Banganga : हरदोई में एक जलस्रोत है उसकी कहानी महाभारत काल से जुड़ी हुई है। (Wikimedia Commons) 
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द्वापर युग में अर्जुन ने तीर मारकर निकाली थी यह जलधारा, आज भी यहां लगातार निकलता है पानी

द्वापरयुग के दौरान पांडवों के अज्ञातवास के समय प्यास लगने पर अर्जुन ने अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए धनुष पर तीर चढ़ाया और जमीन पर मारा।

न्यूज़ग्राम डेस्क

Banganga : हरदोई में धार्मिक स्थल तो बहुत हैं लेकिन यहां कुछ ऐसे धार्मिक स्थल हैं, जिनका इतिहास द्वापर से लेकर त्रेतायुग तक जुड़ा हुआ है। ऐसा ही हरदोई में एक जलस्रोत है उसकी कहानी महाभारत काल से जुड़ी हुई है। यहां माना जाता है कि द्वापरयुग के दौरान पांडवों के अज्ञातवास के समय प्यास लगने पर अर्जुन ने अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए धनुष पर तीर चढ़ाया और जमीन पर मारा। अर्जुन के शक्तिशाली तीर से पानी की धारा फूट पड़ी और देखते ही देखते यहां एक सरोवर बन गया।

द्वापर युग के समय से बह रहे इस जलस्रोत में आज भी निरन्तर जलधारा निकलती आ रही है। (Wikimedia Commons)

कैसे बना यह जलस्रोत?

हरदोई में धौम्य ऋषि की तपस्थली है। जिसे धोबिया आश्रम के नाम से जाना जाता है। इस आश्रम के महंत स्वामी नारायणानंद जी बताते हैं कि द्वापर युग मे महाभारत समाप्त होने के बाद पांडव अज्ञातवास के लिए निकले थे। पांचों पांडव जंगलों में चलते हुए इस स्थान पर पहुंचे तो उन्हें बहुत प्यास लगी तब वहां आसपास कोई जलाशय नहीं दिखा तो अर्जुन ने अपने धनुष की कमान पर एक बाण चढ़ाया और धरती में मार दिया। जहां से तेज धारा के साथ जल निकलने लगा और सभी ने अपनी प्यास बुझाई। तब से अब तक यह जल धारा निरंतर निकलती आ रही है।

लोग बाण गंगा के नाम से भी जानते है

धोबिया आश्रम के महंत स्वामी नारायणानंद जी बताते हैं कि अर्जुन के द्वारा इस जंगल के बीचो बीच में बाण मारकर निकाली गई जलधारा को यहां के लोग बाण गंगा भी बोलते हैं। ऐसा माना जाता है की जो इस जगह स्नान करेगा, वह पापमुक्त हो जाएगा। द्वापर युग के समय से बह रहे इस जलस्रोत में आज भी निरन्तर जलधारा निकलती आ रही है। आपको बता दें कि इस जलस्रोत से निकलने वाली धारा जंगल से कुछ किलोमीटर की दूरी पर बहने वाली गोमती नदी में जाकर मिल जाती।

हरदोई में धौम्य ऋषि की तपस्थली है। जिसे धोबिया आश्रम के नाम से जाना जाता है। (Wikimedia Commons)

कैसे आए यहां?

यदि आप भी यहां आना चाहते है तो इसके लिए अगर आप ट्रेन से आए हैं तो वहां से ई रिक्शा से रोडवेज पहुंचे। वहां से रोडवेज बस या फिर प्राइवेट बस से पिहानी जाएं फिर वहां से धोबिया के लिए ई रिक्शा अथवा वाहन से धोबिया तक पहुंच सकते हैं यदि आप अपने निजी वाहन से हैं तो हरदोई से 30 किलोमीटर की दूरी पर कस्बा पिहानी जाएं फिर वहां से 10 किलोमीटर आगे धोबिया तक जाना पड़ेगा और आप पहुंच जाएंगे इस प्राचीन जलस्रोत पर।

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