महंत ने किया यंबकेश्वर में सूफी दरगाह के नीचे हिंदू मंदिर होने का दावा

(IANS)

 

बाबा गोरखनाथ (Baba Gorakhnath)

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महंत ने किया यंबकेश्वर में सूफी दरगाह के नीचे हिंदू मंदिर होने का दावा

यंबकेश्वर में स्थानीय लोगों और पुलिस ने इस बात से इनकार किया है कि 13-14 मई को कथित तौर पर वहां कोई हिंसा या झड़प हुई थी। तब से शहर में स्थिति सामान्य बनी हुई है।

न्यूज़ग्राम डेस्क

न्यूजग्राम हिंदी:  नासिक (Nasik) के यंबकेश्वर में जारी विवाद को नया मोड़ देते हुए एक महंत ने शुक्रवार को दावा किया कि यंबकेश्वर (Yambakeshwar) मंदिर के पास एक प्रमुख दरगाह (मकबरे) के नीचे एक हिंदू मंदिर मौजूद है। अखिल भारतीय संत समिति (महाराष्ट्र) के नेता महंत अनिकेत शास्त्री (Aniket Shastri) ने तर्क दिया है कि हजरत पीर सैयद गुलाब शाहवाली बाबा (Hazrat Gulab shah Baba) की दरगाह दरअसल बाबा गोरखनाथ (Baba Gorakhnath) के नाथ संप्रदाय की एक गुफा पर बनी है।

महंत शास्त्री ने मीडियाकर्मियों से कहा, वहां भगवान गणेश, अन्य देवताओं और प्रतीकों सहित कई हिंदू मूर्तियां हैं। हम मांग करते हैं कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यहां एक उचित सर्वेक्षण करे और सच्चाई सामने लाए।

इतिहासकारों से यह जानकारी मिलने का दावा करते हुए उन्होंने यह संकेत दिया कि सभी समुदायों के लोगों द्वारा पूजनीय दरगाह कथित तौर पर नाथ संप्रदाय के एक पुराने मंदिर को गिराकर बनाई गई थी।

दरगाह में वार्षिक 'उर्स (Urs)' के दौरान यंबकेश्वर मंदिर में 'धूप' दिखाने की सदियों पुरानी प्रथा के बदले में महंत शास्त्री ने गुरुवार को मस्जिदों में हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa) का पाठ करने का आह्वान किया था।

सरकार द्वारा नियुक्त एसआईटी मामले की जांच के लिए शुक्रवार को यंबकेश्वर मंदिर पहुंची जो इस तीर्थस्थल में कथित झड़पों के बाद 13 मई को सुर्खियों में आया। एसआईटी दरगाह के अधिकारियों से भी मुलाकात करेगी।

नंदनवन से शिवलिंग

इस बीच, मुंबई में राज्य कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक संजय सक्सेना से मुलाकात की और यंबकेश्वर मंदिर तथा राज्य के विभिन्न हिस्सों में हाल ही में हुई सांप्रदायिक झड़पों पर चर्चा की।

पटोले ने उनसे जानना चाहा कि पुलिस घृणा फैलाने वाले बयान देने वाले राजनीतिक नेताओं के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज क्यों नहीं कर रही है या कोई कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है, जैसा कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है - विशेष रूप से सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के खिलाफ।

पिछले एक सप्ताह में अकोला, अहमदनगर और फिर नासिक में अलग-अलग कारणों से सांप्रदायिक दंगे हुए हैं। हालांकि यंबकेश्वर में स्थानीय लोगों और पुलिस ने इस बात से इनकार किया है कि 13-14 मई को कथित तौर पर वहां कोई हिंसा या झड़प हुई थी। तब से शहर में स्थिति सामान्य बनी हुई है।

--आईएएनएस/PT

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