अक्सर रात या सुबह-सुबह ही क्यों आता है हार्ट अटैक? जानें कारण और बचाव

नई दिल्ली, हार्ट अटैक (Heart Attack) अक्सर रात या सुबह-सुबह क्यों आता है? यह सवाल कई लोगों के मन में रहता है। अक्सर लोग सोचते हैं कि हार्ट अटैक सिर्फ तनाव का नतीजा होता है, लेकिन इसके पीछे हमारे शरीर की जैविक घड़ी यानी सर्केडियन रिदम (Circadian Rhythm) भी बड़ी भूमिका निभाती है।
एक आदमी दिल पकड़ते हुए खड़ा, सीने में दर्द महसूस कर रहा है, हार्ट अटैक का संकेत|
हार्ट अटैक: सुबह और रात में होने के कारण और बचाव|IANS
Published on
Updated on
2 min read

हमारी बॉडी की जैविक घड़ी दिन-रात के अनुसार अंगों के काम को नियंत्रित करती है। रात के समय, खासकर 2 से 5 बजे के बीच, ब्लड प्रेशर (Blood Pressure) और हृदय की धड़कनें सबसे धीमी होती हैं। अगर हृदय पहले से कमजोर है तो इस दौरान थोड़ी भी कमी रक्त प्रवाह में दिल पर दबाव डाल सकती है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।

इसके अलावा, सुबह-सुबह शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन का स्तर बढ़ता है, जिससे रक्त गाढ़ा हो जाता है और प्लेटलेट्स (Platelets) चिपकने लगते हैं। इससे ब्लड क्लॉट बनने का खतरा बढ़ जाता है।

नींद के दौरान कुछ लोग खर्राटे लेते हैं और सांस लेने में रुकावट आती है, जिसे स्लीप एपनिया कहते हैं। इससे ऑक्सीजन की कमी हो सकती है और दिल पर अचानक स्ट्रेस पड़ सकता है। रात में भारी या तला-भुना खाना खाने के बाद तुरंत लेटने से एसिड रिफ्लक्स और गैस हृदय (Heart) पर दबाव डालते हैं। इसके अलावा, दिनभर का तनाव और चिंता रात में भी खत्म नहीं होती, जिससे हाई ब्लड प्रेशर और अनियमित धड़कन हो सकती है।

अगर रात में सीने में भारीपन, बाईं बांह या जबड़े में दर्द, ठंडा पसीना, अचानक सांस फूलना या चक्कर जैसे लक्षण महसूस हों, तो इन्हें नजरअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

आयुर्वेद (Ayurveda) में हृदय को सुरक्षित रखने के कई उपाय बताए गए हैं। रात को सोने से पहले गुनगुना पानी पीने से पाचन सुधरता है और हृदय पर दबाव कम होता है। अर्जुन की छाल का काढ़ा या चूर्ण दूध में उबालकर रोज पीने से हृदय की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और ब्लड फ्लो संतुलित रहता है। लहसुन खाने से कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) कम होता है और धमनियों को साफ रखा जा सकता है। तुलसी और शहद का सेवन रक्त में ऑक्सीजन (Oxygen) बढ़ाता है और हृदय की थकान घटाता है।

रात में 10 मिनट ध्यान या श्वास अभ्यास जैसे अनुलोम-विलोम और भ्रामरी करने से हृदय की गति स्थिर रहती है और मानसिक शांति मिलती है।

यदि अचानक सीने में भारीपन हो तो गुनगुना पानी या अजवाइन और काला नमक लें। घबराहट महसूस हो तो गहरी सांसें लें और शरीर को सीधा रखें।

इसके अलावा, हृदय को स्वस्थ रखने के लिए रोज हल्की सैर या योग करें, धूम्रपान (Smoking) और शराब (Alcohol) से दूर रहें, नमक कम लें, तनाव (Tension) कम लें और पर्याप्त नींद लें।

[AK]

एक आदमी दिल पकड़ते हुए खड़ा, सीने में दर्द महसूस कर रहा है, हार्ट अटैक का संकेत|
वर्ल्ड हार्ट मंथ : कार्डियोलॉजिस्ट देते हैं शारीरिक रूप से सक्रिय जीवनशैली का सुझाव

Related Stories

No stories found.
logo
hindi.newsgram.com