

आयुर्वेद (Ayurveda) में इसे त्रिदोषहर माना गया है, जो वात, पित्त और कफ तीनों दोषों को संतुलित करने में मदद करता है। धनिया में कूलिंग (Cooling) और डिटॉक्सिफाइंग गुण (Detoxifying Properties) होते हैं, जो शरीर को ठंडक प्रदान करते हैं। यह पाचन, त्वचा, दिल और यहां तक कि मानसिक शांति के लिए भी बेहद लाभकारी है।
धनिया के बीज और पत्ते दोनों ही औषधि के रूप में काम करते हैं। अगर आपको पेट की समस्याएं हैं, जैसे गैस, जलन या अपच, तो धनिया का सेवन तुरंत राहत दिला सकता है। रात को एक चम्मच धनिया बीज भिगोकर सुबह उसका पानी छानकर पीने से पेट हल्का और ठंडा महसूस होता है। वहीं, मूत्राशय में जलन के लिए भी धनिया बेहद फायदेमंद है। दो चम्मच धनिया बीज उबालकर उसका पानी पीने से जलन और दर्द में राहत मिलती है।
धनिया शरीर की अतिरिक्त गर्मी को निकालता है और पित्त दोष को संतुलित करता है। अगर आपको शरीर की गर्मी या सिर में जलन की समस्या है, तो रोजाना धनिया जल पीने से आराम मिलता है। महिलाओं के लिए भी यह औषधि (Medicine) का काम करता है। गर्भाशय की सूजन जैसी समस्याओं में धनिया के पानी का सेवन फायदेमंद होता है।
इसके अलावा, धनिया ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है और दिल के स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा है। यह खराब कोलेस्ट्रॉल को घटाकर अच्छे कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) को बढ़ाता है।
त्वचा के लिए भी धनिया बहुत लाभकारी है, क्योंकि इसमें एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी सेप्टिक गुण होते हैं जो मुहांसे और दाग-धब्बे कम करते हैं। धनिया का सेवन सिरदर्द और तनाव से राहत दिलाता है और यह शरीर को संक्रमणों से भी बचाता है।
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