सही मायने में 'आत्मनिर्भर भारत' तभी बनेगा, जब 'आत्मनिर्भर नारी' की अवधारणा बनेगी: राष्ट्रपति

 

IANS

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सही मायने में 'आत्मनिर्भर भारत' तभी बनेगा, जब 'आत्मनिर्भर नारी' की अवधारणा बनेगी: राष्ट्रपति

राष्ट्रपति ने जोर देकर कहा, "हमारी घोषित राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुरूप, नारी शक्ति को 'अमृत काल' के दौरान अपने लिए निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने में एक प्रमुख भूमिका निभानी है।"

न्यूज़ग्राम डेस्क

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) ने यहां मंगलवार को महिलाओं के सशक्तिकरण के चरण से महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास के चरण में तेजी से आगे बढ़ने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि महिलाओं की बड़ी भागीदारी से समग्र विकास होता है। सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी, हैदराबाद (Hyderabad) में भारतीय पुलिस सेवा प्रोबेशनर्स के 74वें बैच को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, "हमें महिलाओं को सशक्त बनाने के चरण से महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास के चरण की ओर तेजी से आगे बढ़ना चाहिए। यह पहले से ही कई क्षेत्रों में हो रहा है। यह बहुत बड़े तरीके से होना चाहिए।"

राष्ट्रपति ने जोर देकर कहा, "हमारी घोषित राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुरूप, नारी शक्ति को 'अमृत काल' के दौरान अपने लिए निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने में एक प्रमुख भूमिका निभानी है।"

उन्होंने कहा, "सही मायने में 'आत्मनिर्भर भारत' तभी बनेगा, जब 'आत्मनिर्भर नारी' की अवधारणा बनेगी। यह बहुत सही कहा गया है कि जब आप एक महिला पर निवेश करते हैं, तो महिला हर किसी पर निवेश करती है। यह जानकर खुशी होती है कि महिलाएं हमारी लोकतांत्रिक प्रक्रिया में अधिक भागीदारी का प्रदर्शन कर रही हैं।"

हाल के दिनों में महिला मतदाताओं की बढ़ती हिस्सेदारी को भारतीय लोकतंत्र की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक बताते हुए कहा कि महिलाओं के नेतृत्व की पाइपलाइन को जीवन के हर क्षेत्र में बड़ा और मजबूत बनाना होगा।

राष्ट्रपति ने इस बात पर भी जोर दिया कि महिला पुलिस अधिकारियों की तरह नेतृत्व के पदों पर महिलाओं को हमेशा अन्य महिलाओं, विशेष रूप से कमजोर लोगों की मदद करनी चाहिए।

उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि आईपीएस प्रोबेशनर्स के प्रशिक्षण मॉड्यूल में लिंग संबंधी जानकारी को एकीकृत किया गया है। उन्होंने कहा कि उन्हें यह जानकर बेहद खुशी हुई कि आईपीएस (IPS) के पिछले तीन लगातार बैचों के लिए महिला अधिकारी प्रशिक्षुओं को सर्वश्रेष्ठ परिवीक्षाधीन के रूप में मान्यता दी गई है।

राष्ट्रपति ने कहा, "महिलाओं के खिलाफ अपराध हमारे समाज पर एक धब्बा है। आइए, हम सभी परिवर्तनकारी बदलाव लाने का संकल्प लें। आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि देर रात में अकेले यात्रा करने वाली एक लड़की सुरक्षित महसूस करे। सभी को यह सुनिश्चित करना होगा कि साथी नागरिक महिलाओं की गरिमा के लिए अपमानजनक प्रथाओं का त्याग करने के मौलिक कर्तव्य का पालन करें, जैसा कि हमारे संविधान में कहा गया है।"

उन्होंने कहा कि जब देश 'आजादी का अमृत महोत्सव' मना रहा है, तो राष्ट्र दुनिया के सबसे बड़े और सबसे जीवंत लोकतंत्र को बनाए रखने और मजबूत करने में हमारे पुलिस बल के समृद्ध योगदान को स्वीकार करता है। भारतीय पुलिस ने भी देश की एकता को बनाए रखने में अपना बहुत बड़ा योगदान दिया है। भारत (India) की आंतरिक सुरक्षा के लिए हजारों बहादुर पुलिस कर्मियों ने अपने प्राणों की आहूति दी है। उन्होंने कर्तव्य की वेदी पर अपने प्राणों की आहुति देने वाले आईपीएस अधिकारियों के प्रति अपना सम्मान व्यक्त किया है।

उन्होंने पुलिस को सरकार का सबसे प्रत्यक्ष अंग बताते हुए कहा कि पुलिस बल लोगों के भरोसे को नियंत्रित करता है, यह सरकार की छवि को बढ़ाता है। पुलिस का सम्मान और विश्वास तभी होगा, जब उसके नीचे का पूरा बल, अंतिम कांस्टेबल तक सतर्कता, संवेदनशीलता और ईमानदारी प्रदर्शित करेगा।

आईएएनएस/RS

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