वीडियो का क्लिप व्यापक तरीके से शेयर किया गया, लेकिन जब असली संदर्भ सामने आया [X] 
राजनीति

धर्म, जाति और राजनीति के बीच एक अधूरे वीडियो ने खड़ा किया बवाल!

सोशल मीडिया (Social Media) पर एक वीडियो तेज़ी से वायरल हो रहा है, जिसमें समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और कथावाचक अनिरुद्धाचार्य (Aniruddhacharya) की सड़क पर हुई अचानक मुलाकात दिखाई दे रही है। इस मुलाकात के दौरान अनिरुद्धाचार्य (Aniruddhacharya) ने 'शूद्र' शब्द का उल्लेख किया, जिस पर अखिलेश ने खड़ी नाराज़गी जताई और कहा, “अब किसी को शूद्र मत कहना।”

न्यूज़ग्राम डेस्क

सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेज़ी से वायरल हो रहा है, जिसमें समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और कथावाचक अनिरुद्धाचार्य (Aniruddhacharya) की सड़क पर हुई अचानक मुलाकात दिखाई दे रही है। इस मुलाकात के दौरान अनिरुद्धाचार्य (Aniruddhacharya) ने 'शूद्र' शब्द का उल्लेख किया, जिस पर अखिलेश ने नाराज़गी जताई और कहा, “अब किसी को शूद्र मत कहना।” वीडियो का क्लिप व्यापक तरीके से शेयर किया गया, लेकिन जब असली संदर्भ सामने आया तो स्थिति और ज़्यादा जटिल दिखाई दी। इस अधूरे वीडियो की पूरी कहानी अब जाकर सामने आई है। तो चलिए हम आपको विस्तार से बताते हैं कि उसे छोटे से क्लिप से जुड़ा पुर माजरा क्या था?

अखिलेश ने नाराज़गी जताई और कहा, “अब किसी को शूद्र मत कहना। [X]

वायरल हुआ वीडियो

यह संक्षिप्त मुलाकात लखनऊ आगरा एक्सप्रेसवे पर हुई, जहां महामारी जैसी परिस्थितियों में भी नेताओं और धर्मगुरुओं की बातें चर्चा में रहती हैं। अनिरुद्धाचार्य (Aniruddhacharya) कथन में वर्ण व्यवस्था की व्याख्या करते हुए शूद्र का जिक्र कर रहे थे, जिसे उन्होंने धार्मिक संदर्भ में समझाया। इसके तुरंत बाद वीडियो क्लिप सोशल मीडिया (Social Media) पर सामने आई, जिसमें यह स्पष्ट न था कि उनके शब्दों का मुख्य मुद्दा क्या था। अचानक प्रसारित इस बात ने जातिगत अपमान और शब्दों की शक्ति पर बहस को जन्म दिया।

जब यह क्लिप वायरल हुई, तो कई लोगों ने इसे जात-पात और धर्मनिरपेक्षता के दृष्टिकोण से देखा। कुछ लोगों ने माना कि वीडियो में छल-कपट है, क्योंकि संदर्भ खो गया था। वहीं भाजपा और विपक्ष दोनों की तरफ़ से बयान भी सामने आने शुरू हुए, जिससे यह मामूली बातचीत राजनीतिक बनती नजर आई।

लोगों का फूटा गुस्सा

कुछ न्यूज वेबसाइट ने वीडियो का पूरा सच सामने लाने में मदद की। वीडियो में दिखाया गया कि अनिरुद्धाचार्य (Aniruddhacharya) ने कुछ धार्मिक क़िस्सों का हवाला देते हुए वर्ण व्यवस्था पर कुछ टिप्पणी की , लेकिन स्पष्टता नहीं थी कि वे शूद्र को किसी विशेष समाजवर्ग का अपमान मान रहे थे या उसे एक कॉस्मिक भूमिका दे रहे थे। मैसेज की असलियत स्पष्ट नहीं थी, मगर विडियो में अचानक शामिल भागों ने यह संदेश दिया कि उन्होंने किसी समुदाय को 'नीचे' बताया। जब अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने जवाब दिया"अब किसी को शूद्र मत कहना", तो वह केवल एक संवेदी टिप्पणी नहीं थी, बल्कि समाजवादी विचारधारा पर पक्षधरता को दर्शा रही थी ।

उन्होंने ऐसा कहकर यह सुनिश्चित किया कि किसी भी व्यक्ति को वर्ण के आधार पर अपमानित नहीं किया जाना चाहिए। इस वीडियो के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कई लोगों का गुस्सा नजर आया कुछ लोगों ने अनिरुद्ध आचार्य (Aniruddhacharya) को फर्जी बताया तो कुछ ने कहा कि यह राजनीतिक ड्रामे का हिस्सा है,जहां सियासत और धर्म को जोड़कर चर्चा शुरू की गई। लेकिन बाद में यह भी सामने आया कि वीडियो में जो हिस्सा वायरल हुआ, वह केवल अंश मात्र था, अंत तक पूरा संदर्भ सामने नहीं दिया गया।

‘शूद्र’ वाली वीडियो की सच्चाई

यह सच है कि अनिरुद्धाचार्य (Aniruddhacharya) ने ‘शूद्र’ शब्द प्रयोग किया, लेकिन उन्होंने इसे धार्मिक वर्ण व्यवस्था की व्याख्या के लिए किया था। वायरल वीडियो में केवल मुश्किल हिस्सा पकड़ा गया, लेकिन वे उस समय वेद, पुराण और रामायण आदि के माध्यम से ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र वर्णों की उत्पत्ति और भूमिका समझा रहे थे, जैसे शूद्र ब्रह्मा के पैरों से उत्पन्न हुए। असल में, उनकी बात का उद्देश्य जातीय श्रेष्ठता के लिए नहीं थीं, बल्कि प्रत्येक वर्ण की गरिमा और योगदान पर प्रकाश डालना था। लेकिन अखिलेश ने स्पष्ट ही कह दिया कि किसी को ‘शूद्र’ कहकर अपमानित नहीं किया जा सकता, क्योंकि यह शब्द जातिगत विभाजन का संकेत बन सकता है।

यह सच है कि अनिरुद्धाचार्य ने ‘शूद्र’ शब्द प्रयोग किया, लेकिन उन्होंने इसे धार्मिक वर्ण व्यवस्था की व्याख्या के लिए किया था। [X]

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सोशल मीडिया आज के समय में इतना खतरनाक हो चुका है कि छोटे से छोटी चीज को भी बहुत बड़ा प्रदर्शित किया जाता है। जहां सोशल मीडिया के कई फायदे हैं वही सोशल मीडिया के फर्जी वीडियो जैसे नुकसान भी हैं। [Rh/SP]

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