न्यूज़ग्राम हिंदी: हिंदू धर्म में हर महीने में एक बार पड़ने वाली अमावस्या का बहुत ही महत्व होता है। खासकर सोमवती अमावस्या(Somvati Amavasya) का। यह फागुन महीने की अमावस्या को कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से और दान करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। मान्यता के अनुसार महिलाएं भी अपनी पति की लंबी आयु के लिए अमावस्या का व्रत रखती हैं। आइए जानते हैं पूजन विधि और मुहूर्त।
इस साल सोमवती अमावस्या 20फरवरी सोमवार को मनाई जाएगी। सोमवती अमावस्या 19 फरवरी को सुबह 4:18 बजे से यह शुरू होकर 20 फरवरी दोपहर 12:35 बजे समाप्त होजाएगी। इस दिन नदी में स्नान करने का विशेष महत्व होता है। पितरों को तर्पण करने से उनकी कृपा पड़ती है और जीवन में सुख समृद्धि आती है।
इस दिन सुबह उठकर स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें। इसके बाद घर के मंदिर में दीप जलाएं और साथ ही सूर्य देव को अर्घ्य दें। चाहे तो आप उपवास भी रख सकते हैं। इस दिन विष्णु भगवान की पूजा अर्चना करें।
इस दिन पितरों को दान करने का फल प्राप्त होता है। कपड़ा , धोती और गमछा दान करने से वे प्रसन्न होते हैं और उनके आशीर्वाद से घर में सुख समृद्धि बनी रहती है। दूध और चावल का दान करने से नाराज़ पितर भी खुश हो जाते हैं। आप जो भी दान करें उस दौरान हाथ में तिल लेकर दान करने से वह चीज पितरों तक पहुंचती है।
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