राम मंदिर के लिए दिल्ली में जुलूस की तस्वीर।(VOA)  
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आज जुलूस पर हमला और कल कहेंगे ‘देश हमारा नहीं’

Shantanoo Mishra

उज्जैन, मध्यप्रदेश में शुक्रवार को बेगमबाघ क्षेत्र में कुछ अराजक तत्वों ने 'रामनिधि संग्रहण' जुलूस पर पत्थरबाज़ी की, जिस वजह से जुलूस में शामिल 10 से अधिक लोग घायल हो गए। पथराव करने वाले मुस्लिम समुदाय के बताएं गए हैं। जिन पर पुलिस ने भी कड़ी करवाई का मन बना लिया है और छह आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। नगर पालिका ने भी उस घर पर बुलडोज़र चलवा दिया है जहाँ से इस असहन करतूत को अंजाम दिया गया। इस पत्थरबाज़ी से दोनों समुदाय में झड़प भी हुई।

'रामनिधि संग्रहण' जुलूस अयोध्या राम मंदिर निर्माण के लिए चंदा जुटाने के लिए निकला गया था। और इस जुलूस पर पथराव एक गंभीर विषय। गौर करने वाली बात यह रही कि जिस घर से पथराव किया गया था वह गैर कानूनी था और इस पथराव में पुरुषों के साथ-साथ महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे।

खैर, अब मुद्दा यह है कि धर्मनिरपेक्ष के मुद्दे पर ज्ञान का बखान करने वाले इस घटना पर मौन हैं। इसकी वजह अनेक है किन्तु बड़ी वजह यह है कि उनका वोटबैंक और झमूरियत का साथ दोनों ही छूट जाएगा। अवॉर्ड वापिसी का ढोंग रचने वाले अब कुछ न तो कहेंगे और कुछ वापस करेंगे क्योंकि यह हमला हिन्दू पर हुआ है किसी मुस्लिम पर नहीं। असहिष्णुता और देश में भय की स्थिति पर बात करने वाले किसी कोने में दुबके हुए हैं।

शुक्रवार को उज्जैन में हुई घटना में सभी दोनों समुदायों की एक साथ बात कर रहे हैं या फिर लिख रहे हैं किन्तु यह फसाद शुरू किसने किया इस पर सभी अपना-अपना तर्क पेश कर रहे हैं। ऐसे हमलों से हम यह समझ सकते हैं कि सौहार्द की भाषा को सांप्रदायिक रंग देना बड़े अच्छे से आता है। अखंडता से ज़्यादा पत्थरों में अपना जोश दिखाई पड़ता है। कुछ लोग इस तरह अराजकता के चश्मे से घिरे हुए हैं कि उन्हें न तो अपने बच्चों के भविष्य का डर रहता है और न ही अपने भविष्य का। केवल हिंसा में ही अपना ध्यान केंद्रित कर स्वयं और अपनों को खतरे में डालेंगे। और यही नतीजा हुआ भी कि जिस घर से पत्थरबाज़ी हुई अब वहाँ पर रहने वाले लोग बेघर तो हुए ही साथ ही साथ अब उन पर क़ानूनी करवाई होना भी तय है।

साल 1990 गोंडा में दुर्गा पूजा जुलूस पर पेट्रोल बेम फेंकना उसी साल राजस्थान में हिन्दू राम ज्योति जुलूस पर पथराव, 1991 में काली पूजा जुलूस पर पथराव करना यह सभी नई घटना नहीं है। ऐसे कई घटनाएं आप के समक्ष सामने आएंगी जिसमे हिन्दू जुलूस पर पथराव किया गया। इन सब के आरोपी एक ही धर्म से नाता रखने वाले लोग। जो हिंदुस्तान में सौहार्द से रहना भी चाहते हैं और अराजकता की शुरुवात भी इन्ही के घर से शुरू होती है।

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