स्वीडन और नीदरलैंड के बाद डेनमार्क में जलाई गई कुरान, तुर्की ने की निंदा (IANS)

 

समाचार एजेंसी शिन्हुआ

धर्म

स्वीडन और नीदरलैंड के बाद डेनमार्क में जलाई गई कुरान, तुर्की ने की निंदा

तुर्की के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को प्रदर्शन से पहले अंकारा में डेनमार्क के राजदूत डैनी अन्नान को तलब किया और रैसमस पलुदन को दी गई अनुमति को वापस लेने के लिए कहा।

न्यूज़ग्राम डेस्क

न्यूजग्राम हिंदी: तुर्की (Turkey) ने शुक्रवार को डेनमार्क (Denmark) में एक मस्जिद के पास एक धुर दक्षिणपंथी राजनेता द्वारा कुरान जलाने की निंदा की। तुर्की के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "हम कड़े शब्दों में निंदा करते हैं कि स्वीडन में हमारी पवित्र पुस्तक कुरान (Quran) के खिलाफ किए गए घृणित अपराध को कोपेनहेगन, डेनमार्क में आज फिर से करने की अनुमति दी गई है।"

बयान में कहा गया है, "तथ्य यह है कि स्वीडन और नीदरलैंड के बाद डेनमार्क में किए गए इस घृणित कृत्य को हमारी तमाम चेतावनियों के बावजूद नहीं रोका गया, यह चिंताजनक है, क्योंकि यह तथाकथित स्वतंत्रता का दुरुपयोग करके यूरोप में धार्मिक असहिष्णुता और घृणा के खतरनाक आयामों को उजागर करता है।"

समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, डेनमार्क के दूर-दराज राजनीतिक दल हार्ड लाइन के नेता रासमस पलुदन ने शुक्रवार को कोपेनहेगन में एक मस्जिद के सामने कुरान को जलाया।

पलुदन ने इससे पहले पिछले शनिवार को स्टॉकहोम में तुर्की दूतावास के बाहर कुरान को जलाया था, जिसके कारण तुर्की को नाटो की बोली पर स्वीडन और फिनलैंड के साथ एक त्रिपक्षीय तंत्र बैठक स्थगित करनी पड़ी थी।

तुर्की के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को प्रदर्शन से पहले अंकारा में डेनमार्क के राजदूत डैनी अन्नान को तलब किया और रैसमस पलुदन को दी गई अनुमति को वापस लेने के लिए कहा।

कुरान से जुड़ा विरोध हाल ही में अपनी तरह का तीसरा विरोध है।

अंकारा ने मंगलवार को अंकारा में डच दूत को अपना विरोध व्यक्त करने के लिए तलब किया, जब पश्चिम के इस्लामीकरण के खिलाफ एक दूर-दराज समूह पैट्रियोटिक यूरोपियन्स के नेता एडविन वैगन्सवेल्ड ने नीदरलैंड में एक कुरान के पन्नों को फाड़ दिया।

--आईएएनएस/PT

मोहम्मद शमी को कोर्ट से बड़ा झटका : पत्नी-बेटी को हर महीने देने होंगे 4 लाख रुपये !

जिसे घरों में काम करना पड़ा, आज उसकी कला को दुनिया सलाम करती है – कहानी दुलारी देवी की

सफलता की दौड़ या साइलेंट स्ट्रगल? कोरिया में डिप्रेशन की असली वजह

जहां धरती के नीचे है खजाना, वहां ऊपर क्यों है गरीबी का राज? झारखंड की अनकही कहानी

'कैप्टन कूल' सिर्फ नाम नहीं, अब बनने जा रहा है ब्रांड!