Gulshan Kumar: जानिए कैसे जूस की दुकान पर काम करने वाला लड़का बना कैसेट किंग (WIKIMEDIA)

 

देशबंधु कॉलेज (Deshbandhu College)

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Gulshan Kumar: जानिए कैसे जूस की दुकान पर काम करने वाला लड़का बना कैसेट किंग

नोएडा (Noida) में एक प्रोडक्शन कंपनी की शुरुआत करने के बाद गुलशन अपने भक्ति गीत गाने और भजन गाने के कारण पॉपुलर होते चले गए।

न्यूज़ग्राम डेस्क, Poornima Tyagi

न्यूजग्राम हिंदी: दिल्ली (Delhi) में एक पंजाबी परिवार में 1956 में जन्मे गुलशन कुमार (Gulshan Kumar) ने दिल्ली के देशबंधु कॉलेज (Deshbandhu College) से अपनी स्नातक (Graduation) की पढ़ाई पूरी की। वहीं पर दरियागंज (Dariyaganj) में गुलशन के पिता चंद्रभान एक जूस की दुकान चलाया करते थे वहीं पर गुलशन भी उनके साथ काम किया करते थे।

जब गुलशन जूस की दुकान पर काम करते-करते पाक गए तो उनके पिता ने एक और दुकान खरीदी जिसमें वह सस्ती कैसेट और गाने रिकॉर्ड कर बेचने लगे। यही वह समय था जहां से गुलशन कुमार के भविष्य ने एक नया मोड़ ले लिया और उन्होंने सुपर कैसेट्स इंडस्टरीज लिमिटेड (Super Cassettes Industries Limited) नाम की कंपनी बनाई।

यह कंपनी देखते ही देखते भारत की सबसे बड़ी संगीत कंपनी के रूप में उभरकर सामने आई और गुलशन को कैसेट किंग (Cassete King) के रूप में जाना जाने लगा। इसके बाद इस संगीत कंपनी के तहत उन्होंने टी- सीरीज (T–Series) कंपनी की स्थापना की। नोएडा (Noida) में एक प्रोडक्शन कंपनी की शुरुआत करने के बाद गुलशन अपने भक्ति गीत गाने और भजन गाने के कारण पॉपुलर होते चले गए। जब गुलशन ने अपने बिजनेस को बढ़ता हुआ देखा तो उन्होंने मुंबई (Mumbai) शिफ्ट होने की सोची।

टी- सीरीज (T–Series) कंपनी

मुंबई शिफ्ट होने के बाद गुलशन की किस्मत ही बदल गई। उन्होंने 15 से ज्यादा फिल्में प्रोड्यूस की और एक फिल्म को डायरेक्ट भी किया उन्होंने पहली फिल्म सन 1989 में प्रोड्यूस की। लेकिन उन्हें पहचान 1990 में आई फिल्म आशिकी से मिली थी।

गुलशन कुमार की हत्या सन 1997 में कर दी गई थी और आज उनकी कंपनी टी सीरीज को उनके बेटे भूषण कुमार (Bhushan Kumar) संभाल रहे हैं।

उनका बिजनेस 24 देशों के साथ ही 6 महाद्रीपों में फैला हुआ हैं। उनकी कंपनी कई सुपरहिट फिल्में दे चुकी हैं।

PT

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