरा प्रभाव डाला है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमास को आतंकवादी संगठन के रूप में कई देशों द्वारा मान्यता दी गई है इसके हमले ने मध्य पूर्व की सुरक्षा और शांति प्रयासों को गंभीर रूप से प्रभावित किया है।
ग्लोबल टेररिज़्म इंडेक्स (GTI) इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस (IEP) द्वारा तैयार किया गया एक व्यापक अध्ययन है। यह अध्ययन दुनिया के 163 देशों में आतंकवाद के प्रभाव का आकलन करता है, जो विश्व की लगभग 99.7% आबादी को कवर करता है।
इस रिपोर्ट का मुख्य उद्देश्य वैश्विक आतंकवाद के रुझानों का विश्लेषण करना है। इसके माध्यम से यह समझने की कोशिश की जाती है कि आतंकवादी गतिविधियाँ किन क्षेत्रों में अधिक सक्रिय हैं और उनका सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक प्रभाव कितना गहरा है। GTI नीति निर्माताओं, सरकारों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों को आतंकवाद से निपटने की रणनीतियाँ तैयार करने में मदद करता है।