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कमाथ ब्रदर्स की सीख: सुनो, सीखो और संतुलन बनाओ, सिर्फ़ स्टार्टअप के पीछे मत भागो

कमाथ ब्रदर्स की सीख हमें बताती है कि सफलता का असली अर्थ सिर्फ़ स्टार्टअप या पैसा नहीं है, बल्कि सीखने, संतुलन बनाने और समाज के लिए कुछ करने में है। निखिल युवा की आवाज़ को भविष्य की दिशा मानते हैं, जबकि नितिन युवाओं को सलाह देते हैं कि वे पहले खुद को मज़बूत करें और फिर बड़ा कदम उठाएँ।

न्यूज़ग्राम डेस्क

भारत (India) की स्टार्टअप (Start Up) दुनिया में नितिन कमाथ (Nitin Kamath) और निखिल कमाथ (Nikhil Kamath) का नाम बहुत सम्मान से लिया जाता है। उन्होंने ज़ेरोधा (Zerodha) को बिना किसी बाहरी निवेशक के खड़ा किया और आज यह भारत का सबसे बड़ा स्टॉक ब्रोकिंग (Stock Broking) प्लेटफ़ॉर्म है। लेकिन उनकी असली ख़ासियत सिर्फ़ उनका बिज़नेस नहीं है, बल्कि उनकी सोच और युवाओं को दी जाने वाली सलाह है।

उनकी मान्यता है कि सफलता पाने का मतलब केवल कंपनी बनाना या पैसा कमाना नहीं होता। असली मायने यह है कि आप सीखते कैसे हैं, समाज से जुड़े मुद्दों को कैसे समझते हैं और अपनी ज़िंदगी में संतुलन कैसे बनाते हैं। इसी सोच को लेकर उन्होंने हाल ही में युवाओं (Youth) और बिज़नेस (Business) लीडर्स दोनों को कई महत्वपूर्ण बातें समझाई हैं।

निखिल कमाथ: “16 साल के बच्चों को सुनो”

निखिल कमाथ (Nikhil Kamath) का मानना है कि भविष्य को समझने के लिए सबसे अच्छा तरीका है कि आप यह देखें कि 16 साल के किशोर आज क्या कर रहे हैं। उनके अनुसार, 16 साल के बच्चे किसी भी समाज की नई दिशा दिखाते हैं। वे कौन-सी चीज़ें खरीद रहे हैं, किस तरह का म्यूज़िक (Music) सुन रहे हैं, किस सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर समय बिता रहे हैं, ये सब चीज़ें आने वाले समय में बड़े व्यापारिक अवसर बन जाती हैं।

उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा है कि आज से कुछ साल पहले इंस्टाग्राम (Instagram) और यूट्यूब (YouTube) केवल युवाओं के बीच लोकप्रिय थे। लेकिन धीरे-धीरे ये प्लेटफ़ॉर्म पूरी दुनिया की आदत बन गए और अब ये अरबों डॉलर (Dollar) की इंडस्ट्री (Industry) चला रहे हैं। इसी तरह गेमिंग कल्चर (Gaming Culture) और शॉर्ट वीडियो कंटेंट (Short Video Content) भी पहले सिर्फ़ बच्चों का शौक़ माना जाता था, लेकिन आज ये विज्ञापन (Advertisement) और मनोरंजन (Entertainment) की सबसे बड़ी ताक़त बन चुके हैं।

निखिल (Nikhil) का कहना है कि अक्सर बड़े लोग और बिज़नेस लीडर्स (Business Leaders) यह सोचते हैं कि वे 20 साल आगे का प्लान बनाकर भविष्य को पकड़ सकते हैं। लेकिन हकीकत यह है कि भविष्य को समझने का सबसे आसान और सटीक तरीका यह है कि आप देखें कि बच्चे आज क्या कर रहे हैं। जो चीज़ें उनकी दिनचर्या का हिस्सा हैं, वही कल की अर्थव्यवस्था (Economy) और समाज की पहचान बनने वाली हैं।

निखिल कमाथ

नितिन कमाथ: “22 साल में स्टार्टअप शुरू मत करो”

नितिन कमाथ (Nithin Kamath) युवाओं को बहुत साफ़ और व्यावहारिक सलाह देते हैं। उनका कहना है कि अगर आप 22 साल के हैं तो आपकी पहली सोच यह नहीं होनी चाहिए कि “मुझे स्टार्टअप करना है।” वे मानते हैं कि इस उम्र में सबसे ज़रूरी है कि आप पहले सीखें, खोजें और अनुभव लें।

उनके अनुसार, शुरुआती 20s की उम्र एक ऐसे मैदान की तरह है जहाँ आप अलग-अलग चीज़ों को आज़मा सकते हैं। आप असफल भी होंगे, लेकिन वही असफलता आपके लिए सीख बन जाएगी। अगर आप इस उम्र में सिर्फ़ स्टार्टअप के पीछे भागेंगे तो न तो आपको अपनी असली रुचि समझ में आएगी और न ही आपकी कौशल मज़बूत हो पाएगी। इससे आप जल्दी थक भी सकते हैं और अपने काम से निराश भी हो सकते हैं।

नितिन (Nithin) कहते हैं कि पहले आपको यह पहचानना होगा कि आप किस काम में अच्छे हैं, आपको किस चीज़ में आनंद आता है और कौन-सा क्षेत्र है जहाँ आप समाज या इंडस्ट्री में असली योगदान दे सकते हैं। जब यह स्पष्ट हो जाएगा, तभी आप कोई नया बिज़नेस या स्टार्टअप टिकाऊ तरीके से खड़ा कर पाएंगे।

स्वास्थ्य और संतुलन की अहमियत

दोनों भाई मानते हैं कि सफलता का मतलब केवल पैसे तक सीमित नहीं है। वे बार-बार इस बात पर ज़ोर देते हैं कि अगर आप अपने स्वास्थ्य (Health) का ध्यान नहीं रखेंगे तो कोई भी उपलब्धि आपके काम नहीं आएगी।

नितिन खुद इसका उदाहरण हैं। साल 2023 में उन्हें एक हल्का स्ट्रोक आया। इस घटना ने उन्हें यह एहसास दिलाया कि काम का अत्यधिक बोझ, नींद की कमी और शरीर की अनदेखी इंसान को कितना नुक़सान पहुँचा सकती है। इसके बाद से वे लगातार यह संदेश देते हैं कि काम ज़रूरी है, लेकिन जीवन और स्वास्थ्य उससे भी ज़्यादा ज़रूरी हैं।

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दूसरी तरफ़, निखिल कमाथ ने समाज और पर्यावरण (Environment) की ज़िम्मेदारी भी उठाई है। अपनी रेनमैटर फाउंडेशन (Rainmatter Foundation) के ज़रिए उन्होंने जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण संरक्षण और रोज़गार सृजन पर ध्यान केंद्रित किया है। उनका मानना है कि जब आप सफल हो जाते हैं तो आपकी ज़िम्मेदारी होती है कि आप उस सफलता का कुछ हिस्सा समाज को लौटाएँ।

इस तरह दोनों भाइयों की सोच हमें यह समझाती है कि सफलता बहुआयामी होती है। यह केवल धन कमाने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें स्वास्थ्य, संतुलन, खुशी और समाज के प्रति जिम्मेदारी भी शामिल है।

नितिन कमाथ

निष्कर्ष

आज की दुनिया में जहाँ हर तरफ़ स्टार्टअप संस्कृति की बातें हो रही हैं और सोशल मीडिया (social media) पर रातों-रात सफल होने वाले उद्यमियों की कहानियाँ छाई रहती हैं, कमाथ ब्रदर्स का संदेश बहुत संतुलित और वास्तविक लगता है। वे यह मानते हैं कि युवा पीढ़ी को जल्दबाज़ी छोड़कर पहले सीखने, खोजने और खुद को मज़बूत बनाने पर ध्यान देना चाहिए।

निखिल कमाथ (Nikhil Kamath) हमें यह समझाते हैं कि अगर हम बच्चों को सुनेंगे तो भविष्य को बेहतर समझ पाएँगे। वहीं नितिन कमाथ यह बताते हैं कि 22 साल की उम्र में सबसे बड़ी उपलब्धि स्टार्टअप बनाना नहीं, बल्कि खुद को बनाना है। और दोनों मिलकर यह सिखाते हैं कि पैसा ज़रूरी है, लेकिन स्वास्थ्य (Health), संतुलन और समाज (Society) को कुछ लौटाना उससे कहीं ज़्यादा ज़रूरी है।

(Rh/BA)

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