अमेरिका, आज अमेरिका (America) का नाम सुनते ही कई सारी चीज सामने आती हैं जैसे अमेरिका के इकोनॉमी (American Economy), अमेरिका का सुपर पावर (Super Power) बनना, वहां के लीडर्स, अमेरिका की कूटनीति (American diplomacy) और पूरी दुनिया पर राज करने की क्षमता। लेकिन अमेरिका (America) हमेशा से ऐसा नहीं था एक वक्त था जब उसने भी गुलामी झेला है और 1776 में खुद को आजाद करने के बाद अमेरिका (America) ने लिखी खुद की कहानी। कहानी है उस देश की, जो कभी सिर्फ 13 कॉलोनियों (Colonies) में बसा था, जो अटलांटिक सागर (Atlantic Ocean) के किनारे-किनारे चलता था, लेकिन उसके सपने पूरे महाद्वीप पर फैल चुके थे, और इसी सपने को हकीकत बनाने के लिए अमेरिका (America) ने किया इतिहास का सबसे बड़ा ज़मीनी खेल। आइए जानते हैं कि अमेरिका (America) का सपना क्या था और अमेरिका ने कैसे अपने क्षेत्रों को दोगुना कर लिया ?
शुरुआत हुई एक नदी से
1776 में जब अमेरिका (America) आजाद हुआ तो बड़ी जल्दी ही उसने अपनी सभी परिस्थितियों को मजबूत कर लिया था। शुरू में तो अमेरिका (America) में किसान, व्यापारी, नौजवान सभी अपने देश की परिस्थितियों को मजबूत करने के लिए पश्चिम की तरफ जाना चाहते थे। लेकिन रास्ते में थी मिसिसिपी नदी, और उससे भी ज़्यादा ज़रूरी, न्यू ऑरलियन्स (New Orleans) का बंदरगाह। न्यू ऑरलियन्स (New Orleans) उस वक्त स्पेन के पास था और तभी अचानक से खबर आई कि स्पेन (Spain) ने अपना यह बंदरगाह फ्रांस (France) को दे दिया है, और उस वक्त फ्रांस का राजा था नेपोलियन बोनापार्ट (Napoleon Bonaparte) वही नेपोलियन (Napoleon) जो पूरी दुनिया को जीतने का सपना देखता था। यह खबर सुनते ही अमेरिका घबरा गया कि अगर नेपोलियन (Napoleon) ने इस बंदरगाह को बंद कर दिया तो अमेरिका (America) के लिए भी रास्ते बंद हो जाएंगे। यही से शुरू होती है अमेरिका की जमीन नीति जिसमें उसने बड़ी ही कूटनीतिक तरीके से पश्चिमी देशों के बंदरगाहों और जमीनों को अपने अधीन किया।
जब अमेरिका निकला लुइज़ियाना खरीदने
अमेरिका को अपनी जमीन के साथ-साथ शक्तियां भी बढ़ानी थी और सामने खड़ा था नेपोलियन बोनापार्ट (Napoleon Bonaparte)। हिम्मत कर अमेरिकी राष्ट्रपति थॉमस जेफरसन ने अपने दो दूतों को नेपोलियन के पास भेजा और न्यू ऑरलियन्स (New Orleans) का बंदरगाह खरीदने की इच्छा जाहिर की। नेपोलियन उस वक्त खुद ही कई युद्धों और परेशानियों से जूझ रहा था, उसे यूरोप के साथ एक युद्ध भी करना था जिसके लिए उसे पैसे चाहिए थे तो उसने अमेरिका से आए दूतों को पूरा लुइज़ियाना (louisiana) ही खरीदने का ऑफर दे दिया। अमेरिकी दूत सोच में पड़ गए और अंत में उन्होंने लुइज़ियाना (louisiana) खरीद लिया। सिर्फ 15 मिलियन डॉलर में अमेरिका ने 8.27 लाख वर्ग मील ज़मीन खरीद ली, इसे कहा गया "लुइज़ियाना परचेज़"("Louisiana Purchase")।
एक सौदे ने बदल दिया अमेरिका का भविष्य
"लुइज़ियाना परचेज़”("Louisiana Purchase") अमेरिका के इतिहास में इस परचेज को गोल्डन परचेज माना जाता है क्योंकि इसके बाद अमेरिका (America) केवल आर्थिक रूप से नहीं बल्कि भौगोलिक रूप से भी बदल गया। इस एक परचेज में लगभग 15 राज्य शामिल हैं, जिनमें से मिसौरी, अर्कांसास, आयोवा, कंसास, नेब्रास्का, और नॉर्थ-साउथ डकोटा प्रमुख हैं। इतना ही नहीं यह परचेज अमेरिका (America) को एक महाद्वीपीय शक्ति बनाने की दिशा में पहला बड़ा कदम था। अब सवाल था – "इस नई ज़मीन में है क्या?" तो राष्ट्रपति जेफरसन ने एक अभियान के तहत लुईस और क्लार्क को इस जमीन पर भेजा। वे घोड़े, नाव और पैदल चलते हुए पश्चिम तक गए। पहाड़ों, नदियों और जनजातियों को पार करते हुए उन्होंने महाद्वीप का पहला नक्शा बनाया। इस एक जमीन से अमेरिका को वो सब कुछ मिला जो उसे आज सुपर पावर बनाने में मदद करती हैं।
लुइज़ियाना (louisiana) में भरपूर उपजाऊ ज़मीन थी, जो किसानों के लिए एक वरदान साबित हुई। इससे खेती, पशुपालन और कृषि आधारित व्यापार को ज़बरदस्त बढ़ावा मिला। मिसिसिपी नदी (Mississippi River)और इसकी सहायक नदियाँ व्यापार और परिवहन के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित हुईं।
इस सौदे से अमेरिका को न केवल ज़मीन मिली, बल्कि फ्रांस जैसी यूरोपीय ताकत भी अब उत्तर अमेरिका से बाहर हो गई। इससे अमेरिका को अपनी सुरक्षा और संप्रभुता के लिहाज से बड़ी राहत मिली और उसे अपनी सीमाओं को लेकर ज़्यादा आत्मविश्वास आया।
लुइज़ियाना परचेज़ ("Louisiana Purchase") ने अमेरिका को पश्चिम की ओर बढ़ने का रास्ता दे दिया। इसके बाद अमेरिका ने टेक्सास, कैलिफ़ोर्निया, ओरेगन और अलास्का जैसे क्षेत्रों पर भी कब्ज़ा कर लिया। इस तरह यह सौदा अमेरिका के "Manifest Destiny" यानी पूरे महाद्वीप पर फैलने की नीति का शुरुआती आधार बना।
लुईस और क्लार्क अभियान के बाद भूगोल, जलवायु, वन्यजीव और मूल निवासियों के बारे में नई जानकारी मिली। इससे अमेरिका को वैज्ञानिक, आर्थिक और रणनीतिक दृष्टि से बड़ी मदद मिली।
कई राज्य बने अमेरिका का हिस्सा
फ्लोरिडा (Florida), टेक्सास, कैलिफोर्निया (California) , न्यू मैक्सिको (New Mexico), अलास्का (Alaska) हवाई जैसे कई राज्यों को धीरे-धीरे अमेरिका ने अपने भौगोलिक क्षेत्र में मिला लिया। कई सौदे शांति से हुए, लेकिन कई जगहों पर युद्ध, दबाव और कूटनीति का इस्तेमाल भी हुआ। अमेरिका का विस्तार सिर्फ नक्शे पर नहीं हुआ, बल्कि लोगों की ज़िंदगी, पहचान और इतिहास पर भी असर डाला।
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अमेरिका ने अपने भूगोल को दोगुना करने का सपना तो पूरा कर लिया, लेकिन इस प्रक्रिया में मूल निवासी जनजातियों, अन्य देशों और संस्कृतियों को किनारे कर दिया गया। फिर भी, यह एक ऐसा ऐतिहासिक सफर था, जिसमें एक राष्ट्र ने दृष्टि, अवसर और साहस से अपनी सीमाएं ही नहीं, बल्कि अपना भविष्य भी तय किया। [Rh/SP]