पुलिस के अनुसार, आरोपियों ने जन्म प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए जाली और फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया। इस घोटाले के बाद प्रशासन में हड़कंप मचा है, क्योंकि जन्म प्रमाणपत्र पहचान और नागरिकता से जुड़े सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों में से एक माना जाता है।
मुलुंड पुलिस (Mulund Police) ने यह मामला भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धाराओं 336(3), 340(2), 318(4), 3(5) और जन्म पंजीकरण अधिनियम की धारा 23 के तहत दर्ज किया है। इन धाराओं के तहत फर्जी दस्तावेज बनाना, सरकारी रिकॉर्ड में गलत जानकारी देना और धोखाधड़ी (Fraud) जैसे अपराध शामिल हैं। आरोपी नजमा खातून, अशरफ अखबर खान, मोहम्मद अउसफ मोहम्मद अल्ताफ सिद्दीकी, गौसिया परवीन शेख है।
महाराष्ट्र भाजपा नेता और पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने इस मामले में 367 लोगों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। उनका दावा है कि कई लोग अलग-अलग इलाकों में फर्जी दस्तावेज जमा कर जन्म प्रमाणपत्र बनवा रहे हैं और उसके आधार पर आगे चलकर अपनी नागरिकता साबित करने का प्रयास कर रहे हैं।
सोमैया ने दावा किया कि फेक बर्थ सर्टिफिकेट (Birth Certificate) बनाने वाला गिरोह कई राज्यों में सक्रिय है।
पुलिस अब प्राप्त दस्तावेजों और आवेदन पत्रों की गहन जांच कर रही है। शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि आरोपी (Accused) अलग-अलग नामों, पते और फर्जी प्रमाणों का इस्तेमाल कर जन्म प्रमाणपत्र प्राप्त करने का प्रयास कर रहे थे। पुलिस ने संबंधित विभागों और नगरपालिका अधिकारियों से भी रिकॉर्ड तलब किए हैं।
मामला सामने आने के बाद अन्य जिलों में भी सतर्कता बढ़ाई गई है और जन्म प्रमाणपत्र जारी करने की प्रक्रियाओं की गहन समीक्षा की जा रही है। पुलिस का कहना है कि जांच आगे बढ़ने के साथ और भी नाम सामने आ सकते हैं।
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