Treadmill : साल 1952 में डॉ. रॉबर्ट ए. ब्रूस जो एक अमेरिकी हार्ट डिजीज स्पेशलिस्ट थे, जिन्हें 'फादर ऑफ एक्सरसाइज कार्डियोलॉजी' के रूप में भी जाना जाता है। (Wikimedia Commons) 
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पहले कैदियों को सजा देने के लिए किया जाता था ट्रेडमिल का इस्तेमाल

न्यूज़ग्राम डेस्क

Treadmill : लोग फिटनेस के लिए कई तरीके अपनाते हैं। डाइट से लेकर जिम में वर्कआउट तक, लोग फिट और हेल्दी रहने के लिए काफी कुछ करते हैं। बात जब भी जिम की आती है, तो अधिकतर लोगों के मन में ट्रेडमिल का ख्याल आता है। यह जिम में इस्तेमाल होने वाले सबसे लोकप्रिय फिटनेस डिवाइस में से एक माना जाता है, कुछ लोग तो इसे अपने घरों में भी रखते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि आज आप जो ट्रेडमिल देखते हैं, दरअसल इसका उपयोग पहले मकई पीसने के लिए इस्तेमाल होता था।

मकई पीसने के काम आता था ट्रेडमिल

ट्रेडमिल के आविष्कार का श्रेय सर विलियम क्यूबिट नामक एक सिविल इंजीनियर को जाता है। इन्होंने सन् 1818 में ट्रेडमिल बनाया था, जिसे रनिंग व्हील के रूप में भी जाना जाता है। क्यूबिट मिल श्रमिकों के परिवार में इसका जन्म हुआ था और वे वहीं पले-बढ़े इसलिए उन्होंने मक्का पीसने के लिए इस उपकरण का आविष्कार किया था। उस दौरान उन्होंने इसे 'ट्रेडव्हील' का नाम दिया था।

ट्रेडव्हील से कैदियों को दी जाने लगी सजा

ट्रेडव्हील के डिजाइन को क्यूबिट ने कई रुप दिए, जिसमें एक ऐसा डिजाइन भी शामिल था, लेकिन उनका सबसे लोकप्रिय डिजाइन लंदन की ब्रिक्सटन जेल में स्थापित किया गया था। इसमें एक चौड़ा पहिया शामिल था और कैदी अपने पैरों को पहिये में लगे सीढ़ीनुमा खांचे पर दबाते थे, जिससे पहिया घूमता था।

इस जेल में लगा ट्रेडव्हील एक अंडरग्राउंड मशीन से जुड़ा था, जो मकई यानी कॉर्न पीसती थी। इस तरह इससे अनाज भी पीसता रहता था और कैदियों को सजा भी मिलती रहती थी। इस मशीन की मदद से एक साथ 24 कैदियों को व्यस्त रखा जाता था। उन कैदियों से गर्मियों में प्रतिदिन 10 घंटे और सर्दियों में सात घंटे कड़ी मेहनत कराई जाती थी।

कैदियों से गर्मियों में प्रतिदिन 10 घंटे और सर्दियों में सात घंटे कड़ी मेहनत कराई जाती थी। (Wikimedia Commons)

अच्छे स्वास्थ्य के लिए है उपयोगी

इसके बाद जब 1911 में क्लॉड लॉरेन हेगन नाम के एक व्यक्ति ने इसके लिए पेटेंट के लिए आवेदन किया था। यहां पर साल 1822 में जेल में इनका इस्तेमाल होने, लेकिन यहां भी हालात ब्रिटेन की ही तरह रहे। ऐसे में कुछ समय बाद यह सामने आया कि सीमित समय में इस पर चलने से सेहत को कई फायदे मिलते हैं और इस तरह इसका इस्तेमाल फिटनेस के लिए होना शुरु हुआ। इसके बाद पहली बार स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए ट्रेडमिल को डिजाइन किया गया, जो हमारे आधुनिक ट्रेडमिल जैसा दिखता था।

घरेलू ट्रेडमिल की शुरुआत

फिर साल 1952 में डॉ. रॉबर्ट ए. ब्रूस जो एक अमेरिकी हार्ट डिजीज स्पेशलिस्ट थे, जिन्हें 'फादर ऑफ एक्सरसाइज कार्डियोलॉजी' के रूप में भी जाना जाता है। उन्होंने वाशिंगटन यूनिवर्सिटी में पहली मोटर से चलने वाली ट्रेडमिल का आविष्कार किया। इसके बाद अमेरिकी मैकेनिकल इंजीनियर विलियम स्टॉब ने 1960 के दशक में एक होम फिटनेस मशीन बनाई। उन्होंने इसे पेस मास्टर 600 का नाम दिया और न्यू जसीं में घरेलू ट्रेडमिल का निर्माण किया, जिसका कोई भी घरों में इस्तेमाल कर सकता था।

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