न्यूज़ग्राम हिंदी: हर साल हम 1मार्च को बेबी स्लीप डे(Baby Sleep Day) मानते हैं । अक्सर हम देखते हैं कि नवजात शिशु के सोने का कोई रूटीन नहीं होता है। वह दिनभर दूध पीने के लिए थोड़ी थोड़ी देर पर जागता रहता है। इसी कारण से मांओं की नींद भी पूरी नहीं होती है।
नए पैरेंट्स के लिए यह जानना ज़रूरी है कि उनका बच्चा कितना सोता है और वह उसी हिसाब से एडजस्ट कर सकते हैं। 2 से 3 महीने की आयु में बच्चा स्लीपिंग पैटर्न बनाने लगता है। इस उम्र में बच्चा 16 घंटे की नींद लेता है। बच्चा एक बार में लगभग 40 मिनट तक की नींद लेता हैं।
Baby Sleep Day: जानिए बच्चों के स्लीपिंग पैटर्न के बारे में(Wikimedia Image)
5 से 6 महीने का होते ही बच्चा रात में अधिक सोता है। इस समय वह दिन में दो से तीन बार सोता है और लगभग 2 घंटे की एक बार में एक नींद लेता है। 6 महीने का होते ही बच्चा 14 घंटे की नींद लेने लगता है और शाम 6 से 8 के बीच उसे नींद आने लगती है। धीरे धीरे बच्चा जैसे ही बड़ा होता है वह रात में ज़्यादा सोने लगता है।
अध्ययन में पाया गया है कि 2 साल तक शिशु के नींद में बदलाव आता रहता है, यह आम बात है। इस समय के अंतराल में उसकी नींद ज़्यादा स्थिर हो जाती है। साथ ही बच्चे को सुलाने में कम मेहनत लगती है।
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