Physical Anxiety : एंग्जाइटी की समस्या सभी लोगों में अलग-अलग प्रकार आ सकती है। जो कई बार शारीरिक समस्याओं के रूप में भी दिख सकती है। (Wikimedia Commons) 
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फिजिकल एंजाइटी का सेहत पर होता है बुरा प्रभाव, जानें इसके लक्षण

एंग्जाइटी के कुछ ऐसे भी शारीरिक लक्षण होते हैं, जिनके बारे में हम नहीं जानते है, जिस कारण हम उन्हें आम शारीरिक समस्या समझकर अनदेखा कर देते हैं।

न्यूज़ग्राम डेस्क

Physical Anxiety : एंग्जाइटी एक मानसिक स्वास्थ्य समस्या है, एंग्जाइटी की समस्या सभी लोगों में अलग-अलग प्रकार आ सकती है। जो कई बार शारीरिक समस्याओं के रूप में भी दिख सकती है। एंग्जाइटी अटैक के कारण आप हर वक्त परेशानी महसूस कर सकते है या घबराहट जैसे लक्षण भी दिख सकते हैं। एंग्जाइटी के कुछ ऐसे भी शारीरिक लक्षण होते हैं, जिनके बारे में हम नहीं जानते है, जिस कारण हम उन्हें आम शारीरिक समस्या समझकर अनदेखा कर देते हैं। शारीरिक एंग्जाइटी की समस्या आम जीवन को भी प्रभावित कर सकती है।

क्या होती है फिजिकल एंग्जाइटी ?

फिजिकल एंग्जाइटी को सोमैटिक एंग्जाइटी डिसऑर्डर या चिंता के शारीरिक लक्षणों के रूप में भी जाना जाता है। यह एक सामाजिक और मानसिक स्वास्थ्य समस्या है, जो व्यक्ति को शारीरिक रूप से कष्ट पहुंचाती है। यह तनाव या चिंता के कारण से हो सकती है, जो फिजिकल हेल्थ को प्रभावित करती है। साइकोलॉजिस्ट डॉ. ललिता सुगलानी ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर करके फिजिकल एंग्जाइटी के कुछ लक्षणों के बारे में बताया है, जिन्हें पहचानकर इस समस्या को दूर करने में मदद मिल सकती हैं।

यह एक सामाजिक और मानसिक स्वास्थ्य समस्या है, जो व्यक्ति को शारीरिक रूप से कष्ट पहुंचाती है। (Wikimedia Commons)

फिजिकल एंग्जाइटी के लक्षण ?

इसके कई लक्षण है जैसे जी मिचलाना या उलटी होना,

थकान महसूस करना, जबड़े में दर्द होना, नींद न आने की परेशानी, बहुत ज्यादा पसीना आना,माइग्रेन का दर्द

,मुंह में ड्राईनेस, छाती में बार-बार दर्द होना, शरीर का सुन्न होना, दांतों का पीसना, हाथों में चिपचिपापन होना

मांसपेशियों में तनाव होना, बार - बार बीमार होना, पाचन संबंधी समस्याएं होना, सीने में जकड़न की समस्या होना, बहुत ज्यादा थकावट होना, दिल की धड़कनों का तेज होना या हल्की सांस आना, बार-बार पैशाब आना। शारीरिक एंग्जाइटी से बचने के लिए सेल्फ केयर बेहद जरूरी है। इसलिए फिजिकल एंग्जाइटी के इन लक्षणों को पहचानकर आप मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर रख सकते हैं।

क्या उपाय किया जा सकता है?

इसके साथ हेल्दी डाइट, योग ध्यान और आराम करना भी महत्वपूर्ण है। नींद को प्राथमिकता देना बेहद जरूरी है तथा इसके लिए थेरेपी और दवा दो मुख्य उपचार हैं। यदि आप शारीरिक लक्षणों का अनुभव करते हैं, तो टॉक थेरेपी या दवा जो आपकी चिंता को सुधारती है, अक्सर इन लक्षणों में सुधार लाती है।

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