International Customs Day हर साल 26 जनवरी को मनाया जाता है।

 

Customs Day (सांकेतिक /Wikimedia Commons)

राष्ट्रीय

आइए जानते हैं सीमा शुल्क दिवस के इतिहास के बारे में : Customs Day

अंतराष्ट्रीय सीमा शुल्क दिवस ( International Customs Day) हर साल 26 जनवरी को मनाया जाता है। दो देशों की सीमाओं को जोड़ता हुआ यह सीमा शुल्क उनके बीच हो रहे व्यापार के लिए लगाया जाता है। आइए जानते हैं इस दिवस के बारे में

न्यूज़ग्राम डेस्क, Vishakha Singh

न्यूज़ग्राम हिंदी: अंतराष्ट्रीय सीमा शुल्क दिवस ( International Customs Day) हर साल 26 जनवरी को मनाया जाता हैं। दो देशों की सीमाओं को जोड़ता हुआ यह सीमा शुल्क उनके बीच हो रहे व्यापार के लिए लगाया जाता है। आइए जानते हैं इस दिवस के बारे में

इस दिवस को मानने की शुरुआत 1983 में सीमा शुल्क सहयोग परिषद द्वारा की गई। साल 1950 में यूरोपीय संघ द्वारा सीमा शुल्क अध्ययन किया  गया और इस परिषद की स्थापना की गई। इस परिषद का काम विश्व भर में हो रहे आर्थिक मुद्दों पर काम करना है। 1994 में परिषद का नाम बदलकर विश्व सीमा शुल्क संगठन कर दिया गया। आज 184 देश इस संगठन का हिस्सा हैं।

सीमा शुल्क किसी भी देश के अंदर आने वाले और बाहर जाने वाले समान के ऊपर लगने वाला शुल्क है। विश्व सीमा शुल्क संगठन इसी सीमा शुल्क के सुचारू प्रबंधन के लिए काम करता है। यह संगठन सुनिश्चित करता है कि दो देशों के बीच सीमा शुल्क के चलते अच्छे आर्थिक संबंध हो।

बात करते हैं भारत और उसकी सीमाओं की। आपको बता दें कि भारत 7 देशों से सीमाएं साझा करता है। यह कुल 15106.7 किलोमीटर लंबा है और इसके साथ 7516 किलोमीटर की समुद्री सीमा भी साझा करता है।

देश के सभी राज्यों में से सबसे ज़्यादा अंतरराष्ट्रीय सीमाएं पश्चिम बंगाल से लगती हैं (2509.7 किलोमीटर) और सबसे कम सीमा साझा करने वाला राज्य है नागालैंड (125 किलोमीटर)। लद्दाख एक मात्र ऐसा राज्य है जहां तीन देशों की सीमाएं लगती हैं, पाकिस्तान, चीन और अफगानिस्तान। यही कारण है कि सुरक्षा की स्थिति से यह काफ़ी महत्वपूर्ण राज्य है।

आज के दिन विश्व सीमा शुल्क संगठन पूरे विश्व में सीमा शुल्क को लेकर जागरूकता फैलाने और इस विषय पर किए कामों के समीक्षा करता है।

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