योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार ने छात्रों को प्रकृति, समाज और देश के प्रति ज्यादा सक्षम बनाने के लिए पायलट प्रोजेक्ट (Pilot Project) के तहत उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के 150 प्राथमिक स्कूलों में 'हैप्पीनेस करिकुलम' शुरू करने का फैसला किया है।
उत्तर प्रदेश ये करिकुलम लागू करने वाला छत्तीसगढ़ और दिल्ली के बाद तीसरा राज्य होगा।
हैप्पीनेस करिकुलम के राज्य प्रभारी सौरभ मालवीय के अनुसार उत्तर प्रदेश की भौगोलिक और सांस्कृतिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए करिकुलम का विकास किया जा रहा है और इन पहलों को लागू करने की तैयारी चल रही है।
कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों के लिए हैप्पीनेस करिकुलम पेश किया जाएगा। यह उन्हें अपने, परिवार, समाज, प्रकृति और देश से जुड़ने में सक्षम बनाएगा। इससे उन्हें अंतसंर्बधों को समझने में भी मदद मिलेगी। मालवीय ने कहा, बच्चों को मेडिटेशन भी सिखाया जाएगा।
पायलट प्रोजेक्ट के तहत 15 जिलों के 150 स्कूलों को करिकुलम पर काम करने को कहा गया है। कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों के लिए पांच पुस्तकें तैयार की जाएंगी। 32 शिक्षकों की कार्यशाला आयोजित कर करिकुलम की विषय वस्तु तैयार की जा रही है।
कार्यशाला में प्रशिक्षक के रूप में भाग लेने वाले श्रवण शुक्ला ने कहा कि अप्रैल 2022 से शुरू होने वाले अगले सत्र से करिकुलम को लागू करने की तैयारी चल रही है।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में 1,30,000 प्राथमिक विद्यालय हैं जहां 7 लाख शिक्षक कार्यरत हैं। राज्य सरकार पायलट प्रोजेक्ट के मूल्यांकन के आधार पर सभी स्कूलों में हैप्पीनेस करिकुलम लागू करने पर विचार कर सकती है। (आईएएनएस)
Input: IANS ; Edited By: Manisha Singh