

स्टिंग ऑपरेशन में खुलासा, घरेलू क्रिकेट में अंडर-19 और रणजी चयन के लिए लाखों रुपये प्रति मैच की मांग की जाती है।
सहवाग, रोहित, धवन और चहल जैसे दिग्गज खिलाड़ियों के कोचों ने कैमरे पर भ्रष्टाचार का किया खुलासा।
अरुणाचल क्रिकेट एसोसिएशन से जुड़े व्यक्ति ने नकद भुगतान, फर्जी दस्तावेज और चयन की गारंटी देने की बात कही।
3 युवा खिलाड़ियों के साथ लाखों रुपये की धोखाधड़ी।
"पैसा, इंसान, रिश्ते और यहाँ तक कि खेल की पवित्रता भी खरीद सकता है।" ये डायलॉग फिल्म जन्नत का है जो साल 2008 में आई थी। इस फिल्म में प्यार-मोहब्बत और रोमांस तो था ही लेकिन खास चीज भी थी, जो इस सिनेमा की अहम कड़ी थी, और वो थी क्रिकेट के खेल में सट्टेबाजी।
भारत की अगर हम बात करें तो हमारे देश में क्रिकेट को धर्म की तरह पूजा जाता है लेकिन कभी-कभी ये धर्म पैसे और पावर के बीच सपनों को बेचने का काम करता है। इसे भ्रष्टाचार का खेल कहते हैं, और यहाँ जो शॉट चलता है, वो बल्ले से नहीं बल्कि हरे-पीले-लाल नोटों से खेला जाता है। इस खेल को जीतने के लिए पक्के दांव खेलने पड़ते हैं नहीं तो पोल खुल भी सकती है।
ऐसी ही एक खबर सामने आई है जहाँ क्रिकेट के खेल में भ्रष्टाचार उजागर हुआ है। पूरा मामला कैमरे में कैद हुआ है। चलिए इस खबर को अच्छे से समझते हैं।
दरअसल, एक स्टिंग ऑपरेशन में ये खुलासा हुआ है कि आज के समय में घरेलू क्रिकेट में चयन बिना पैसे के लगभग नामुमकिन है और ये कबूलनामा भारत के बड़े क्रिकेट खिलाड़ियों को कोचिंग देने वाले दिग्गज कोचों ने कहा है। हैरान करने वाली बात ये है कि इसमें वीरेंद्र सहवाग, युजवेंद्र चहल के साथ रोहित शर्मा के कोच का नाम भी शामिल है, जो कैमरे पर कह रहे हैं कि क्रिकेट में भ्रष्टाचार होता है। बिना पैसे के आगे बढ़ना मुश्किल है।
नामचीन मीडिया कंपनी दैनिक भास्कर ने इसपर स्टिंग ऑप्रेशन किया था, जिसमें अरुणाचल क्रिकेट एसोसिएशन से नबाम गुनिया का कहना है:-
अंडर-19 में खेलने के लिए 6–8 लाख रुपये प्रति मैच,
रणजी ट्रॉफी में खेलने के लिए 12–13 लाख रुपये प्रति मैच,
पूरा पैसा कैश में,
पैसा देने पर खिलाड़ी को टीम से नहीं निकाला जाएगा,
फर्जी स्थानीय दस्तावेज भी बनवा दिए जाएंगे।
ये सारी बातें वो कैमरे पर खुद स्वीकार कर रहे हैं। ऐसे में ये साफ़ पता चलता है कि क्रिकेट के खेल में भ्रष्टाचार की एंट्री हो चुकी है।
नामचीन मीडिया कंपनी दैनिक भास्कर की टीम ने सहवाग, चहल, रोहित, धवन और इशांत शर्मा के कोच का भी स्टिंग ऑप्रेशन किया, जिसमे सबने ये कहा कि खिलाड़ियों के चयन में पैसे का खेल है।
सहवाग के कोच एएन शर्मा कहते हैं कि अगर अंडर-19 में खेलना है तो 15–16 लाख रुपये देने पड़ते हैं, और फाइनल की प्लेइंग 11 में खेलने के लिए भी पैसे मांगे जाते हैं।
चहल के कोच रंधीर सिंह बताते हैं कि एक खिलाड़ी वर्ल्ड कप खेलकर आता है, फिर भी उसे राज्य की टीम में नहीं लिया जाता, और कोई जवाब नहीं देता। यहाँ वो पवन नेगी की बात कर रहे थे।
धवन-इशांत के कोच भी कुछ ऐसा ही जवाब देते हैं। धवन के कोच मदन शर्मा बताते हैं कि अब टैलेंट से चयन नहीं होता। राजनीति और पैसे से होता है। पहले सिस्टम अच्छा था, अच्छे प्लेयर्स चुने जाते थे लेकिन अब सिस्टम खत्म हो चुका है।
ईशांत शर्मा के कोच श्रवण कुमार का कहना है कि अधिकारी जानते हैं कि चयन में पैसा लगता है, फिर भी वो चुप रहते हैं। अंडर-16, 17, 19 में चयन की कीमत 15–25 लाख है।
वहीं, रोहित शर्मा के कोच दिनेश लाड कहते हैं कि मुंबई में भी चयन के दौरान पैसा चलता है, लेकिन जो इसके खिलाफ बोले, उसका करियर खत्म कर दिया जाता है।
बता दें कि रोहित के कोच का यहाँ तक कहना है कि उन्हें अंडर-16 में जानबूझकर नहीं खिलाया गया ताकि किसी और को मौका मिले। हिटमैन की किस्मत अच्छी थी कि अगले साल उम्र सीमा बदली और रोहित को दोबारा मौका मिला, जहाँ उन्होंने बेस्ट प्लेयर अवॉर्ड जीता।
गौरतलब है कि क्रिकेट के खेल में भ्रष्टाचार के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। हाल ही में एक घटना सामने आई कि तीन युवा खिलाड़ियों के साथ धोखाधड़ी हुई। अनुराग कुमार, रोहित सैनी और विक्की। तीनों क्रिकेट खिलाड़ी हैं और मध्यम वर्गीय परिवारों से आते हैं। रणजी ट्रॉफी में खेलने के लिए अनुराग से 20 लाख, रोहित से 15 लाख और विक्की से 18 लाख रुपये लिए गए।
दिसंबर 2024 में तीनों ने दिल्ली के अलग-अलग पुलिस स्टेशनों में लिखित शिकायत दर्ज कराई। मामला कोर्ट में पहुंचने के बाद आरोपी ने विक्की को पैसे लौटाने का समझौता किया और पिछले 9 महीने में उसे 13 लाख रुपये लौटा दिए हैं लेकिन अनुराग-रोहित को अभी तक कुछ भी वापस नहीं मिला है। मामला फ़िलहाल कोर्ट में है।
तीनों को उत्तर प्रदेश के मऊ में एक क्रिकेट टूर्नामेंट के दौरान तीनों को इसी तरह की धोखाधड़ी का सामना करना पड़ा। उन्होंने बताया कि मैच के दौरान संघर्ष आनंद नाम के शख्स ने फोन किया और कहा, 'आप अच्छा खेलते हैं। मैं आपको बिहार की रणजी टीम में जगह दिला सकता हूं और तीनों राजी भी हो गए।
दरअसल हुआ ये कि उत्तर प्रदेश के मऊ में एक क्रिकेट टूर्नामेंट के दौरान संघर्ष आनंद नाम के व्यक्ति का फोन तीनों को आया और उसने कहा कि आप अच्छा खेलते हैं। मैं आपको बिहार की रणजी टीम में जगह दिला सकता हूं और तीनों राजी भी हो गए।
आनंद ने तीनों के फर्जी दस्तावेज बनवाए और बिहार क्रिकेट टूर्नामेंट खिलवाए गए, लेकिन पैसे लेने के बाद आनंद ने तीनों का फोन उठाना बंद कर दिया। यहाँ तक कि उसने जान से मारने की धमकी भी दी। तब जाकर तीनों ने पुलिस में FIR दर्ज करवाई।
तो ये थी कहानी क्रिकेट में फैलते भ्रष्टाचार की।