<div class="paragraphs"><p>International Seal Day (Wikimedia)</p></div>

International Seal Day (Wikimedia)

 

बेहद प्यारा और अद्भुत जानवर

ज़रा हट के

International Seal Day: जानिए इस बेहद प्यारे जानवर के बारे में

न्यूज़ग्राम डेस्क

न्यूजग्राम हिंदी: अत्यधिक शिकार और समुद्री जल प्रदूषण के कारण, सील की आबादी अब तेजी से घट रही है। इस दुर्लभ जानवर की रक्षा के लिए सील बचाने के फाउंडेशन ने फैसला किया है कि प्रत्येक वर्ष 1 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय सील दिवस (International Seal Day) के रूप में मनाया जाएगा अंटार्कटिक से उत्तरी ध्रुव तक, समुद्र से लेकर मीठे पानी की झीलों तक सील रहते हैं, जिनमें से अंटार्कटिक सील की संख्या सबसे बड़ी है, और दुनिया में सील की कुल संख्या का 90 प्रतिशत हिस्सा है। इसके बाद आर्कटिक महासागर, उत्तरी अटलांटिक महासागर और उत्तरी प्रशांत महासागर में हैं। पश्चिमी प्रशांत सील मुख्य रूप से चीन के पोहाए सागर और हुआंगहाए सागर के उत्तरी भाग में हैं।

सील बहुत ही अद्भुत और प्यारा जानवर है। यह कई तरह से इंसान जैसा दिखता है, जैसे कि इसके शरीर का तापमान, जो लगभग इंसान के जैसा ही होता है। हर साल मार्च में, केवल दो सप्ताह में, विश्व में अधिकांश मादा सील एक ही समय पर अपने बच्चे को जन्म देती हैं। सील बड़े समुद्री स्तनधारी हैं, जिनका जीवनकाल लगभग 30 वर्ष है। लेकिन ग्लोबल वार्मिंग के साथ, आर्कटिक महासागर में तापमान हाल के वर्षों में साल दर साल गर्म रहा है। सर्दियों के अंत और वसंत के शुरू में समुद्री बर्फ पतली होने की वजह से कुछ बेबी सील समुद्र में गिर गए और उनकी मृत्यु हो गई। इसके अलावा, जो लोग समुद्र में कचरा छोड़ते हैं उसमें भारी मात्रा में धातुएं और रेडियोधर्मी पदार्थ होते हैं। इन चीजों को खाने के बाद मछली उन्हें अपने शरीर में जमा कर लेती है। सील हर दिन में लगभग 10 हजार ग्राम मछली खाते हैं, एक निश्चित मात्रा तक पहुंचने के बाद सील मर जाएंगे।

एक निश्चित सीमा पर पहुंचने पर सील की मृत्यु 

पश्चिमी प्रशांत सील चीन में प्रथम श्रेणी का संरक्षित जानवर है जिसकी सुरक्षा के लिए वर्ष 1992 में चीन के शानतोंग प्रांत के ताल्येन शहर ने पोहाए सागर के तट पर पश्चिमी प्रशांत सील की रक्षा के लिए देश में एकमात्र प्रकृति रिजर्व की स्थापना की। विभिन्न सुरक्षा उपायों में सुधार के साथ सील की आबादी में तेजी से बहाल हो रहा है, और वर्तमान में इसकी संख्या लगभग 2 हजार के आसपास बनी रही है।

दूध में मिलाया जा रहा है ऑक्सोटोसिन, हाईकोर्ट ने डेयरी कॉलोनी को लगाई फटकार

असम में रहने वाले ये लोग नहीं दे सकते हैं वोट, जानिए क्या है वजह

भारतीय लिबरल पार्टी ने दिल्ली के 3 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों का किया नामांकन

ब्रह्म मुहूर्त में देवी-देवता आते हैं पृथ्वी पर, जानिए इस दौरान किन कामों को करना नहीं है उचित

पिता ने बेटे को रटाकर लाया सारे सवालों का जवाब, जस्टिस लीला सेठ ने पकड़ लिया झूठ