Atmanirbhar Bharat बनाने के लिए आत्म निर्भर गाँव जरूरी: Amit Shah
Atmanirbhar Bharat बनाने के लिए आत्म निर्भर गाँव जरूरी: Amit Shah IANS
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Atmanirbhar Bharat बनाने के लिए आत्मनिर्भर गाँव जरूरी: Amit Shah

न्यूज़ग्राम डेस्क

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने रविवार को कहा कि आत्मनिर्भर भारत (Atmanirbharbharat) का स्वप्न तभी पूरा हो सकता है, जब आत्मनिर्भर गांवों की संख्या बढ़ेगी। उन्होंने अपने गुजरात दौरे के तीसरे दिन इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल मैनेजमेंट आणंद (IRMA) के 41वें वार्षिक दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि सहकारी क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए IRMA को और अधिक योगदान देने की जरूरत है, क्योंकि सहकारिता समावेशी है। सहकारिता को अधिक समावेशी, पारदर्शी, आधुनिक और टेक्नोलॉजीयुक्त बनाना है। सहकारिता के माध्यम से व्यक्ति और गांव को आत्मनिर्भर भी बनाना है। ये सब तभी हो सकता है जब इरमा जैसे संस्थान अपना योगदान बढ़ाएंगे।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस देश के ग्रामीण विकास को गति देना, देश के अर्थतंत्र में ग्रामीण विकास को योगदान देने वाला बनाना और ग्रामीण विकास के माध्यम से गांव में रहने वाले हर व्यक्ति को समृद्धि की ओर ले जाना, ये किए बिना देश कभी आत्मनिर्भर नहीं हो सकता। अगर आधुनिक जमाने में ग्रामीण विकास करना है तो इसके लिए पाठ्यक्रम बनाने होंगे, इसे फॉर्मलाइज करना होगा और आज के जमाने की जरूरतों के हिसाब से ग्रामीण विकास को परिवर्तित करके जमीन पर उतारना होगा।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कल्पना और अपेक्षा से भी आगे बढ़कर सहकारिता विभाग देश के ग्रामीण विकास (Rural Development) में अपनी भूमिका बहुत अच्छी तरह से निभाएगा और ग्रामीण विकास द्रुतगति से होगा।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, "आज भी 70 प्रतिशत भारत गांवों में बसता है और सुविधाओं के आभाव के कारण यह देश के विकास में अपना योगदान देने से महरूम रह जाता है। अगर इसी 70 प्रतिशत टैलेंट को देश के अर्थतंत्र को गति देने के काम से जोड़ दिया तो पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का सपना पांच वर्षो में पूरा हो जाएगा।"

केंद्रीय मंत्री ने कहा, "आज 251 युवा यहां से डिग्री लेकर जाएंगे। आज आप लोग यहां से शिक्षित होकर जा रहे हैं, लेकिन अपने साथ-साथ उनका भी विचार करें, जिनके लिए अच्छा जीवन, शिक्षा, दो व़क्त की रोटी एक स्वप्न है। करोड़ों रुपये कमाने पर भी आपको संतोष प्राप्त नहीं होगा, लेकिन अपने जीवन में एक व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाने के बाद आपको आत्मसंतोष प्राप्त होगा। मुक्ति तभी मिलती है जब जीवन में संतोष होता है और संतोष दूसरों के लिए काम करने से ही मिलता है।"
(आईएएनएस/PS)

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