Bizarre living being : वैज्ञानिकों ने एक अनोखे जीव का जीवाश्म खोज निकाला है वह जीव इतना अनोखा है की उसे न तो हम जानवर कह सकते है न ही पौधा, यहां तक कि वह ना कोई खनिज और ना ही बैक्टीरिया या फफूंद जैसा कोई सूक्ष्मजीव है। इस जीव को यूलेनिड कहते हैं और यह अलग-अलग जीवों का एक संगम है। दरहसल, अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों की टीम ने सबूत दी है कि उन्होंने पुरातन यूगलेनिड जीवाश्म का पता लगाया है। इस अनोखे से जीव के बारे में वैज्ञानिकों ने जब पता किया तो इसके शोध में क्या - क्या सामने आया आइए जानते है।
यूगलेनिड एककोशिकीय जीव है। यह यूकायरोट्कस जीवों के समूह होते है। ये पौधे के जैसे ही अपना खाना स्वयं बनाते हैं और जानवरों की तरह खाना भी खाते हैं। यह समुद्र में रहने वाले दूसरे यूकायरोट्कस से करीब एक अरब साल पहले अलग हुए थे। आज के समय में इनका जीवाश्म मिलना बहुत मुश्किल हैं।
इतने सालो से इस जीवाश्मों को कीड़ों के अंडे, फर्न् के स्पोर वगैरह समझा जा रहा था। ये जीवाश्म कोई जीव नहीं हैं इसलिए वैज्ञानिकों ने इसे सूडोस्कीजिया शेल्स नाम दिया। कई वैज्ञानिकों को इन जीवों के बहुत सारे जीवाश्म मिलते रहे है। ये 50 करोड़ सालों से अब तक मौजूद थे।
जर्मनी के हीडलबर्ग यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं को ग्रीस की झीलों में यूगलेनिड के पतले ओवल आकार के जीवाश्म मिले थे। इनकी खास बात यह है कि ये स्वयं को दबाव के समय में खास खोल में छिपा लेते थे पर इनकी व्याख्या की समस्या ने शोधकर्ताओं को पुराने शोधों को दोबारा से पढ़ने के लिए मजबूर कर दिया यह रिसर्च रीव्यू ऑफ पेलियोबॉटनी एंड पैलिनोलॉजी में प्रकाशित हुआ था।
पड़ताल के दौरान भी उन्हें कुछ खास हासिल नहीं हुआ इसलिए शोधकर्ताओं ने गहराई से मिले जीवाश्मों की पड़ताल की तो उन्होंने पाया कि ये तो वाकई ना तो जानवर हैं, ना पौधे, ना ही इनकी संरचना समुद्री काई से मिलती है। इसके बाद वैज्ञानिकों इन यूगलेनिड्स के इतिहास की व्याख्या की जिससे दूसरे वैज्ञानिकों को पुरानी जानकारी से भी तालमेल बनाना आसान होगा। आपको बता दें कि ये जीव हर महाविनाश में बच कर निकल पाए हैं।