Weird Tradition - इक्कीसवी सदी में समाज और हमारा देश निरंतर बदल रहा है। अब लोगों की सोच में भी खास कर महिलाओं को लेकर बहुत बदलाव देखा गया है चाहे वो बेटी को पढ़ाना हो या उसे नौकरी पर जाने की इजाजत देनी हो या फिर प्रेम विवाह ही क्यों न हो। समय के साथ सभी ने कुप्रथाओं का बहिष्कार किया है। एक बेटी के लिए उसका हीरो उसके पिता ही होते है जो अपनी बेटी को
दुनिया की हर वह खुशी देने का कोशिश करते है जो उनकी बेटी को चाहिए होता है।
अगर अब इसी सदी में आपको ऐसे एक कुप्रथा के बारे में बताया जाए जिसमें एक पिता ही अपनी बेटी के बड़े होने के बाद उससे शादी कर लेता है तो आपको ये एक झूठ ही लगेगा लेकिन यह एक कड़वा सच है कि आज के जमाने में भी बच्चियां एक ऐसे कुप्रथा से जूझ रही है जहां वो इतनी बेबस है की जिस पिता को वो अपना हीरो मानती हुई आई है वही पिता बड़े होने के बाद उसका शौहर बन जाता है।
मंडी जनजाति इस कुप्रथा को सदियों से मानते आ रहे हैं। उनका तर्क है कि इस रिवाज की वजह से वो दो महिलाओं का जीवन सवार देते हैं। पहले विधवा मां की और बाद में उसकी बेटी की लेकिन इस कुप्रथा ने आजतक कई बच्चियों की जिंदगी तबाह कर दी है।
बांग्लादेश के मंडी जनजाति में बेहद शर्मशार प्रथा जिसमें कोई महिला कम उम्र में विधवा हो जाती है तो मर्द उससे दूसरा निकाह कर लेता है। इस निकाह में वो उसे पत्नी के सारे अधिकार देता है।उसका भरण-पोषण करता है लेकिन अगर महिला की पहली शादी से कोई बेटी है तो उसके जवान होते ही वो उससे भी निकाह कर लेता है। इसी शर्त पर वो विधवा को सुहागन बनाने को तैयार होता है।
मंडी जनजाति की ओरोला नाम की लड़की ने इस कुप्रथा का खुलासा किया था। उसने बताया कि जब वो बेहद छोटी थी, तब उसके पिता का देहांत हो गया था। तब उसकी मां ने एक अन्य मर्द से शादी की थी। ओरोला ने उनको अपने जीवन में पिता का स्थान दी थी लेकिन जब वो जवान हुई तो उसके ही सौतेले बाप ने उससे शादी कर उसकी इज्जत लूट ली।