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EdTech गढ़ेगा शिक्षा का भविष्य

EdTech ने शिक्षा के क्षेत्र को न केवल समाधान ही दिया बल्कि इसे एक नई क्रांति भी दी है।

Prashant Singh
न्यूज़ग्राम हिन्दी: EdTech ने महामारी में उत्पन्न एक गंभीर समस्या का समाधान दिया है। महामारी के दौरान हर किसी के सामने एक बड़ा प्रश्न था कि इस महामारी के बाद शिक्षा का भविष्य क्या होगा? जो बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं उनके बौद्धिक विकास का क्या होगा? महामारी का आगमन हर उद्योग और समाज के हिस्से में एक बड़ा व्यवधान लेकर आया, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण शिक्षा और सीखने का क्षेत्र था। EdTech ने शिक्षा के क्षेत्र को न केवल समाधान ही दिया बल्कि इसे एक नई क्रांति भी दी है।
लेकिन महामारी के दौरान एक नई क्रांति का संचार हुआ। और इस दौरान जो सेक्टर सबसे तेजी से बढ़ा वो था एजुकेशन सेक्टर। हर किसी ने अपने अपने तरीके से आपदा को अवसर में बदला। इस क्रम में शिक्षा ने तकनीकी को पूरे हृदय से अपनाया जिसके कारण यह बड़ी तेजी से आगे बढ़ रहा है। तो हम कह सकते हैं कि EdTech ने इस शिक्षा कि पद्धति को बड़े ही आकर्षक रूप से बदल दिया। या यूं कहें कि महामारी के बाद की दुनिया में, शिक्षा के भविष्य को एडटेक ही सम्पूर्ण आकार देगा।
शिक्षा का क्षेत्र आज तक ईंट से घिरे कमरों में एक ब्लैक्बोर्ड तक ही सीमित था जिसे अचानक से पूरी तरह से एक ऑनलाइन और डिजिटल सेटअप में स्थानांतरित करना पड़ा। इसने कई नए अवसरों के लिए रास्ते खोले। नई कंपनियों, स्टार्टअप और संस्थानों ने आगे आकर इस अवसर को ग्रहण किया। कई नई EdTech कंपनियां और स्टार्टअप उभरे और पुराने स्टार्टअप्स सुर्खियों में आए।
शिक्षा का क्षेत्र अब पूरी तरह से एक ऑनलाइन और डिजिटल सेटअप में स्थानांतरित हो रहा है। [Unsplash]

ऐसे में इस नई क्रांति को गति देने के लिए हुमारे सामने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (National Education Policy 2020) उपलब्ध है और इससे पूरे शिक्षा पद्धति को उम्मीदें हैं कि वो इस क्रांति को ना केवल गति देगा बल्कि समाज का एक नए सिरे से अपग्रडेशन करेगा।

EdTech कंपनियों का उदय

एड-टेक (EdTech) कंपनियों और BYJU'S, UnAcademy, UpGrad, आदि जैसे ब्रांडों के उदय ने दिखाया है कि भारतीय निजी क्षेत्र, स्टार्टअप और उद्यमी, इंटरनेट और डिजिटल उपकरणों की मदद से जनता को गुणवत्तापूर्ण और सस्ती शिक्षा प्रदान करने में सक्षम हैं। इनमें से कई कंपनियों और स्टार्टअप के उत्पादों और सेवाओं की मदद से स्कूल और कॉलेज ऑनलाइन शिक्षण और शिक्षण मॉडल में स्थानांतरित हो गए हैं।

साथ ही, जैसे-जैसे बेरोजगारी दर में वृद्धि हुई है, लोगों ने अपने करियर और पेशे में विकास, रोजगार योग्य प्रतिस्पर्धी होने के लिए निरंतर अपस्किलिंग और रीस्किलिंग के महत्व को महसूस किया। और इसको ध्यान देते हुए कंपनियों और स्टार्टअप्स ने कई विशिष्ट और परिणाम-उन्मुख पाठ्यक्रम, विशेषज्ञता पाठ्यक्रम, अपस्किलिंग और रीस्किलिंग पाठ्यक्रम आदि शुरू करके पूंजीकृत किया।

जूम कॉल, स्काइप, माइक्रोसॉफ्ट टीम्स, गूगल वर्कस्पेस/सूट आदि जैसी ऐप्स और सेवाओं की लोकप्रियता और उपयोग में निरंतर वृद्धि इस बात का प्रमाण है कि शैक्षणिक संस्थान, छात्र, शिक्षक और अन्य हितधारक बदलाव के अनुकूल हैं और इसके लिए तैयार हैं।

नए प्रारूप और नई वास्तविकता में बदलाव

AI & ML (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग) शिक्षा और सीखने के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर प्रवेश कर रहा है। AR, VR, MR (ऑगमेंटेड/वर्चुअल/मिक्स्ड रियलिटी) और 5G जैसी तकनीकों के साथ संयुक्त होने पर, शिक्षा क्षेत्र में संभावनाएं असीमित होंगी।

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पहनने योग्य एमआर हेडसेट के अंदर छात्रों और शिक्षकों के पात्रों के वास्तविक अनुभवों के साथ एक काल्पनिक कक्षा जो वास्तविकता से कहीं बेहतर, एक तेज और कम विलंबता वाले 5 जी नेटवर्क से जुड़ा हो, और एआई और एमएल क्षमताओं से भरपूर हो। और यह सब उस समय प्रस्तुत हो जबकि छात्र अपने घर पर बैठा है, वह क्रांतिकारी होगा। यह कोई कल्पना नहीं है, यह विकास के अधीन भविष्य है।

सरकारें और प्राधिकरण, बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ, बड़े कॉर्पोरेट, एड-टेक कंपनियाँ और स्टार्टअप, उच्च शिक्षा संस्थान, स्कूल, कॉलेज, देश के प्रत्येक बच्चे को अच्छी गुणवत्ता और सस्ती शिक्षा देने की आवश्यकता महसूस कर रहे हैं। यह सब केवल देश भर में विभिन्न तकनीकों, डिजिटल उपकरणों, उत्पादों और सेवाओं के बड़े पैमाने पर अनुकूलन, तेज और विश्वसनीय इंटरनेट कनेक्टिविटी की मदद से ही संभव है।

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