जानिए मंदिर की घंटी बजाने के वैज्ञानिक और धार्मिक महत्व को

जिसके कारण शरीर में मौजूद सभी नकारात्मक विचार समाप्त हो जाते हैं और पूरे शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।
मंदिर की घंटी बजाने के वैज्ञानिक और धार्मिक महत्व (Wikimedia Commons)
मंदिर की घंटी बजाने के वैज्ञानिक और धार्मिक महत्व (Wikimedia Commons)

न्यूज़ग्राम हिंदी: जब भी हम किसी मंदिर (Temple) में जाते है तो सबसे पहले हम मंदिर में लगी घंटियां बजाते हैं। ऐसा हम हमेशा से करते आ रहे है शायद यह एक तरीका है हमारी भक्ति भगवान तक पहुंचाने का। लेकिन क्या आप इन घंटियों को बजाने के पीछे का कारण जानते हैं? आज के इस लेख में हम आपको मंदिर में घंटियां (Temple Bell) बजाने के पीछे के वैज्ञानिक और धार्मिक महत्व के बारे में बताएंगे।

मंदिर की घंटी बजाने के वैज्ञानिक और धार्मिक महत्व (Wikimedia Commons)
Dhari Devi: केदारनाथ आपदा का कारण था मूर्ति को अपलिफ्ट करना, 9 वर्ष बाद देवी मां अपने सिंहासन पर हुई विराजमान

आइए सबसे पहले मंदिर की घंटियों के बजाने के पीछे के वैज्ञानिक कारण (Scientific reason behind ringing the Temple Bell) को जानते है। मंदिर में घंटियां बजाने की परंपरा बहुत पुरानी है। ऐसा कहा जाता है कि घंटी की आवाज से भगवान प्रसन्न होते है और हमारी सुनते है। लेकिन मंदिर की घंटी बजाने के पीछे का वैज्ञानिक कारण जानकर आप हैरान हो सकते है। दरअसल वैज्ञानिकों के अनुसार जब घंटी बजती है तो उसकी आवाज से वातावरण में बहुत तेज कंपन उत्पन्न होता है और पर्यावरण में मौजूद हानिकारक जीवाणु नष्ट हो जाते है।

देवी-देवताओं को घंटी की आवाज पसंद  (Wikimedia Commons)
देवी-देवताओं को घंटी की आवाज पसंद (Wikimedia Commons)

इसी तरह घंटी की आवाज हमारे पर्यावरण को तो शुद्ध करती ही है साथ ही यह हमारे शरीर के लिए भी बहुत अधिक फायदेमंद साबित होती है। इसकी आवाज 7 सेकंड तक मौजूद रहती है जिसके कारण शरीर के सभी सातों चक्र को सक्रिय हो जाते हैं। जिसके कारण शरीर में मौजूद सभी नकारात्मक विचार समाप्त हो जाते हैं और पूरे शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।

अगर हम धार्मिक महत्व की बात करें तो घंटी को बजाने से देवी-देवताओं की चेतना जागृत होती है और देवी-देवताओं को घंटी की आवाज पसंद भी होती है। घंटी की आवाज से प्रसन्न होकर वह प्रार्थना कर रहे व्यक्ति की सभी बातें सुनते हैं।

PT

Related Stories

No stories found.
logo
hindi.newsgram.com