इस तस्वीर में एक व्यक्ति हैं, जिनका नाम चेन ज़ी है। वो काला कोट-पैंट और सफेद शर्ट पहने हुए हैं।
चेन ज़ी, यह एक ऐसा नाम है जो अब रहस्य और अपराध दोनों का प्रतीक बन चुका है।(AI)

37 की उम्र में अरबों लूटकर गायब हुआ ‘क्रिप्टो किंग’ चेन ज़ी !

सिर्फ 37 साल की उम्र में अरबों डॉलर की क्रिप्टो ठगी (Scam) का साम्राज्य खड़ा करने वाले चेन ज़ी (Chen Zi) की कहानी रहस्य (Mystery) बन चुकी है। कभी कंबोडिया के सबसे ताकतवर उद्योगपति माने जाने वाले चेन अब दुनिया के सबसे बड़े साइबर घोटाले के मास्टरमाइंड के रूप में लापता हैं।
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दुनिया भर में क्रिप्टोकरेंसी के नाम पर चल रहे सबसे बड़े घोटालों में से एक का पर्दाफाश हाल ही में हुआ है। इस पूरे खेल में घोषित है एक मास्टरमाइंड जो की सिर्फ 37 वर्षीय व्यक्ति है जिनका नाम है चेन ज़ी, यह एक ऐसा नाम है जो अब रहस्य और अपराध दोनों का प्रतीक बन चुका है।

कौन है चेन ज़ी ?

चेन ज़ी (Chen Zi), यह एक 37 वर्षीय व्यक्ति है उनका चेहरा बच्चे के जैसा दिखता है, उनकी दाढ़ी पतली और वो उम्र से कहीं ज्यादा युवा और फिट दिखता है। लेकिन उसके पीछे छिपी यह कहानी इतनी जटिल है कि दुनिया की सबसे बड़ी जांच एजेंसियां भी चकरा गई हैं। आपको बता दें अमेरिकी न्याय विभाग ने चेन ज़ी पर आरोप लगाया है कि उसने कंबोडिया में एक विशाल साइबर-धोखाधड़ी नेटवर्क खड़ा कर दिया है, जिसने दुनियाभर के लोगों से करीब 14 अरब डॉलर की क्रिप्टोकरेंसी ठगी (Scam) है। उसके बाद अमेरिकी वित्त मंत्रालय ने अब तक की सबसे बड़ी क्रिप्टो ज़ब्ती में लगभग 14 अरब डॉलर मूल्य के बिटकॉइन जब्त किए हैं, जो चेन ज़ी से जुड़े बताए गए हैं।

चेन ज़ी का जन्म दक्षिण-पूर्वी चीन के फ़ुज़ियान प्रांत में पैदा हुआ है, और वहीं पला-बढ़ा है। उसने अपने करियर की शुरुआत एक इंटरनेट गेमिंग कंपनी बनाकर की, उसके बाद करीब 2010-11 के दौरान, वह कंबोडिया चला गया, जहाँ उनके प्रॉपर्टी बिज़नेस में जबरदस्त उछाल आ रहा था। चीनी निवेशकों और राजनीतिक रसूख़ वाले लोगों की वजह से कंबोडिया तेजी से आर्थिक केंद्र बनता जा रहा था। इसी माहौल में चेन ने मौके का फायदा उठा लिया और रियल एस्टेट के खेल में कूद पड़ा।

कंबोडिया पहुँचने के कुछ ही सालों में चेन की किस्मत चमकने लगी, उसके बाद 2014 में उसने अपनी चीनी नागरिकता छोड़कर कंबोडियाई नागरिकता ले ली, ताकि वह वहाँ का ज़मीन खरीद सके। उसने दावा किया कि उसे अपने चाचा से 20 लाख डॉलर उनको मिले थे, लेकिन इसका कोई प्रमाण उनको नहीं दिया गया था। फिर 2015 में उसने प्रिंस ग्रुप नाम की कंपनी बनाई और 27 साल की उम्र में ही उसे एक बड़ा कारोबारी साम्राज्य बना दिया, और 2018 में उसने प्रिंस बैंक भी शुरू किया उसके बाद साथ ही वो साइप्रस की नागरिकता भी हासिल की। बाद में उसने वानुअतु की नागरिकता भी ले ली, जिससे की वह दुनिया के कई देशों में बिना वीज़ा के घूम सकता था। इसके बाद चेन ज़ी ने कंबोडिया में कई बड़े प्रोजेक्ट भी शुरू किए, जैसे की नोम पेन्ह में लग्ज़री मॉल, सिहानोकविले में 5-स्टार होटल, और "बे ऑफ़ लाइट्स" नामक 16 अरब डॉलर का "इको-सिटी" प्रोजेक्ट।

इस तस्वीर में एक व्यक्ति हैं, जिनका नाम चेन ज़ी है, और वो काले रंग की टी-शर्ट पहने हुए हैं।
चेन ज़ी, यह एक 37 वर्षीय व्यक्ति है उनका चेहरा बच्चे के जैसा दीखता है, उनकी दाढ़ी पतली और वो उम्र से कहीं ज्यादा युवा और फिट दिखता है। (AI)

शक्ति के शिखर पर चेन ज़ी

2020 में चेन (Chen Zi) को कंबोडिया के राजा ने देश का सर्वोच्च सम्मान "नेक ओकन्हा" प्रदान किया, यह सिर्फ़ उन लोगों को मिलता है जो सरकार को पाँच लाख डॉलर से ज़्यादा दान देते हैं। आपको बता दें वह देश के गृह मंत्री सर खेंग, उनके बेटे सर सोखा और पूर्व प्रधानमंत्री हुन सेन के भी सलाहकार बन गए। बाद में जब हुन मानेट प्रधानमंत्री बने, तो वो भी चेन के करीबी माने जाते थे। स्थानीय मीडिया में चेन ज़ी को "दानवीर" और "परोपकारी उद्योगपति" बताया गया। उन्होंने कोविड के दौरान दान दिया, छात्रों को स्कॉलरशिप दीं और हमेशा कैमरों से दूर रहे। लेकिन किसी को यह नहीं पता था की इसी "शांति और सादगी" के पीछे एक अपराध का बहुत बड़ा साम्राज्य फल-फूल रहा था।

2019 में कंबोडिया के सिहानोकविले शहर में रियल एस्टेट का बुलबुला फूट गया। पता चला की यहाँ ऑनलाइन जुए का कारोबार फलफूल रहा था, जिसमें चीनी आपराधिक गिरोहों ने कब्ज़ा जमा लिया था, और यहाँ हिंसा बढ़ने लगी थी, उसके बाद चीन के दबाव में कंबोडिया ने ऑनलाइन जुए पर प्रतिबंध लगा दिया। जिसका नतीजा यह हुआ की लगभग 4.5 लाख चीनी नागरिक कंबोडिया छोड़कर चले गए, जिसके कारण प्रिंस ग्रुप के कई प्रोजेक्ट ठप हो गए।

फिर भी चेन ज़ी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा, उसने उसी साल लंदन में 12 मिलियन पाउंड की हवेली और 95 मिलियन पाउंड का ऑफिस बिल्डिंग खरीदी। आपको बता दें अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि उसने न्यूयॉर्क में प्रॉपर्टी, प्राइवेट जेट, सुपर यॉट, और पिकासो की पेंटिंग तक खरीद ली थी।

अपराधों का जाल

अमेरिका का आरोप है कि चेन ज़ी की यह संपत्ति ऑनलाइन ठगी (Scam), मानव तस्करी, और मनी लॉन्ड्रिंग से आई थी। उसके बाद अमेरिका और ब्रिटेन ने चेन ज़ी और उसकी 128 कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। सात देशों में फैले 17 लोगों पर भी आरोप हैं कि वो भी इस घोटाले में शामिल थे और इस घोटाले का हिस्सा भी थे।

जांच में सामने आया कि फर्जी कंपनियों और क्रिप्टो वॉलेट्स के जरिए पैसे को एक देश से दूसरे देश भेजा जाता था ताकि असली स्रोत हमेशा के छिपा रहे।आपको बता दें की प्रतिबंध आदेश में लिखा गया था की "प्रिंस ग्रुप सेक्सटॉर्शन, मनी लॉन्ड्रिंग, धोखाधड़ी और अवैध ऑनलाइन जुए से कमाई करता है। इस ग्रुप ने कंबोडिया में गुलाम बनाकर रखे गए मजदूरों से जबरन काम कराया।"

अमेरिका और ब्रिटेन की जांच एजेंसियों के अनुसार, इस पूरे नेटवर्क का केंद्र था "गोल्डन फॉर्च्यून साइंस एंड टेक्नोलॉजी पार्क", जो कंबोडिया-वियतनाम सीमा के पास बना था। यहाँ से सैकड़ों लोगों को बंधक बनाकर ऑनलाइन घोटालों में झोंका गया। अगर जो कोई भी भागने की कोशिश करते थे, उन्हें पीटा जाता था और उनको सज़ा दी जाती थी। पत्रकार जैक एडमोविच डेविस, जिन्होंने तीन साल तक चेन ज़ी पर रिसर्च की, उनका कहना है कि "चेन ज़ी बहुत शांत और विनम्र थे, लेकिन उनका कारोबार बेहद खतरनाक था। वो कभी भी पब्लिक लाइमलाइट में नहीं आना चाहते थे, शायद इसलिए इतने सालों तक वो बचते रहे।"

अमेरिका और ब्रिटेन ने जब चेन (Chen Zi) पर प्रतिबंध लगाए, तब दुनिया भर में उसकी संपत्तियां जब्त कर ली गईं। आपको बता दें की कोरिया ने उसके बैंकों से 64 मिलियन डॉलर ज़ब्त किए, और सिंगापुर और थाईलैंड ने उसकी कंपनियों की जांच भी शुरू की, उसके बाद कंबोडिया का सेंट्रल बैंक जनता को भरोसा दे रहा है कि प्रिंस बैंक में जमा पैसा सुरक्षित है।

लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि चेन ज़ी अब गायब है। प्रतिबंधों की घोषणा के बाद से न तो उसका कोई बयान आया, और न कोई उसका सार्वजनिक उपस्थिति का पता चल पाया। सबसे बड़ी बात यह है की कभी कंबोडिया के सबसे ताकतवर लोगों में गिना जाने वाला यह शख्स, अब रहस्य (Mystery) बन चुका है।

इस तस्वीर में एक व्यक्ति हैं, जिनका नाम चेन ज़ी है। वो काला कोट-पैंट और सफेद शर्ट पहने हुए हैं, तथा लाल रंग की टाई लगा रखी है।
2020 में चेन को कंबोडिया के राजा ने देश का सर्वोच्च सम्मान "नेक ओकन्हा" प्रदान किया, यह सिर्फ़ उन लोगों को मिलता है जो सरकार को पाँच लाख डॉलर से ज़्यादा दान देते हैं। (AI)

निष्कर्ष

चेन ज़ी (Chen Zi) की कहानी से यह सीख मिलती है कि कैसे टेक्नोलॉजी, पैसा और राजनीतिक ताकत मिलकर एक ऐसा साम्राज्य बना सकती है जो कानून की पकड़ से भी बाहर हो जाता है। वह कभी "दानवीर उद्योगपति" कहलाने वाला व्यक्ति था, लेकिन अब दुनिया उसे 'क्रिप्टो अपराध साम्राज्य का राजा" मान रही है।

इस रिपोर्ट के अनुसार जब तक चेन ज़ी खुद सामने नहीं आ जाता है, तब तक यह कहानी अधूरी ही रहेगी, क्योंकि हर घोटाले के पीछे एक चेहरा होता है, और इस बार वह चेहरा अब भी लापता है। (RH/PS)

इस तस्वीर में एक व्यक्ति हैं, जिनका नाम चेन ज़ी है। वो काला कोट-पैंट और सफेद शर्ट पहने हुए हैं।
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