केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पेटेंट कार्यालयों के अलावा, उपयोगकर्ताओं (यूजर्स) के लिए भी पारंपरिक ज्ञान डिजिटल लाइब्रेरी (TKDL) डेटाबेस तक पहुंच का विस्तार करने की मंजूरी दे दी है।
केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यूजर्स के लिए TKDL डेटाबेस खोलने से भारतीय पारंपरिक ज्ञान तक अधिक पहुंच प्रदान करने में मदद मिलेगी।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, TKDL के खुलने से नई शिक्षा नीति 2020 के तहत भारतीय ज्ञान परंपरा के माध्यम से विचार और ज्ञान नेतृत्व को बढ़ावा मिलेगा।
बयान में कहा गया है, भारतीय पारंपरिक ज्ञान में राष्ट्रीय और वैश्विक जरूरतों को पूरा करने की अपार क्षमता है, जिससे सामाजिक लाभ के साथ-साथ आर्थिक विकास भी होगा। उदाहरण के लिए, हमारे देश की चिकित्सा और स्वास्थ्य की पारंपरिक प्रणाली, यानी आयुर्वेद, सिद्ध, यूनानी, सोवा रिग्पा और योग आज भी देश-विदेश के लोगों की आवश्यकताओं को पूरा कर रहे हैं।
हाल में कोविड-19 महामारी के दौरान भी भारतीय पारंपरिक दवाओं का व्यापक उपयोग देखा जा रहा है, जिनके लाभों में प्रतिरक्षा क्षमता को बढ़ाने से लेकर लक्षणों के अनुरूप राहत देना तथा वायरस के प्रकोप को कम करना शामिल हैं।
इस साल की शुरूआत में, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अप्रैल में भारत में अपना पहला विदेश स्थित ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन (GCTM) स्थापित किया। यह केंद्र दुनिया की वर्तमान और उभरती जरूरतों को पूरा करने में पारंपरिक ज्ञान की निरंतर प्रासंगिकता को प्रदर्शित करता है।
कैबिनेट की मंजूरी से पेटेंट कार्यालयों से परे डेटाबेस की पहुंच बढ़ाने में मदद मिलेगी और नवाचार और व्यापार को बढ़ाने की दिशा में मौजूदा प्रथाओं के साथ पारंपरिक ज्ञान के एकीकरण को सक्षम बनाया जा सकेगा।
(आईएएनएस/AV)