Mary Kom Retirement  :  मैरीकॉम को इस देश में कौन नहीं जानता है, इन्होंने छह बार विश्व चैंपियन और 2012 ओलंपिक पदक जीता है। (Wikimedia Commons)
Mary Kom Retirement : मैरीकॉम को इस देश में कौन नहीं जानता है, इन्होंने छह बार विश्व चैंपियन और 2012 ओलंपिक पदक जीता है। (Wikimedia Commons) 
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मीडिया में आई मैरीकॉम के रिटायरमेंट की खबर, जानें सच है या फिर झूठ

न्यूज़ग्राम डेस्क

Mary Kom Retirement : मैरीकॉम को इस देश में कौन नहीं जानता है, इन्होंने छह बार विश्व चैंपियन और 2012 ओलंपिक पदक जीता है। आपको बता दें कि मैरी कॉम ने मुक्केबाजी से संन्यास का ऐलान नहीं किया है। जब मैरी कॉम के रिटायरमेंट की खबरें मीडिया में सामने आई थीं तो मैरीकॉम ने एक बयान जारी किया और कहा, 'मीडिया के दोस्तों, मैंने अभी तक संन्यास की घोषणा नहीं की है और गलत तरीके से पेश किया गया है। जब भी मुझे इसकी घोषणा करनी होगी मैं खुद मीडिया के सामने आऊंगी। मैंने कुछ मीडिया रिपोर्टें देखी हैं जिनमें कहा गया है कि मैंने संन्यास की घोषणा कर दी है और यह सच नहीं है।

मैरी ने आगे कहा, " मैं 24 जनवरी 2024 को डिब्रूगढ़ में एक स्कूल के कार्यक्रम में भाग ले थी, जिसमें मैं बच्चों को प्रेरित कर कर रही थी, वहां मैंने कहा कि मुझमें अभी भी खेलों में उपलब्धि हासिल करने की भूख है, लेकिन ओलंपिक में उम्र की सीमा मुझे भाग लेने की अनुमति नहीं देती है, हालांकि मैं अपने खेल को जारी रख सकती हूं।" मैरीकॉम ने अपने बयान में यह भी कहा कि वो अभी भी अपनी फिटनेस पर ध्यान दे रहीं हैं। जब भी मैं संन्यास की घोषणा करूंगी तो सभी को सूचित करूंगी।

उन्हें पद्म भूषण , पद्मश्री, अर्जुन पुरस्कार और कई अन्य पुरस्कारों से भी सम्मानित किया जा चुका है। (Wikimedia Commons)

6 बार विश्व चैंपियन रह चुकी है

मैरी कॉम ने विश्व एमेच्योर बॉक्सिंग चैंपियनशिप को रिकॉर्ड छह बार जीता है। वह ऐसा करने वाली विश्व की एकमात्र महिला मुक्केबाज हैं। साल 2018 में मणिपुर सरकार ने उन्हें उनके असाधारण प्रदर्शन के लिए 'मीथोई लीमा' की उपाधि से सम्मानित किया। उन्हें पद्म भूषण , पद्मश्री, अर्जुन पुरस्कार और कई अन्य पुरस्कारों से भी सम्मानित किया जा चुका है। उनके जीवन पर आधारित एक हिंदी बायोपिक फिल्म 'मैरी कॉम' 2014 में रिलीज़ हुई, जिसमें प्रियंका चोपड़ा ने मैरी कॉम के किरदार को निभाया था।

स्वर्ण पदक जीतने वाली बनी पहली मुक्केबाज

उन्होंने 2012 लंदन ओलंपिक गेम्स में फ्लाईवेट 51 किलोग्राम वर्ग में कांस्य पदक जीता था। वह 2014 में दक्षिण कोरिया के इंचियोन में एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला मुक्केबाज बनीं और 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय महिला मुक्केबाज हैं।

2012 ओलंपिक मेडल जीतने के बाद मैरी ने अपने तीसरे बच्चे के जन्म के बाद उन्होंने अपनी वापसी की, पर दिल्ली में आयोजित 2018 वर्ल्ड चैंपियनशिप में यूक्रेन की हन्ना ओखोटा पर 5-0 से जीत दर्ज की। एक साल बाद, उन्होंने अपना आठवां वर्ल्ड मेडल पदक जीता, जो किसी भी पुरुष या महिला मुक्केबाज द्वारा सबसे अधिक था।

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