90 के दशक का नाम आते ही अगर किसी हीरो की तस्वीर आंखों के सामने सबसे पहले आती है, तो वो हैं गोविंदा (Govinda)।  [Sora Ai]
मनोरंजन

गोविंदा की 100 करोड़ की फिल्में जो बनी लेकिन कभी रिलीज़ नहीं हुईं!

90 के दशक का नाम आते ही अगर किसी हीरो की तस्वीर आंखों के सामने सबसे पहले आती है, तो वो हैं गोविंदा। उनकी कॉमिक टाइमिंग, डांसिंग स्टाइल और एनर्जी से भरपूर एक्टिंग ने उन्हें दर्शकों का चहेता बना दिया। गोविंदा ने कुली नंबर 1, हीरो नंबर 1, राजा बाबू और साजन चले ससुराल जैसी सुपरहिट फिल्मों से बॉलीवुड पर राज किया।

Sarita Prasad

90 के दशक का नाम आते ही अगर किसी हीरो की तस्वीर आंखों के सामने सबसे पहले आती है, तो वो हैं गोविंदा (Govinda)। उनकी कॉमिक टाइमिंग, डांसिंग स्टाइल और एनर्जी से भरपूर एक्टिंग ने उन्हें दर्शकों का चहेता बना दिया। गोविंदा (Govinda) ने कुली नंबर 1, हीरो नंबर 1, राजा बाबू (Raja Babu) और साजन चले ससुराल (Sajan Chale Sasural) जैसी सुपरहिट फिल्मों से बॉलीवुड पर राज किया। उनकी फिल्में थिएटर में आते ही हिट साबित होती थीं और दर्शक सिनेमा हॉल में ठहाके लगाने लगते थे। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि गोविंदा जैसे सुपरस्टार की भी तक़रीबन 15 फिल्में ऐसी हैं जो आज तक पर्दे पर रिलीज़ नहीं हो सकीं (15 movies which have not been released on screen till date) ? जी हाँ, वो फिल्में जो शूटिंग पूरी होने के बाद भी किसी न किसी वजह से थियेटर तक नहीं पहुंच पाईं। आखिर क्यों हुआ ऐसा? और कौन-कौन सी फिल्में हैं जिन्हें दर्शक अब भी देखने का इंतजार कर रहे हैं?

90 के दशक का नाम आते ही अगर किसी हीरो की तस्वीर आंखों के सामने सबसे पहले आती है, तो वो हैं गोविंदा (Govinda)।

कॉमेडी किंग और डांसिंग स्टार: गोविंदा का सुनहरा सफर

गोविंदा (Govinda) का नाम बॉलीवुड के उन सितारों में लिया जाता है जिन्होंने 80 और 90 के दशक में दर्शकों के दिलों पर राज किया। उनका जन्म 21 दिसंबर 1963 को हुआ और 1986 में फिल्म इल्जाम से उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की। शुरुआत से ही गोविंदा अपनी बेहतरीन कॉमिक टाइमिंग, डांसिंग स्किल्स और मासूम चेहरे की वजह से दर्शकों के चहेते बन गए। 90 का दशक गोविंदा के लिए सुनहरी अवधि साबित हुआ। उन्होंने राजा बाबू, हीरो नं. 1, कुली नं. 1, आंखें और दुल्हे राजा (Dulhe Raja) जैसी सुपरहिट फिल्में दीं। उनकी जोड़ी निर्देशक डेविड धवन (David Dhawan) और अभिनेत्री करिश्मा कपूर, रवीना टंडन (Ravena Tondon) व कादर खान के साथ खूब जमी। गोविंदा को "कॉमेडी किंग" (Comedy King) और "डांसिंग स्टार" (Dancing Star) कहा जाने लगा।

कुली नं. 1

हालाँकि 2000 के बाद उनका करियर धीमा पड़ गया और उन्हें वैसी सफलता नहीं मिली जैसी पहले मिलती थी। राजनीति में भी उन्होंने हाथ आज़माया लेकिन बाद में दोबारा फिल्मों की ओर लौट आए। आज भी लोग उनके गानों पर थिरकते हैं और उनकी कॉमेडी का मज़ा लेते हैं। गोविंदा का नाम हिंदी सिनेमा के इतिहास में उन सितारों में शामिल है जिन्होंने आम दर्शकों को सबसे ज्यादा हँसी और मनोरंजन दिया।

राजनीति में भी उन्होंने हाथ आज़माया

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15 साल से बनकर पड़ी हैं फिल्में, 100 करोड़ लगे दांव पर

गोविंदा (Govinda) ने अपनी एक इंटरव्यू में बताया था कि पिछले 10-15 साल में उनकी कई फिल्में बनकर डिब्बाबंद पड़ी हैं। इनमें 100 करोड़ रुपये फंसे हुए हैं। यहां आपको गोविंदा की इन्हीं फिल्मों के बारे में बता रहे हैं, जो आज तक रिलीज नहीं हो पाईं। रिलीज होतीं तो शायद आज ब्लॉकबस्टर होतीं!

ऑस्कर (Oscar)

नव-निर्देशक मुकुल आनन्द गोविंदा को हॉलीवुड में अपनी पहचान बनाने वाले अभिनय कलाकार के रूप में पेश करने वाली इस ग्लॉबल ड्रामा पर काम कर रहे थे। कलाकार बिगड़ते रिश्तों और हॉलीवुड में ऐतिहासिक Oscar तक की यात्रा को दिखाना इस फिल्म का उद्देश्य था। यह फिल्म बड़े सपने लिए तैयार हो रही थी।

गोविंदा (Govinda) ने अपनी एक इंटरव्यू में बताया था कि पिछले 10-15 साल में उनकी कई फिल्में बनकर डिब्बाबंद पड़ी हैं।

लेकिन दुर्भाग्य से मुकुल आनन्द की आकस्मिक मृत्यु ने इस फिल्म को अधर में लटका दिया। इस फिल्म के पीछे काफी पैसे खर्च किए गए थे और शूटिंग भी लगभग खत्म हो चुकी थी लेकिन मुकुल आनंद की मृत्यु उन्हें इस फिल्म पर हमेशा के लिए ताला लगा दिया।

तांडव (Tandav)

गोविंदा इस फिल्म में डबल रोल में नज़र आने वाले थे, जिसके सह-कलाकार थे जितेंद्र, जया प्रदा और अमृता सिंह। अभिनय और कॉमिक ट्रैक दोनों के लिए यह परियोजना खास थी। लेकिन सदमा रहा कि गोविंदा इसके बाद फिल्म से हट गए, और उनकी जगह नीतीश भारद्वाज को लिया गया। जरूरत के अनुसार “परिवर्तन” ने इसे ही आदर्श रूप में रिलीज़ होने से रोक दिया।

गोविंदा इस फिल्म में डबल रोल में नज़र आने वाले थे, जिसके सह-कलाकार थे जितेंद्र, जया प्रदा और अमृता सिंह।

फैसला (Faisla)

फ़िल्म में विनोद खन्ना, संजय दत्त, डिंपल कपाड़िया जैसे बड़े कलाकार शामिल थे, और ये एक कठोर ड्रामा बन रहा था। लेकिन अचानक इस प्रोजेक्ट को रोककर इसकी जगह दूसरी कहानी “महासंग्राम” फिल्म के निर्माण को प्राथमिकता दे दी गई। परिणामस्वरूप, 'फैसला' एक अधर में लटका प्रोजेक्ट बनकर रह गया।

मेरे पास मां है (Mere Pass Maa Hai)

नीलम, अनुपम खेर, गुलशन ग्रोवर और कादर खान जैसे कलाकारों के साथ गोविंदा इस फिल्म में भावुक और पारिवारिक कहानी लेकर आ रहे थे। लेकिन रचनात्मक या प्रोडक्शन संबंधी अड़चनों की वजह से फिल्म पूरी तरह रिलीज नहीं हो पाई, और प्रोजेक्ट बीच में ही रोक दिया गया।

गोविंदा (Govinda)

कुर्बानी की कीमत (Kurbani ki keemat)

इस फिल्म में गोविंदा, शत्रुघ्न सिन्हा, डिंपल कपाड़िया जैसे सितारे शामिल थे, जो एक थ्रिलर की ओर इशारा कर रहे थे। लेकिन शूटिंग शुरू होते-होते ही फिल्म रुकी और अंततः बंद हो गई, उस समय के दर्शकों को भी यह कहानी कभी नहीं देखने को मिली।

बंदा ये बिंदास है (Banda ye khas hai)


रवि चोपड़ा निर्देशित इस कॉमेडी-ड्रामा में गोविंदा, तबू, लारा दत्ता और बोमन ईरानी थे। यह Hollywood फिल्म My Cousin Vinny का रीमेक थी, जिसे भारत में एक मजेदार कॉमिक ट्विस्ट देना था। दुर्भाग्यवश, कानूनी विवादों के चलते इसे रिलीज नहीं किया जा पाया, जिससे यह खत्म हो गई।

1968 की प्रसिद्ध 'पड़ोसन' की रीमेक में गोविंदा एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले थे।

शोबिज (Showbees)

महेश भट्ट द्वारा निर्देशित इस फिल्म में संजय दत्त, मिथुन चक्रवर्ती, गोविंदा, अमृता सिंह और डिंपल कपाड़िया थे। प्रोजेक्ट बड़े पैमाने पर महत्वाकांक्षी था, लेकिन कथानक एवं शूटिंग विरोध के कारण यह बंद हो गई। अतः शोबिज की चमक स्क्रीन तक नहीं पहुंच पाई।

पड़ोसन रीमेक (Padosan Remake)

1968 की प्रसिद्ध 'पड़ोसन' की रीमेक में गोविंदा एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले थे। फिल्म में महमूद का रोल भी उन्हें ऑफर हुआ था और संजय दत्त जैसे चेहरे शामिल थे। लेकिन यह परियोजना कभी शुरू ही नहीं हुई। किसी वजह से प्रोडक्शन में ही शुरूआत नहीं हो पाई।

1968 की प्रसिद्ध 'पड़ोसन' की रीमेक में गोविंदा एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले थे।

रंगलोक (Rangloak)

1987 में ही गोविंदा को मेहुल कुमार के निर्देशन में, मिथुन चक्रवर्ती के साथ एक फिल्म में लिया गया था। लेकिन फिल्म का निर्माण बीच में ही बंद कर दिया गया। तब तक यह केवल अनटाइटल्ड ही रही, और यह प्रोजेक्ट भी रिलीज का सफर तय नहीं कर पाया।

सैंडविज (Sandwich)

इन फिल्मों के अलावा गोविंदा की कई ऐसी फिल्में हैं, जो बनकर तैयार हैं, पर कई साल से रिलीज नहीं हो पाईं। हालांकि, वो कौन सी फिल्में हैं, इनके नाम सामने नहीं आ पाए। पर गोविंदा ने एक इंटरव्यू में ऐसी अपनी एक फिल्म का जिक्र किया था। एक फिल्म थी 'सैंडविज', जो बालासाहेब ठाकरे पर थी। गोविंदा के मुताबिक, यह फिल्म सलमान और आमिर खान को भी पसंद आई थी और एक्टर से कहा था कि यह सुपरहिट होने लायक फिल्म है, तो रिलीज क्यों नहीं की।

गोविंदा का नाम 90 के दशक की सुपरहिट फिल्मों और बेहतरीन कॉमिक टाइमिंग के लिए हमेशा याद किया जाएगा।

गोविंदा का नाम 90 के दशक की सुपरहिट फिल्मों और बेहतरीन कॉमिक टाइमिंग के लिए हमेशा याद किया जाएगा। लेकिन यह भी सच है कि उनकी कई फिल्में, जिनमें करोड़ों रुपये लगे थे और जिनसे दर्शकों को बड़ी उम्मीदें थीं, आज तक रिलीज नहीं हो पाईं। कभी प्रोडक्शन संबंधी समस्याएँ, कभी निर्देशक की मौत तो कभी कानूनी विवाद, इन कारणों ने इन फिल्मों को पर्दे तक पहुँचने से रोक दिया। अगर ये फिल्में रिलीज होतीं, तो शायद गोविंदा का करियर और भी ऊँचाइयाँ छू लेता। फिर भी, उनका योगदान और दर्शकों के दिलों में उनकी जगह आज भी अमर है। [Rh/SP]

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