इस साल यानी 2023 में नरक चतुर्दशी 2 दिन मनाया जा रहा है। 11 नवंबर और 12 नवंबर को यह त्यौहार मनाया जा रहा है। 11 नवंबर की रात को पूजा और अनुष्ठान होंगे तो 12 नवंबर को सुबह अभ्यंग स्नान होगा। नरक चतुर्दशी की नरक से बचने के लिए एक उपाय जरूर करना चाहिए तो चलिए आपको हम विस्तार से उन उपायों के बारे में बताते हैं।
कहते हैं कि इस दिन शिव पूजा माता काली का भगवान वामन हनुमान जी यमदेव और भगवान कृष्ण की पूजा करने से मृत्यु के बाद नरक नहीं जाना पड़ता है। विष्णु मंदिर और कृष्ण मंदिर में भगवान का दर्शन करना चाहिए इसे पाप करता है और रूप सौंदर्य की प्राप्ति होती है। नरक चतुर्दशी के दिन घर में मुख्ता पांच दिए जलाने का प्रचलन है। इनमें से एक दिया घर के पूजा पाठ वाले स्थान दूसरा रसोई घर तीसरा उसे जगह जलाना चाहिए जहां हम पीने का पानी रखते हैं चौथ दिया पीपल या वट के पेड़ तले रखना चाहिए। वही पांचवा दिया घर के मुख्य द्वार पर जलाना चाहिए। इसके अलावा यदि और भी दिए यदि आप जलाना चाहते हैं तो साथ 13 14 या 17 की संख्या में जला सकते हैं कई लोग छोटी दिवाली की दिन 14 दीपक जलते हैं।
कई घरों में इस दिन रात को घर का सबसे बुजुर्ग सदस्य दिया जलाकर पूरे घर में घूमता है और फिर उसे घर से बाहर ले जाकर कहीं दूर रखता है। घर के अन्य सदस्य अंदर रहते हैं और इस दिए को नहीं देखे यह दिया यह का दिया कहलाता है। माना जाता है कि पूरे घर में इसे घूमर बाहर ले जाने से सभी बुराइयां और कथित बुरी शक्तियों घर से बाहर चली जाती है।
इस दिन जल्दी उठकर अच्छे से स्नान किया जाता है और रात्रि में इस दिन यह पूजा हेतु दीपक जलाए जाते हैं इस दिन एक पुराने दीपक में सरसों का तेल व पांच अन्य के दाने डालकर इसे घर की नली की ओर जलाकर रखा जाता है। यह दीपक यह दीपक कहलाता है इसी दिन यह की पूजा करने के बाद शाम को दहलीज पर उनके नियमित दीप जलाए जाते हैं जिसे अकाल मृत्यु नहीं होते हैं।