Kamada Ekadashi 2024 Date: हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का बहुत ही महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एकादशी व्रत के दिन भगवान विष्णु की विधिवत उपासना करने से जीवन में आ रहे विघ्न तथा समस्याएं दूर हो जाती है। वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन कामदा एकादशी व्रत रखा जाता है। कामदा एकादशी के दिन पूजा-पाठ और व्रत रखने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। आपको बता दें कि हिंदू नव वर्ष, चैत्र नवरात्रि तथा राम नवमी के बाद यह पहली एकादशी है, जो बहुत ही खास मानी जाती है। आइए जानते हैं, किस दिन रखा जाएगा कामदा एकादशी का व्रत?
वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 18 अप्रैल शाम 05:31 पर शुरू होगी और इस तिथि का समापन 19 अप्रैल रात्रि 08:04 पर हो जाएगा। एकादशी व्रत के लिए उदया तिथि को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है, इसलिए यह व्रत 19 अप्रैल शुक्रवार के दिन रखा जाएगा। इसके साथ वैष्णव संप्रदाय में भी इसी दिन कामदा एकादशी व्रत रखा जाएगा। इसके साथ ही व्रत का पारण 20 अप्रैल को सुबह 05:50 से सुबह 08:30 के बीच किया जाएगा।
इस दिन उपवास रखने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। इस विशेष दिन पर भगवान विष्णु के साथ-साथ माता लक्ष्मी की उपासना का भी विधान है। इस दिन मां लक्ष्मी की उपासना करने से धन, ऐश्वर्य और सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है। कामदा एकादशी के दिन दान-पुण्य करने से भी विशेष लाभ प्राप्त होता है और आर्थिक एवं कार्यक्षेत्र में आ रही बाधाएं भी दूर हो जाती हैं।
कामदा एकादशी के दिन सुबह उठकर, स्नान कर के पीले वस्त्र धारण करें। इसके बाद चौकी पर साफ कपड़ा श्रीहरि और मां लक्ष्मी की मूर्ति विराजमान करें। इसके बाद भगवान को हल्दी, अक्षत, चंदन, फूल आदि चढ़ा दें। अब घी का दीपक जलाकर आरती करें। विष्णु चालीसा और मंत्रों का जाप करें। भगवान विष्णु से जीवन में सुख और शांति के लिए प्रार्थना करें। अंत में प्रभु का भोग लगाकर लोगों में प्रसाद का वितरण करें। फिर घी का दीपक, धूप जलाकर एकादशी की कथा का पढ़कर आरती कर लें। इसके साथ ही शाम के समय तुलसी माता के सामने घी का दीपक अवश्य जलाना चाहिए।