बांग्लादेश मुक्ति संग्राम(Bangladesh Liberation War)-1971 की स्वर्ण जयंती मनाने और सैनिकों के 'शौर्य और साहस' को श्रद्धांजलि देने के लिए कई कार्यक्रम चल रहे हैं इसी क्रम में सोमवार को जशोर (बांग्लादेश) से कोलकाता (भारत) तक एक संयुक्त साइकिल अभियान को झंडी दिखाकर रवाना किया गया है।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, भारत और बांग्लादेश की सेनाओं में से प्रत्येक में 20 साइकिल चालक शामिल हैं, जो युद्ध के दौरा जिसकी मनाई जा रही है स्वर्ण जयंती(golden jubilee) जिसकी मनाई जा रही है स्वर्ण जयंतीन सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए 10 दिनों में 370 किमी की दूरी तय करेंगे। पाकिस्तान से युद्ध में जीत के बाद एक नए राष्ट्र बांग्लादेश का निर्माण हुआ, जिसे पहले पूर्वी पाकिस्तान के नाम से जाना जाता था। बांग्लादेश सेना के जीओसी 55 इन्फैंट्री डिवीजन मेजर जनरल मोहम्मद नूरुल अनवर ने साइकिलिंग अभियान को झंडी दिखाकर रवाना किया।
10 दिवसीय अभियान में बांग्लादेश(Bangladesh) में जशोर, जेनैदाह, कुश्तिया, मेहरपुर, दर्शन, चुडांगा और भारत के पश्चिम बंगाल में कृष्णानगर, राणाघाट, कल्याणी, बैरकपुर, कोलकाता शामिल होंगे और यह 24 नवंबर को कोलकाता के फोर्ट विलियम में समाप्त होगा।
यह वही समय था जब 13 हजार पाकिस्तानी सैनिकों ने भारत के सामने घुटने टेके थे।(Wikimedia Commons)
क्या हैं बांग्लादेश मुक्ति संग्राम(Bangladesh Liberation War)?
1971 के पहले बांलादेश, पाकिस्तान का एक प्रान्त था जिसका नाम 'पूर्वी पाकिस्तान' था जबकि वर्तमान पाकिस्तान को पश्चिमी पाकिस्तान कहते थे। कई सालों के संघर्ष और पाकिस्तान की सेना के अत्याचार और बांग्लाभाषियों के दमन के विरोध में पूर्वी पाकिस्तान(East Pakistan)के लोग सड़कों पर उतर आए थे और वह लोग एक अलग राष्ट्र की मांग कर रहे थे जिसके बाद कई आंदोलन भी चालू हो गए थे लेकिन इन आंदोलन को कुचलने के लिए पाकिस्तानी सेना ने पूर्वी पाकिस्तान(East Pakistan) के विद्रोह पर आमादा लोगों पर जमकर अत्याचार किए। लाखों लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया और अनगिनत महिलाओं के बलात्कार किए गए थे।
लेकिन अंत में भारत के सहयोग से इस रक्तरंजित युद्ध के माध्यम सेे बांलादेश ने पाकिस्तान से स्वाधीनता प्राप्त की। 16 दिसम्बर सन् 1971 को बांग्लादेश (Bangladesh) बना था। भारत की पाकिस्तान पर इस ऐतिहासिक जीत को विजय दिवस(Vijay Diwas) के रूप में मनाया जाता है। पाकिस्तान पर यह जीत कई मायनों में ऐतिहासिक थी। बता दे यह वही दिन था जब भारत ने 13 हजार पाकिस्तानी सैनिकों को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था। इसी बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम को 'मुक्ति संग्राम' कहते हैं।
input : आईएएनएस ; Edited by Lakshya Gupta