साजिश, सत्ता और साहस : वू ज़ेटियन का चीनी सिंहासन पर राज

एक मामूली उपपत्नी से चीन की एकमात्र महिला सम्राट (Female Emperor) बनने तक, वू ज़ेटियन (Wu Zetian) ने न सिर्फ पुरुष-प्रधान सत्ता व्यवस्था को चुनौती दी बल्कि रणनीति, क्रूरता और बुद्धिमत्ता के बल पर इतिहास रच दिया। उन्होंने शाही परीक्षा प्रणाली में आम जनता की भागीदारी सुनिश्चित कर शासन को नया रूप दिया।
वू ज़ेटियन चीन की पहली और एकमात्र महिला सम्राट थीं, जिन्होंने पुरुष-प्रधान सत्ता को चुनौती दी।
 (Sora AI)
वू ज़ेटियन चीन की पहली और एकमात्र महिला सम्राट थीं, जिन्होंने पुरुष-प्रधान सत्ता को चुनौती दी। (Sora AI)
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चीन के दो हज़ार वर्षों से भी अधिक लंबे सम्राटीय इतिहास में सिर्फ एक ही महिला ऐसी रही जो सिंहासन तक पहुँची, वो थीं वू ज़ेटियन (Wu Zetian)। वू की कहानी सिर्फ सत्ता पाने की नहीं, बल्कि उस सामाजिक व्यवस्था को चुनौती देने की थी, जहाँ महिलाओं को केवल घर की चारदीवारी में सीमित रहने की अनुमति थी। इस पुरुष-प्रधान समाज में, उन्होंने ना सिर्फ शासक की भूमिका निभाई बल्कि प्रशासनिक सुधार कर, देश की दिशा भी बदली।

वू ज़ेटियन का जन्म 17 फरवरी 624 ईस्वी में एक व्यापारी परिवार में हुआ था, वो एक साधारण और संपन्न लकड़ी थी। वो कुलीन परिवार से नहीं थीं, लेकिन फिर भी उन्हें पढ़ाई का अवसर मिला था, जो उस दौर की लड़कियों के लिए दुर्लभ था। उन्होंने युवावस्था में ही इतिहास, राजनीति और साहित्य में गहरी रुचि विकसित की।14 वर्ष की उम्र में उन्हें सम्राट ताइज़ोंग के दरबार में एक "पाँचवीं श्रेणी की उपपत्नी" के रूप में बुलाया गया। वहाँ उन्होंने चतुराई और बुद्धि के बल पर सम्राट का ध्यान आकर्षित किया और धीरे-धीरे उनकी सचिव बन गईं।

जब सम्राट ताइज़ोंग की मृत्यु हुई, तब शाही परंपरा के अनुसार वू ज़ेटियन को एक धार्मिक संस्था में भेज दिया गया जहाँ उन्हें जीवनभर एक संन्यासिनी के रूप में रहना था। लेकिन वू ने इस नियति को स्वीकार नहीं किया। उन्होंने अपने पूर्व पति के पुत्र और नये सम्राट गाओज़ोंग से संबंध बनाए, और कुछ समय बाद पुनः शाही महल लौट आईं। यहाँ से शुरू हुआ वू ज़ेटियन का वास्तविक राजनीतिक उदय।

एक उपपत्नी के रूप में महल में प्रवेश कर, उन्होंने साज़िशों और रणनीति से सर्वोच्च सत्ता हासिल की।
 (Sora AI)
एक उपपत्नी के रूप में महल में प्रवेश कर, उन्होंने साज़िशों और रणनीति से सर्वोच्च सत्ता हासिल की। (Sora AI)

महल में लौटने के बाद, वू ने गाओज़ोंग का भरोसा जीता और जल्द ही उनके बच्चे को जन्म दिया। लेकिन रास्ता आसान नहीं था। रास्ते में सबसे बड़ी बाधा थी महारानी वांग, गाओज़ोंग की पहली पत्नी। वू ने एक चौंकाने वाली चाल चली, उन्होंने अपनी ही नवजात बेटी की हत्या कर दी और दोष महारानी वांग पर डाल दिया। सम्राट गाओज़ोंग ने गुस्से में आकर वांग को जेल भेज दिया और जल्द ही वू ज़ेटियन (Wu Zetian) को 655 ईस्वी में आधिकारिक रूप से महारानी घोषित कर दिया गया।

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अब वू ज़ेटियन के सामने कोई बड़ी महिला प्रतिद्वंद्वी नहीं थी। उन्होंने वांग और उनकी सहयोगी शियाओ को मरवा दिया ताकि कोई चुनौती न रह जाए। सम्राट गाओज़ोंग के बीमार पड़ने के बाद वू ने शासन का कार्यभार अपने हाथ में लेना शुरू किया। दरबार के सारे फैसले अब उनके निर्देशों पर लिए जाने लगे। 683 ईस्वी में जब सम्राट की मृत्यु हुई, वू ज़ेटियन विधवा महारानी बनीं। लेकिन उन्होंने पद छोड़ने के बजाय सत्ता को और मज़बूत किया। उन्होंने अपने बेटे रुइज़ोंग को गद्दी से हटाया और खुद को 690 ईस्वी में सम्राट घोषित कर दिया। इस घोषणा के साथ तांग राजवंश को खत्म कर "झोउ राजवंश" की स्थापना की गई।

उन्होंने शाही परीक्षा प्रणाली में आम जनता को अवसर देकर प्रशासनिक सुधार किए।     (Sora AI)
उन्होंने शाही परीक्षा प्रणाली में आम जनता को अवसर देकर प्रशासनिक सुधार किए। (Sora AI)

वू ज़ेटियन एक सशक्त लेकिन कठोर शासक थीं। उन्होंने कई षड्यंत्रकारियों, प्रतिद्वंद्वियों और आलोचकों को कड़े दंड दिए। वह जानती थीं कि एक महिला सम्राट (Female Emperor) के रूप में उन्हें हर मोर्चे पर अपनी पकड़ मजबूत करनी होगी। लेकिन केवल क्रूरता ही उनका चेहरा नहीं था। उन्होंने प्रशासनिक सुधार भी किए। शाही परीक्षा प्रणाली, जिसमें पहले उच्च कुल के पुरुषों को ही चयन मिलता था, उसमें उन्होंने बदलाव किया। अब आम जनता के योग्य लोग भी परीक्षा देकर प्रशासन में आ सकते थे। इससे चीन की नौकरशाही में प्रतिभाशाली लोगों को अवसर मिला।

वू ज़ेटियन (Wu Zetian) का शासन करीब 15 वर्षों तक चला। लेकिन जैसे-जैसे वो वृद्ध हुईं, विरोध बढ़ने लगा। 705 ईस्वी में, कुछ अधिकारियों ने "शेनलोंग तख्तापलट" नामक साजिश रची और उन्हें सत्ता छोड़ने पर मजबूर कर दिया। वू ज़ेटियन को सिंहासन से हटाया गया और उनके पुत्र झोंगज़ोंग को फिर से सम्राट बनाया गया। कुछ ही महीनों बाद वू ज़ेटियन का निधन हो गया, लेकिन उनकी विरासत अमर हो गई।

15 वर्षों तक चीन पर राज करने के बाद, उन्हें तख्तापलट में पद से हटाया गया, लेकिन उनका नाम इतिहास में अमर हो गया।      (Sora AI)
15 वर्षों तक चीन पर राज करने के बाद, उन्हें तख्तापलट में पद से हटाया गया, लेकिन उनका नाम इतिहास में अमर हो गया। (Sora AI)

निष्कर्ष

वू ज़ेटियन (Wu Zetian) केवल चीन की प्रथम महिला सम्राट (Female Emperor) नहीं थीं, वह एक साहसी, योजनाबद्ध और दूरदर्शी नेता थीं। उनके शासनकाल में चीन ने न केवल राजनीतिक रूप से सुदृढ़ता देखी, बल्कि सामाजिक सुधारों की दिशा में भी कदम बढ़ाए। उन्होंने यह साबित किया कि राजनीतिक नेतृत्व किसी की लिंग पहचान पर नहीं, उसकी योग्यता और रणनीति पर निर्भर करता है। एक उपपत्नी से सम्राज्ञी तक की उनकी यात्रा हमें बताती है कि इतिहास केवल पुरुषों द्वारा नहीं, साहसी महिलाओं द्वारा भी रचा गया है। [Rh/PS]

वू ज़ेटियन चीन की पहली और एकमात्र महिला सम्राट थीं, जिन्होंने पुरुष-प्रधान सत्ता को चुनौती दी।
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