Mauni Amavasya 2024 : इस दिन किए गए  पूजन से अन्य दिनों की तुलना में अधिक पुण्य प्राप्त होता है और ग्रह दोषों के प्रभाव भी कम होते हैं। (Wikimedia Commons)
Mauni Amavasya 2024 : इस दिन किए गए पूजन से अन्य दिनों की तुलना में अधिक पुण्य प्राप्त होता है और ग्रह दोषों के प्रभाव भी कम होते हैं। (Wikimedia Commons) 
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कब है मौनी अमावस्या? आइए जानें क्या है इसका महत्व

न्यूज़ग्राम डेस्क

Mauni Amavasya 2024 : माघ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को माघी अमावस्या या मौनी अमावस्या कहा जाता है। मौनी अमावस्या के दिन लोग पवित्र नदी में डुबकी लगाते हैं। शास्त्रों में बताया गया है यदि इस दिन मौन रहकर दान और स्नान किया जाए तो ग्रह दोषों से छुटकारा मिलता है। मान्यता है कि इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान के बाद दान करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। इस दिन किए गए दान-पुण्य और पूजन से अन्य दिनों की तुलना में अधिक पुण्य प्राप्त होता है और ग्रह दोषों के प्रभाव भी कम होते हैं। इस दिन प्रात: स्नान के बाद सूर्य को दूध, तिल से अर्घ्य देना भी विशेष लाभकारी होता है। ऐसे में आइए जानते हैं इस साल मौनी अमावस्या कब है और इसका क्या महत्व है।

क्यों रखना चाहिए मौन व्रत ?

जैसा की आप सभी जानते है अमावस्या के दिन चांद नहीं दिखता है जिसके कारण मानसिक स्थिति खराब होने की संभावना बनी रहती हैं। कहा जाता है कि इस दिन मौन रहने से मानसिक स्थित सही रहती है और मन कमजोर नहीं होता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन ऋषि की तरह मौन रहना चाहिए और कटु वचन बोलने से बचना चाहिए। ऐसा करने से अच्छे परिणाम मिलते हैं। मौनी अमावस्या पर भगवान शिव और विष्णु जी की पूजा करने से मौक्ष की प्राप्ति होती है।

कब है मौनी अमावस्या ?

हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल माघ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि की शुरुआत 9 फरवरी को सुबह 8 बजकर 02 मिनट से होगी। अगले दिन यानी 10 फरवरी को सुबह 4 बजकर 28 मिनट पर इसका समापन होगा यानी इस साल 9 फरवरी को मौनी अमावस्या मनाई जाएगी।

आप अमावस्या के दिन दान देंगे तो इसे शास्त्रों में बहुत शुभ माना गया है। (Wikimedia Commons)

जरूरतमंदों को दान जरूर दें इस दिन

सभी अमावस्या तिथियों में मौनी अमावस्या को सर्वश्रेष्ठ माना गया है। मौनी अमावस्या के दिन मौन रहना बेहद शुभ होता है। इस दिन सुबह किसी पवित्र नदी में स्नान जरूर करें। यदि आप किसी पवित्र नदी में स्नान करने में असमर्थ हैं तब आप घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं साथ ही आप अमावस्या के दिन तिल, तिल के लड्डू, तिल का तेल, वस्त्र और आंवला दान देंगे तो इसे शास्त्रों में बहुत शुभ माना गया है। इस दिन पितरों को अर्घ्य देना और पितृ तर्पण करना शुभ होता है।

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