हाल ही में चीन महिला महासंघ द्वारा आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में चीनी बाल और किशोर कोष के संबंधित प्रमुख ने परिचय देते हुए कहा कि वर्ष 1989 में चीनी बाल और किशोर कोष ने स्प्रिंग बड प्रोजेक्ट (Spring bud Project) जन कल्याण परियोजना को अंजाम दिया, जिसका उद्देश्य उन लड़कियों की मदद करना है, जो गरीबी से त्रस्त क्षेत्रों में स्कूल छोड़ चुकी हैं, ताकि वे अपनी पढ़ाई जारी रख सकें और गरीबी से त्रस्त क्षेत्रों में स्कूल की स्थिति में सुधार कर सकें। लड़कियों की स्कूली शिक्षा को सब्सिडी (Subsidy) देने के लिए यह चीन की पहली जन कल्याण परियोजना है, जो 1989 में शुरू की गई थी और इसे 33 वर्षों के लिए लागू किया गया। यह चीन में ग्रामीण लड़कियों की मदद के लिए अब तक की सबसे बड़ी और सबसे प्रभावशाली जन कल्याणकारी परियोजना है।
स्प्रिंग बड प्रोजेक्ट के निरंतर कार्यान्वयन ने न केवल इसमें शामिल लड़कियों के व्यक्तिगत जीवन को बदल दिया है, बल्कि उन्हें जीवन में चमकने का अवसर दिया है। साथ ही ग्रामीण महिलाओं के शैक्षिक स्तर, आर्थिक और सामाजिक विकास में भाग लेने की क्षमता और सामाजिक स्थिति में भी सुधार हुआ है। यह ग्रामीण महिलाओं के विकास की अंतर्जात प्रेरक शक्ति को और मजबूत करता है, वहीं दुनिया को महिलाओं की शिक्षा की स्थिति में सुधार लाने और शिक्षा के माध्यम से गरीबी को कम करने में चीन को अनुभव प्रदान करता है।
पिछले दस वर्षों में, स्प्रिंग बड प्रोजेक्ट ने 17 लाख 60 हजार लड़कियों को वित्त पोषित किया है, और 1 लाख 50 हजार से अधिक लड़कियों को सेवा और व्यक्तिगत मनोवैज्ञानिक परामर्श प्रदान किया है, जिससे तमाम लड़कियों का भाग्य बदल चुका है।
19 दिसंबर 2011 को संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) ने लड़कियों के अधिकारों और दुनिया भर में लड़कियों के सामने आने वाली अनूठी चुनौतियों को पहचानने और असमान व्यवहार को दूर करने के लिए प्रत्येक वर्ष 11 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस (International Day of the Girl Child) के रूप में घोषित करने का एक प्रस्ताव अपनाया, जिससे शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, पोषण, कानून और सुरक्षा के क्षेत्र में लड़कियों के साथ व्यवहार में सुधार लाने की दृष्टि से दुनिया भर में लड़कियों की जागरूकता बढ़ायी जा सकती है।
आईएएनएस/PT